तीन अहम बातें जो मैंने मार्केट से सीखीं, और जिन्हें मैं हर रोज़ दोहराता हूं, वो ये हैं:
मार्केट किसी भी एक निवेशक से बेहतर हैं। ये बात अच्छे से समझ लेनी चाहिए कि मार्केट किसी भी एक व्यक्ति की अक्ल से बहुत आगे रहता है, क्योंकि इसे चलाने के लिए बहुत से बेहतरीन लोग इसमें शामिल होते हैं। इसलिए मार्केट की इज़्ज़त करनी चाहिए, और जो भी नतीजे हों उन्हें स्वीकार करना चाहिए।
अपनी ग़लतियों से सीखो और आगे बढ़ते रहो, ग़लतियों को दोहराओ मत
स्टॉक मार्केट में ग़लतियां होती ही रहेंगी। स्टॉक मार्केट में हर कोई ग़लतियां करता है। कई बार जीत होती है, और कई बार हार। मगर सबसे अहम है कि आप अपनी ग़लतियों से सीखते रहें। सही तरह से निवेश करने के तरीक़ों को भूले बिना, निवेश की फ़िलॉसफ़ी को दुरुस्त करने के लिए, नए और बेहतर तरीक़ों को ईजाद करते रहना चाहिए।
सही मैनेजमेंट का सपोर्ट और भरोसा
भरोसेमंद बिज़नस, और सही मैनेजमेंट की पहचान एक मुश्किल काम है मगर ये गोल्डन रूल है। हमने अपनी ग़लतियों से सीखा और इसे सीखने में हमें कई साल लगे। आप अपने काम के तरीक़ो में बदलाव कर पाते हैं, और सही कंपनियों की पहचान के ये दो गोल्डन रूल अपना लेते हैं आप तो खुद को एक विजेता समझ सकते हैं। इन्हीं बातों से भरोसा पैदा होता है। आपको अपने आप पर, और अपने काम करने के ढ़ंग पर पूरा भरोसा होना चाहिए। तभी आप इसके फ़ायदे पूरी तरह ले सकते हैं। अगर आपके निवेश के तरीक़े कमज़ोर हैं, या आपके भरोसे में कमी है, तो आप पैसा बनाने से चूक सकते हैं।
मैं एक और अहम बात कहना चाहता हूं कि ऐसी कंपनी या सेक्टर पर ध्यान नहीं देना चाहिए, जिसकी शुरुआत तो बड़ी आसानी से की जा सके, मगर जिसमें विस्तार की गुंजाइश न हो। ज़्यादातर ग़लतियां तब होती हैं, जब हम उनमें ये सोच कर निवेश करते हैं कि हम किसी और के निकलने से पहले ही निकल जाएंगे।