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इंटरनेशनल फंड में निवेश के लिए करें थोड़ा इंतजार

इंटरनेशनल म्‍यूचुअल फंड ने नए निवेश के लिए गेट बंद कर रहे हैं क्‍योंकि इंडस्‍ट्री फॉरेन एक्‍सपोजर की लिमिट के कगार पर है

इंटरनेशनल फंड में निवेश के लिए करें थोड़ा इंतजार

इंटरनेशनल म्‍यूचुअल फंड पिछले दो-तीन वर्षों से चर्चा में हैं। इंटरनेशनल डायवर्सीफिकेशन बेनेफिट्स को लेकर बढ़ती समझ और अमेरिका जैसे बाजारों में शानदार पोस्‍ट कोविड रिटर्न की वजह से इनकी लोकप्रियता बढ़ी है। हालांकि इनके घरेलू समकक्ष के विपरीत, ओवरसीज फंड जितना चाहें उतना विस्‍तार नहीं कर सकते। भारतीय म्‍यूचुअल फंड विदेश में कितनी रकम निवेश कर सकते हैं इसकी एक अधिकतम सीमा है और ऐसा लगता है कि इंडस्‍ट्री इस अधिकतम सीमा के कगार पर है।

इसलिए एसोसिएशन ऑफ म्‍यूचुअल फंड इन इंडिया (AMFI) ने 30 जनवरी, 2022 को गाइडलाइंस जारी की है। गाइडलाइंस में असेट मैनेजमेंट कंपनियों यानी AMC से कहा गया है कि 1 फरवरी, 2022 तक जो निवेश हो चुका है उसके आगे ओवरसीज फंड या सेक्‍युरिटीज में निवेश न करें।

मौजूदा परिदृश्‍य


सेबी के नियमों के तहत, प्रत्‍येक फंड हाउस ओवरसीज मार्केट में अधिकतम 1 अरब डॉलर (लगभग 7,400 करोड़ रुपए) निवेश कर सकता है। इसमें फॉरेन ETF शामिल नहीं हैं। इसके अलावा पूरी म्‍यूचुअल फंड इंडस्‍ट्री के लिए निवेश की अधिकतम सीमा 7 अरब डॉलर है। ओवरसीज ETF में निवेश के लिए प्रत्‍येक AMC के लिए अधिकतम सीमा 3030 करोड़ डॉलर है और इंडस्‍ट्री के लिए अधिकतम सीमा 1 अरब डॉलर है।

मोतीलाल ओसवाल पहली AMC थी जिसने मध्‍य जनरवरी में अपने तीन इंटरनेशनल फंड में एकमुश्‍त निवेश पर रोक लगाई। फंड हाउस प्रति फंड हाउस विदेश में निवेश की अधिकतम 1 अरब डॉलर की सीमा के लिहाज से बाधाओं का सामना कर रहा था। कुछ सप्‍ताह के बाद NFO स्‍कीम डीएसपी ग्‍लोबल इन्‍नोवेशन FoF ने सिर्फ फॉरेन ETF में निवेश के लिए अपना मैंडेट बदल दिया। स्‍कीम ने सेबी की सलाह पर ऐसा किया। ओवरसीज सिक्‍योरिटीज/ म्‍यूचुअल फंड में इंडस्‍ट्री लेवल की लिमिट 7 अरब डॉलर की है और इस लिमिट के अनुपालन के लिए ऐसा करना जरूरी था।

आने वाले दिनों में कुछ और फंड हाउस अपने इंटरनेशनल म्‍यूचुअल फंड पर गेट लगाएंगे। AMFI ने इस हालात से निपटने के लिए इसमें शामिल सभी को स्‍पष्‍टीकरण देने के लिए गाइडलाइंस जारी की है। इस पर गौर किया जाना चाहिए कि AMFI ने सिर्फ उन्‍हीं फंड को निवेश बंद करने को कहा है जिनके पास भारतीय सेक्‍युरिटीज में निवेश का विकल्‍प नहीं है। हालांकि, पराग पारिख फ्लेक्‍सी कैप फंड ने भी खुद को नए निवेश से दूर कर लिया है। स्‍कीम लगभग 30 फीसदी रकम ओवरसीज स्‍टॉक में निवेश करती है और अपना डोमेंस्टिक-इंटरनेशनल अलॉकेशन नहीं बदलना चाहती है।

अभी तक सिर्फ नए एकमुश्‍त निवेश और नए SIP निवेश को अस्‍थाई तौर पर निलंबित किया गया है। ज्‍यादातर फंड की पहले से चल रही SIP और STP पर कोई असर नहीं पड़ा है। इसके अलावा फॉरेन ETF में निवेश करने वाले फंड पर भी कोई असर नहीं पड़ा है क्‍योंकि उनके पास अलग से लिमिट है और यहां पर अभी काफी गुंजाइश है। इसके अलावा निवेशक उन फंड से जब चाहे रकम निकाल सकते हैं जिन पर असर पड़ा है।

अब क्‍या हैं उम्‍मीदें

सेबी विदेशी बाजारों में निवेश के नियमों में कई बार बदलाव कर चुका है। इंडस्‍ट्री के लोगों से अब तक हुई बातचीत से यह निकल कर आया है कि निवेश की लिमिट को बढ़ाने और इंटरनेशनल निवेश के लिए गुंजाइश बढ़ाने में कोई बड़ी बाधा नहीं है।

इंटरनेशनल फंड में निवेश के लिए करें थोड़ा इंतजार

उम्‍मीद की जा रही है कि अगले कुछ सप्‍ताह में निवेश की लिमिट बढ़ाई जा सकती है। ऐसे में निवेशकों को जल्‍दबाजी में विदेशी स्‍टॉक्‍स खरीदने के लिए कोई नया तरीका इजाद करने की जरूरत नहीं है। अगर आप इंटरनेशनल म्‍यूचुअल फंड में निवेश की योजना बना रहे हैं तो आप कुछ और दिनों तक इंतजार कर सकते हैं। वहीं ऐसे निवेशक जिनकी SIP पहले से चल रही है वे अपने इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान को जारी रख सकते हैं।


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