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क्‍या है कैश फ्लो स्‍टेटमेंट

कैश फ्लो स्‍टेटमेंट सबसे अहम स्‍टेटमेंट है जिसे निवेशक अक्‍सर नजरअंदाज कर देते हैं। यहां आप इसके बारे में काम की बातें जानेंगे

क्‍या है कैश फ्लो स्‍टेटमेंट

परिचय

अब हमने प्रॉफिट एंड लॉस स्‍टेटमेंट ओर बैलेंश शीट को कवर कर लिया है। यह समय है कैश फ्लो स्‍टेटमेंट पर फोकस करने का। कैश फ्लो स्‍टेटमेंट बहुत सरल लेकिन ताकतवर फाइनेंशियल स्‍टेटमेंट है। जैसा इसके नाम से पता चलता है कि यह एक अवधि में हुए सारे कैश ट्रांजैक्‍शन की डिटेल मुहैया कराता है। निवेशक इस फाइनेंशियल स्‍टेटमेंट को समझ सकें इसके लिए जरूरी है कि वे इसकी हिस्‍ट्री, स्‍ट्रक्‍चर और कंटेंट के बारे में चीजों को समझें।

कैश फ्लो स्‍टेटमेंट क्‍या है ? हमें कैश फ्लो स्‍टेटमेंट की क्‍यों जरूरत है ?

प्रॉफिट एंड लॉस स्‍टेटमेंट और बैलेंश शीट के बाद कैश फ्लो स्‍टेटमेंट मॉडर्न अकाउंटिंग फ्रेमवर्क का तीसरा और अंतिम कंपोनेंट है। अलग अलग हेड के तहत आने वाले और जाने वाले कैश को जोड़ कर कैश फ्लो स्‍टेटमेंट इसके रीडर को एक अहम नंबर: नेट कैश फ्लो देता है। यह अकाउंटिंग पीरियड के दौरान कंपनी के पास उपलब्‍ध कुल कैश में बदलाव है।

लेकिन यह समझने के लिए कि निवेशकों को नेट कैश फ्लो जानने की जरूरत क्‍यों है, आपको एक कदम पीछे जाकर प्रॉफिट एंड लॉस स्‍टेटमेंट समझने की जरूरत है। प्रॉफिट एंड लॉस स्‍टेटमेंट को पढ़ने वाला एक व्‍यक्ति शायद अब तक यह जान गया हो कि अगर कोई कंपनी किसी वर्ष 100 रुपए का राजस्‍व होने का दावा करती है तो जरूरी नहीं हे कि उसने वास्‍तव में पूरे 100 रुपए हासिल कर लिए हो। आपको यह अजीब लग सकता है लेकिन ऐसा भूल वश नहीं है बल्कि इसे ऐसा बनाया ही गया है। यह पाया गया है कि समूचे अकाउंटिंग सिस्‍टम को सिर्फ इस आधार पर न बनाने के कि जब कैश पूरी तरह से हासिल हो गया हो, कुछ खास फायदे हैं। इस सिद्धांत को एक्रुअल-अकाउंटिंग कहा जाता है और यह मॉडर्न फाइनेंशियल अकाउंटिंग स्‍टैंडर्ड्स का आधार है।

लेकिन दुर्भाग्‍य से जिस तरह से सिक्‍के के दो पहलू होते हैं, उसी तरह से एक्रुअल-बेस्‍ड अकाउंटिंग सिस्‍टम को इस्‍तेमाल करने के कुछ नुकसान भी हैं। नुकसान यह है यह प्रॉफिट एंड लॉस स्‍टेटमेंट में बताए गए नेट प्रॉफिट और नेट कैश प्रॉफिट की मात्रा में अंतर पैदा करता है। और इस अहम अंतर (प्रॉफिट एंड लॉस स्‍टेटमेंट और कंपनी के वास्‍तविक बैंक बैलेंस के बीच) को समझने के लिए कैश फ्लो स्‍टेटमेंट बहुत अहम हो जाता है। यह एक इकलौता स्‍टेटमेंट है जो एक्रुअल अकाउंटिंग के आधार पर काम नहीं करता है और कैश ट्रांजैक्‍शंस की सटीक मात्रा पर फोकस कर सकता है।

इसका स्‍ट्रक्‍चर कैसे बनाया गया है ?

