स्टॉक एडवाइज़र

प्रोफ़ेशनल निवेशक को कैसे पीछे छोड़ सकते हैं आप

सफल स्‍टॉक इन्‍वेस्टिंग के लिए किसी विशेष जानकारी की जरूरत नहीं है। हालांकि, इसके लिए सही टूल और रिसर्च की जरूरत है, जो वैल्‍यू रिसर्च स्‍टॉक एडवाइजर आपको मुहैया कराता है

प्रोफ़ेशनल निवेशक को कैसे पीछे छोड़ सकते हैं आप

Beating the pros

कई साल पहले, एक हॉलीवुड फ़िल्म आई थी जिसका नाम था ‘कॉन्स्पिरेसी थ्योरी’। इस फ़िल्म का मुख्य क़िरदार हर तरह के षड़यंत्रों में यक़ीन करता था। ये बात व्हाट्सएप और ट्विटर के दौर से पहले की है, इसलिए वो अपनी थ्योरी का एक न्यूज़लेटर प्रिंट कर, सड़कों पर बेचा करता था। उसकी एक थ्योरी थी कि यू.एस. का स्पेस शटल अटलांटिस एक भूकंप लाने वाला हथियार टेस्ट कर रहा है। अपनी बात को कहने के लिए उसके पास न्यूज़पेपरों की असली क्लिपिंग्स भी होती थीं, जो साबित करती थीं कि अटलांटिस के हर एक मिशन के दौरान, दुनिया के किसी न किसी कोने में एक बड़ा भूकंप आया है। मज़े की बात है कि ये सच भी था, यानि सिर्फ़ फ़िल्म में ही नहीं, असल ज़िंदगी में भी!
मुश्किल ये थी कि उसने भूकंप से जुड़ी ख़बरें तब नहीं देखी थीं जब अटलांटिस ऑरबिट में नहीं था। जैसा कि सच है, दुनिया के किसी-न-किसी कोने में हर रोज़, कम-से-कम 5-6 की तीव्रता का भूकंप आता ही है। अगर आप यही तकनीक अपनाते हैं, तो आप ये भी साबित कर सकते हैं कि जब भी दुनिया में कोविड का नया वेरिएंट आता है, या हर बार जब डॉलर की वैल्यू में गिरती है, तो धरती पर कहीं भूकंप आता है।
बदक़िस्मती से, बहुत सारे इक्विटी निवेशक ये मानते हैं कि स्टॉक के दामों के पीछे भी कोई ऐसा ही सीक्रेट मैकेनिज़्म है। स्टॉक मार्केट कैसे काम करता है? मैं ये नहीं पूछ रहा कि स्टॉक मार्केट में ब्रोकर होते हैं जिनके ज़रिए स्टॉक ख़रीदते और बेचते हैं। इस सवाल से मेरा मतलब है, आप क्या सोचते हैं कि स्टॉक के दाम कैसे सेट होते हैं। यानि स्टॉक के दामों को तय करने को लेकर आपके दिमाग में इसका क्या मॉडल है?
मैं मानता हूं कि इतने सारे लोगों को स्टॉक में निवेश करने में जो परेशानी होती है उसका बुनियादी कारण है कि स्टॉक के दाम को तय करने का उनका मनोवैज्ञानिक मॉडल ग़लत है। बहुत से लोगों को लगता है कि स्टॉक के दाम बहुत सारी घटनाओं और तथ्यों के कारण लगातार बदलते हैं, और इनके कारण एक बड़ा सीक्रेट हैं। इस सीक्रेट को जानने के लिए आपको एक बड़ी संस्था चाहिए, जैसे - कोई बड़ा ब्रोकर या विदेशी हेज-फ़ंड या उसी तरह का कुछ ऐसा जो बिल्कुल ठीक से ये पता लगा ले कि किसी स्टॉक के दाम ऊपर जाएंगे या नहीं, और उसमें निवेश करना चाहिए या नहीं। उन्हें लगता है कि एक अकेला व्यक्ति ये नहीं कर सकता है।
ये बात उन्हें ‘टिप’ वाली स्टॉक इन्वेस्टिंग के मनोवैज्ञानिक मॉडल की ओर ले जाता है। ऐसी सोच में - कोई दूसरा, कोई बड़ा आदमी, ये तय करता है या कम-से-कम जानता है कि कौन से स्टॉक में हलचल होगी और ये हलचल किस दिशा में होगी। एक अकेला व्यक्ति सिर्फ़ यही उम्मीद कर सकता है कि उसे ये सीक्रेट सही समय पर पता चल जाए।
अगर आपको ज़रा सा भी शक़ है कि इसमें से कोई भी बात सही हो सकती है, और स्टॉक मार्केट में पैसे बनाने के लिए आपको एक बड़ी संस्था चाहिए या कोई सीक्रेट पता होना चाहिए, तो मैं आपको एक बड़ा सीक्रेट बताना चाहूंगा - इसमें से कुछ भी सच के आसपास तक नहीं है।
