आम तौर पर पूंजी की कमी होती है, ऐसे में निवेशकों को आसानी से इस्तेमाल किए जा सकने वाले रेशियो की जरूरत है जिससे वे समझ सकें कि कंपनी कितने प्रभावी तरीके से अपनी पूंजी का इस्तेमाल कर रही है। असेट टर्नओवर रेशियो एक नंबर देकर इस जरूरत के एक पहलू को पूरा करता है। इस नंबर का इस्तेमाल कंपनी का हिस्टोरिकल एनॉलिसिस करने में या एक सेक्टर में अलग-अलग कंपनियों का क्रॉस- सेक्शनल एनॉलिसिस करने में किया जा सकता है।
इस मीट्रिक को इस्तेमाल करने में मुश्किल तब आती है जब इसे अलग-अलग इंडस्ट्रीज में काम कर रही कंपनियों के लिए लागू किया जाता है। उदाहरण के लिए, रिटेल इंडस्ट्री में काम करने वाली तेल उत्खनन स्पेस की कंपनियों की तुलना करने में यह ज्यादा कारगर नहीं होगा। इसकी वजह यह है कि इन कंपनियों का बिजनेस स्ट्रक्चर काफी अलग होगा। इसके अलावा, सेल्स पर फोकस करते हुए यह मीट्रिक अलग-अलग प्रॉफिट मार्जिन वाली कंपनियों में अंतर नहीं करता है।
इस मामले पर गौर करें: कल्याण ज्वैलर्स
गोल्ड ज्वैलर्स में, कल्याण ज्वैलर्स का असेट टर्नओवर रेशियो 1.01 गुना है जबकि टाइटन डायवर्सीफाइड पोर्टफोलियो के साथ एक स्थापित कंपनी है। इसका टर्नओवर रेशियो 1.46 है। ऐसे में निवेशक पहचान सकते हैं कि टाइटन कल्याण ज्वैलर्स की तुलना में 45 फीसदी अधिक सेल्स कर सकती है। इसलिए यह अधिक सक्षम कंपनी है।