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टाइमिंग बनाम टाइम

जानें बाजार में निवेश के लिए सही मौका तलाश करने बजाए निवेश बनाए रखना क्‍यों बेहतर

टाइमिंग बनाम टाइम

अपनी पहले की स्‍टोरी “कंपाउंडिंग की पावर” में हमने यह दिखाया था कि कैसे कंपाउडिंग में समय सबसे अहम है। इस स्‍टोरी में हम इस बात को बाजार में निवेश के लिए सही मौका तलाशनेठा के मामले में परखना चाहते हैं।

ऐसी कई बातें हैं जो कम अवधि में स्‍टॉक्‍स के मूवमेंट को तय करते हैं। कम अवधि यानी एक दिन, एक हफ्ता, कुछ माह, या एक साल। ये बातें कौन सी हैं और ये किस तरह की भूमिका निभाएंगी इसका सटीक अनुमान लगाना किसी के लिए भी बहुत मुश्किल हैं। तो ऐसा क्‍यों है कि लोग इस बात में ज्‍यादा दिलचस्‍पी दिखाते हैं कि कब खरीदें बजाए कि क्‍या खरीदें ? तो इस कयासबाजी की जरूरत क्‍या है ?
अगर आप अपने भविष्‍य के लिए निवेश कर रहे हैं तो आपको सही समय को ज्‍यादा अहमियत नहीं देनी चाहिए। बाजार में ज्‍यादा समय तक निवेश बनाए रखना निवेश के लिए सही समय की तलाश करने से ज्‍यादा बेहतर है। अगर आप बाजार में निवेश की आपकी टाइमिंग सटीक है तो आप शानदार रिटर्न हासिल कर सकते हैं, लेकिन कितने लोग ऐसे हैं जो सही टाइमिंग को अंजाम दे सकते हैं। आपको अपनी जिंदगी में दसूरे कई काम करने होते हैं, ऐसे में अगर करना भी चाहें तो बाजार में सटीक टाइमिंग के लिए आप कैसे समय निकाल पाएंगे।

आईसे इसे सेंसेक्‍स में निवेश के जरिए समझते हैं। अगर आपने साल 2000 के पहले ट्रेडिंग डे की क्‍लोजिंग के समय 5,375 पर सेंसेक्‍स खरीदा होता और 31 दिसंबर, 2021 तक रखा होता तो आपको 11.4 फीसदी सीएजीआर मिला होता। हमने इस विश्‍लेषण में हमने डिवीडेंड को नहीं लिया है। अब हम मान लेते हैं कि आपने लगभग 5,500 दिनों में से टॉप 10 बेहतर प्रदर्शन वाले दिनों को मिस कर दिया तो इस अवधि में आपका रिटर्न घट कर 7.4 फीसदी पर आ गया होता। यह बड़ी गिरावट है। अगर आपने 1 लाख रुपए निवेश किया होता और आपने निवेश बनाए रखा होता है तो यह कंपाडिंग के साथ 10.08 लाख रुपए हो गया होता। हालांकि, अगर आपने प्रदर्शन के लिहाज से टॉप10 दिन मिस किया होता तो कंपाउंडिंग के साथ ही आपकी रकम 4.8 लाख ही हो पाती। यानी 6 लाख रुपए कम।

अब, मान लेते हैं कि आप के पास ऐसी क्षमता है जो जानता है कि बाजार कब खराब प्रदर्शन करेगा। अगर आप सबसे खराब 10 दिन मिस कर देते हैं तो समान अवधि में आपका रिटर्न 16.2 फीसदी सीएजीआर होता। रकम के लिहाज, आपका शुरूआती 1 लाख रुपए कंपाउंड होकर 27 लाख रुपए हो गया होता। शायद इसीलिए स्‍टॉक मार्केट में अनुमान लगाना आम बात है। आम तौर पर लोग टाइमिंग सही होने के फायदों पर पर फोकस ज्‍यादा करते हैं बजाए टाइमिंग सही होने की संभावना
के। अगर आप 27 लाख बनाम 10.8 लाख बनाम 4.8 लाख रकम बनाने की संभावनाओं को समझते हैं तो आप अपने फैसले पर विचार कर सकते हैं। इस बुनियादी गणितीय विचार को न समझना परेशान करने वाला हो सकता है। इससे आपको समझ आया होगा कि निवेश बनाए रखना क्‍यों फायदेमंद है।

इस बात के साथ इस लेख को समाप्‍त करते हैं कि किसी को आपको सभी निवेश को निवेश में बनाए नहीं रखना चाहिए। यह समझदारी नहीं है। शायद पीटर लिंच इस बात को सही तरह से समझाते हैं। “करेक्‍शन के लिए तैयारी कर रहा निवेशक या करेक्‍शन का अनुमान लगाने के प्रयास में उतनी रकम का नुकसान नहीं होता जितना करेक्‍शन खुद करता है”। अगर आपका निवेश मजबूत है तो आपको अनुमान लगाने के लालच से परहेज करना चाहिए।


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