एक म्यूचुअल फ़ंड एनॉलिस्‍ट के तौर पर मैंने कई साल-दशक, प्रोफ़ेशनल इन्वेस्टर्स को बहुत क़रीब से काम करते देखा है, और एक लंबा अर्सा उनके काम का विश्लेषण करते हुए बिताया है, और मैं कह सकता हूं कि उनमें से बहुत थोड़े (अगर हैं भी तो) लोग ही ऐसे होंगे, जिन्हें एक रिटेल इन्वेस्टर के मुक़ाबले कोई बढ़त हासिल है। ये प्रोफ़ेशनल इन्वेस्टर सिर्फ़ यही करते हैं (जो सफल होते हैं), कि वो अपनी रिसर्च बड़े सिस्टमेटिक तरीक़े से करते हैं, सारी जानकारियों पर सोच-विचार करते हैं, और पल-पल के बदलाव या पसंद-नापसंद से प्रभावित नहीं होते। सबसे महत्वपूर्ण ये है, कि उनमें निवेश के सही मनोवैज्ञानिक मॉडल पर पक्का विश्वास होता है-कि अच्छे निवेश के लिए जिसकी ज़रूरत हो सकती है, वो सारी जानकारी और ज्ञान हर किसी के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है, जो उसका इस्तेमाल करना चाहता है।
हालांकि, ये बिल्कुल सही है कि कोई भी अकेला व्यक्ति अच्छा निवेश करने के क़ाबिल होता है, मगर इस काम को करने के लिए जिस तरह की मेहनत की ज़रूरत होती है, वो किसी एक शख़्स के लिए कुछ ज़्यादा ही होती है। आपको बड़ी संख्या में कंपनियों को ट्रैक करना होता है, उनमें से ऐसी कंपनियों को चुनना होता है जिनमें निवेश किया जा सके, सही वैल्यू पर स्टॉक ख़रीदने होते हैं और लगातार उन पर नज़र रखनी पड़ती है। अकेले आप ये सब कैसे करेंगे? इसके लिए आपको एक संस्था, एक रिसर्च टीम की ज़रूरत पड़ेगी।
जैसा मुझे कहना पसंद है, इसी काम के लिए वैल्यू रिसर्च की ज़रूरत पड़ती है! उन लोगों को जिन्होंने अभी तक इस सर्विस की तरफ़ ध्यान नहीं दिया है, मैं एक छोटा सा परिचय दे देता हूं - वैल्यू रिसर्च स्टॉक एडवाइज़र ठीक वही काम करता है, जैसा इसका नाम है। ये आपको सलाह देता है कि आप कौन सा स्टॉक ख़रीदें। हमारी रिसर्च टीम स्टॉक की एक लिस्ट मेंटेन करती है, जिसमें आपको निवेश करना चाहिए। आप उसमें निवेश करते हैं और पैसा बनाते हैं। हर समय, हम ख़रीदने वाले क़रीब एक दर्जन बेहतरीन स्टॉक्स (Best Buys Now) की एक लिस्ट तैयार रखते हैं, ये उनके लिए होती जो अभी शुरुआत कर रहे हैं। जैसे ही कोई स्टॉक, ख़रीदने के क़ाबिल नहीं रहता, हम आपको उसे बेचने की सलाह देते हैं। एक निवेशक के लिए इससे ज़्यादा आसान और क्या होगा?
ये लिस्ट ऐसी है, जिसे आप वैसे-का-वैसा इस्तेमाल कर सकते हैं, या ज़्यादा रिसर्च करने के लिए शॉर्टलिस्ट के तौर पर भी इसे देख सकते हैं। इसके लिए हम आपको टूल्स भी देते हैं। एक ऐसा ही टूल है स्टॉक स्क्रीनर, जो एक अनोखा सिस्टम है, और इस जैसा दूसरा कुछ भी भारत में नहीं है। इस स्टॉक स्क्रीनर में सिर्फ़ उन्हीं कंपनियों के की लिस्ट नहीं है जिन्हें हम रेकमेंड करते हैं, बल्कि सारी लिस्‍टेड कंपनियों के फ़ाइनेंशियल डीटेल मौजूद हैं। ये कहने की ज़रूरत ही नहीं कि हमारी टीम आपको, इस लिस्ट की नई जानकारी भी लगातार उपलब्ध कराती रहती है। इस जानकारी में निवेश करने, या निवेश से बाहर निकलने के कारण भी दिए जाते हैं।
कुल मिला कर, इससे आपको ये सब मिलता है:
• हमारे चुने हुए सभी स्टॉक्स (फ़िलहाल 49 स्टॉक्स) तक आपकी पहुंच
• ख़रीदने वाले बेस्ट स्टॉक (Best Buy Stock): ये हमारी सलाह के आधार पर चुने हुए 17 स्टॉक हैं। इस सेट का इस्तेमाल कर आप अपने पोर्टफ़ोलियो की शुरुआत अभी कर सकते हैं!
• सभी स्टॉक जिनकी हम सलाह देते हैं, उनमें निवेश को लेकर पूरी थीसिस भी देते हैं ताकि आप समझ सकें कि आप इनमें क्यों निवेश कर रहे हैं।
• रिलीज़ होते ही हम आपको तुरंत रेकमेंड करते हैं।
• विश्लेषकों की हमारी टीम सभी रेकमेंड किए स्टॉक्स को लेकर लगातार अपडेट और एनालेसिस आपको देती रहती है।
• साथ ही हम आपको किसी भी दूसरे स्टॉक का विश्लेषण और रिसर्च करने के लिए टूल्स और डेटा देते हैं।
तो अब आप www.valueresearchstocks.com को आज़माइए और ख़ुद को प्रोफ़ेशनल कहने वालों को हरा दीजिए।


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