ABCD ETF

क्‍या काम करता है डेट ETF

अपने पोर्टफोलियो में डेट कंपोनेंट शामिल करने के लिए डेट ETF एक सहूलियत भरा विकल्‍प है

क्‍या काम करता है डेट ETF

इक्विटी और डेट दो प्रमुख असेट क्‍लॉसक्‍लॉस हैं। इक्विटी में कम अवधि का उतार- चढ़ाव अधिक होता है लेकिन ग्रोथ की संभावनाएं भी काफी अच्‍छी होती हैं, वहीं डेट में स्थिरता ज्‍यादा होती है और इसके रिटर्न का अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है। जरूरत के हिसाब से एक उपयुक्‍त असेट अलॉकेशन पर पहुंचने के लिए आपको यह तय करना होता है कि आपके पोर्टफोलियो में इक्विटी और डेट का मिक्‍स क्‍या होना चाहिए।

स्‍टॉक मार्केट के विपरीत, भारतीय बांड मार्केट का मौजूदा स्‍ट्रक्‍चर भारतीय रिटेल इन्‍वेस्‍टर के लिए सीधे बांड खरीदना और बेचना बहुत मुश्किल बना देता है। इसलिए बहुत से निवेशक अपने पोर्टफोलियो में बांड शामिल करने के लिए डेट फंड का सहारा लेते हैं। अपने पोर्टफोलियो में बांड शामिल करने का एक और किफायती तरीका डेट ETF है।

जैसे इक्विटी ETF में अंडरलाइंग इंडेक्‍स के स्‍टॉक्‍स शामिल होते हैं, उसी तरह से डेट ETF पैसिव इन्‍वेस्‍टमेंट इंस्‍ट्रूमेंट है जो फिक्‍स्ड इनकम सेक्‍युरिटीज में उसी अनुपात में निवेश करता है, जिस अनुपात में अंडरलाइंग इंडेक्‍स फिक्‍स्ड इनकम सेक्‍युरिटीज में निवेश करता है। एक ETF के तौर पर ये स्‍टॉक एक्‍सचेंज पर ट्रेड करते हैं।

भारतीय म्‍यूचुअल फंड इंइस्‍ट्री मौजूदा समय में तमाम कैटेगरीज में 15 डेट ETF संचालित कर रही है जैसे लिक्विड, मीडियम-ड्यूरेशन, लॉंग ड्यूरेशन, गिल्‍ट और 10 साल की तय अवधि वाले गिल्‍ट। पहला डेट ETF 2003 में लॉंच किया गया, लेकिन 2019 के आखिरी दौर में इन फंड की लोकप्रियता बढ़ी। इन ETF द्वारा मैनेज की जा रही असेट पिछले दो साल में सालाना 350 फीसदी से अधिक दर से बढ़ी है और यह 30 नवंबर, 2019 में 2,400 करोड़ रुपए से बढ़ कर 30 नवंबर, 2021 तक 50,000 करोड़ रुपए से अधिक हो गया है। लॉंग ड्यूरेशन डेट ETF मौजूदा समय में सबसे ज्‍यादा असेट मैनेज कर रहे हैं।

डेट ETF में ज्‍यादातर निवेश संस्‍थागत निवेशकों का है लेकिन कई फायदों की वजह से ये इंडीविजुअल निवेशकों के बीच भी लोकप्रिय हो रहे हैं।

क्‍या काम करता है डेट ETF

क्‍या काम करता है डेट ETF

डेट ETF में क्‍यों करें निवेश

§ कम लागत: डेट ETF का मकसद सिर्फ अंडरलाइंग इंडेक्‍स को कॉपी करना होता है, इसलिए सक्रिय तौर पर मैनेज किए जा रहे दूसरे समकक्ष की तुलना में डेट सिक्‍योरिटीज में निवेश करने का यह किफायती तरीका है। उदाहरण के लिए, सक्रिय तौर पर मैनज किए जा रहे लॉंग ड्यूरेशन डेट फंड के लिए मीडियन एक्‍सपेंश रेशियो 0.83 फीसदी की तुलना में इस स्‍पेस में ETF में निवेश का खर्च सिर्फ 0.001 फीसदी है।
§ लिक्विडिटी: ट्रेडिंग आसान होने की वजह से डेट ETF को खरीदना और बेचना सुविधाजनक है। अथराइज्‍ड पार्टीशिपेन्‍ट्स मांग और आपूर्ति के आधार पर एक्‍सचेंज पर यूनिट खरीदते और बेचते हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि ETF इसकी फेयर वैल्‍यू के काफी करीब कीमत पर ट्रेड हो रहा है।

§ पारदर्शी व्‍यवस्‍था: जब आप एक ETF में निवेश करते हैं, तो आपको पहले से पता है कि आपकी रकम किन सिक्‍योरिटीज में निवेश की जाएगी। इसके अलावा, डेट ETF का पोर्टफोलियो डेली बेसिस पर घोषित किया जाता है। इसके अलावा, डेट ETF एक्‍सचेंज पर ट्रेड करते हैं और निवेशकों को रियल टाइम प्राइस मुहैया कराते हैं।


टॉप पिक

₹12 लाख 3-4 साल के लिए कहां निवेश कर सकते हैं?

पढ़ने का समय 1 मिनटवैल्यू रिसर्च

आसान सवालों के मुश्किल जवाब

पढ़ने का समय 2 मिनटधीरेंद्र कुमार

आपको कितने फ़ंड्स में निवेश करना चाहिए?

पढ़ने का समय 2 मिनटवैल्यू रिसर्च

मार्केट में गिरावट से पैसा बनाने का ग़लत तरीक़ा

पढ़ने का समय 2 मिनटधीरेंद्र कुमार

म्यूचुअल फ़ंड, ऑटो-पायलट और एयर क्रैश

पढ़ने का समय 4 मिनटधीरेंद्र कुमार

म्यूचुअल फंड पॉडकास्ट

updateनए एपिसोड हर शुक्रवार

Invest in NPS

पुराने निवेश बनाम नए निवेश

क्या आप पर्सनल फ़ाइनांस और निवेश के नए-नए आइडिया की ओर खिंचे चले जाते हैं? इस आदत को छोड़ दें!

दूसरी कैटेगरी