एक कैश फ्लो स्‍टेटमेंट में तीन सब-स्‍टेटमेंट शामिल हैं। ये हैं कैश फ्लो फ्रॉम ऑपरेशंस, कैश फ्लो फ्रॉम इन्‍वेस्टिंग और कैश फ्लो फ्रॉम फाइनेंशिंग। इसका एक बुनियादी आधार यह है कि कंपनी की सारी गतिविधियों को मोटे तौर पर तीन भागों में बांटा जा सकता है। ये हैं ऑपरेशन, इन्‍वेस्‍टमेंट ओर फाइनेंशिंग। और जब इन तीनों में से प्रत्‍येक के कैश फ्लो को जोड़ा जाता है तो यह निवेशक को रिपोर्टिंग पीरियड के दौरान नेट कैश फ्लो (इनफ्लो/आउटफ्लो) देगा।

कैसे है फायदेमंद

आसान शब्‍दों में, कैश फ्लो स्‍टेटमेंट मैनेजमेंट की अकाउंटिंग में हेर-फेर करके बच निकलने की क्षमता पर अंकुश लगाता है। एक्रुअल सिस्‍टम को छोड़ कर कैश ट्रांजैक्‍शन पर जोर देकर निवेशक इस बात की पहचान आसानी से कर सकते हैं कि कंपनी ने आंकड़ों में कोई हेरा-फेरी तो नहीं की है।

उदाहरण के लिए, अगर एक कंपनी अपने गुड्स और सर्विसेज कस्‍टमर को उधार बेचने का फैसला करती है तो इसका पता चल गाएगा क्‍योंकि कैश फ्लो स्‍टेटमेंट पर इसका कोई असर नहीं होगा। हालांकि, प्रॉफिट एंड लॉस स्‍टेटमेंट राजस्‍व में इजाफा दिखाएगा। इसी तरह से कैश फ्लो स्‍टेटमेंट भुगतान किए गए वास्‍तविक कैश की तुलना में खर्च कम दिखाए जाने की बात को पहचान लेगा।

कैश फ्लो स्‍टेटमेंट का एक और अहम फीचर है कि यह विभिन्‍न कंपनियों में ऑपरेटिंग परफॉर्मेश तुलना करने की क्षमता को बढ़ाता है क्‍योंकि यह तमाम अकाउंटिंग ट्रीटमेंट के असर को खत्‍म कर देता है।

काम की बातें

जब बाकी फाइनेंशियल स्‍टेटमेंट के साथ जोड़ कर इस्‍तेमाल किया जाता है तो कैश फ्लो स्‍टेटमेंट एक कंपनी के ऑपरेशन के बारे में मूल्‍यवान जानकारियां मुहैया कराता है। निवेशकों को इस फाइनेंशियल स्‍टेटमेंट पर हमेशा करीब से नजर रखनी चाहिए। मौजूदा नियमों के तहत यह हर छह माह में जारी किया जाता है।

हम प्रत्‍येक सब-स्‍टेटमेंट के बारे में और अधिक जानकारी देंगे जिससे पाठक बारीक चीजों को समझ सकें निवेश के बारे में बेहतर फैसला लेने के लिए इनका इस्‍तेमाल कर सकें।

प्रत्‍येक लिस्‍टेट कंपनी के लिए कैश फ्लो स्‍टेटमेंट की समरी वैल्‍यू रिसर्च ऑनलाइन पर फ्री में उपलब्‍ध हैं। इसकी डिटेल ‘फाइनें‍शियल्‍स टैब’ के तहत एक्‍सेस की जा सकती है।


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