...और इसके बाद वॉरेन बफ़ेट ने कहा, “हां, हम सोचते हैं कि रिस्क को सबसे कम करने का सबसे अच्छा तरीका है सोचो... इतना कह कर वो थम गए। ...पूरा हॉल खामोश रहा, लोग उनकी बात के पूरे होने का इतंज़ार करते रहे। और फिर एक लंबे अंतराल के बाद लोगों को एहसास हुआ, कि बफ़ेट की बात तो खत्म हो गई थी, वो बीच में ही रुके नहीं थे। इसके बाद पूरा हॉल ठहाकों से गूंज उठा। बफ़ेट ने अपनी पूरी बात लोगों तक पहुंचा दी थी: ‘रिस्क को सबसे कम करने का सबसे अच्छा तरीका है, सोचो।
ये घटना कुछ साल पहले, बर्कशायर हैथवे की सालाना शेयरहोल्डर मीटिंग की है। बफ़ेट एक सवाल का जवाब दे रहे थे, कि वो उस सोफ़स्टिकेटेड एसेट-एलोकेशन मॉडल्स के बारे में क्या सोचते हैं जो वॉल स्ट्रीट, एक शानदार रेट पर निवेशकों को ऑफ़र कर रहा था। बफ़ेट ने आगे समझाया, "मेरे पास (उनके मुताबिक) 60 प्रतिशत स्टॉक हैं, और 40 प्रतिशत बॉंड, और फिर वो लोग, जिन्हें वॉल स्ट्रीट में स्ट्रैटजिस्ट या ऐसा ही कुछ कहते हैं, ये कहते हुए एक बड़ा अनाउंसमेंट करते हैं, कि अब वो लोग 65/35 का एलोकेशन करने जा रहे हैं। 60/40 हो या 65/30 - इस बात का कोई सिर-पैर नहीं है। आपको जो करना है, वो ये कि... आपकी डिफ़ॉल्ट पोज़ीशन हमेशा ही शॉर्ट-टर्म वाले विकल्पों की है, और जब भी आपको कुछ इंटेलिजेंट करने लायक मिले, आपको वो करना चाहिए।"
पहली नज़र में ये राय, मुझे और आपको एकदम अजीब लगेगी। क्योकि बफ़ेट कह रहे हैं कि आपको पहले से एलोकेशन तय ही नहीं करने चाहए। या फिर ये कि, आपको कोई फ़ैंसी एसेट एलोकेशन मॉडल नहीं अपनाना चाहिए, जो एक फ़ाइनांस प्रोफ़ेशनल बेच रहा हो। आपका डिफॉल्ट एसेट एलोकेशन शत-प्रतिशत शॉर्ट-टर्म के निवेश विकल्प में ही होना चाहिए। भारत के संदर्भ इस बात का मतलब होगा, कि आपको कम-अवधि के डेट-फ़ंड में ही निवेश करना चाहिए। और इससे भी आगे जा कर आपको, 'जब भी कुछ इंटेलिजेंट करने लायक मिले, वो आप को करना चाहिए'। इसका तो मतलब हुआ कि अगर आपको दूसरे एसेट नज़र आएं, जैसे कि स्टॉक, जिनकी क्वालिटी और वैल्यू अच्छी हो, तो आपको उसे खरीद लेना चाहिए। हालांकि, वो ये भी कहते हैं कि आप हर वक्त, याद रखिए कि 'रिस्क को सबसे कम करने का सबसे अच्छा तरीका है सोचो!'
सतही तौर पर ये राय ऐसी है जो उसके ठीक उलट नज़र आती है जो कोई भी इन्वेस्टमेंट एडवाइज़र या एनेलिस्ट देगा, और इसमें मैं खुद भी शामिल हूं। आखिर हर निवेशक को अपना निवेश अलग-अलग किस्म के एसेट में बांटना चाहिए और इसके लिए उनके पास एसेट-एलोकेश मॉडल भी होना ही चाहिए। और यही सच भी है। पर अगर आप ध्यान से सुनें तो, जो बफ़ेट कह रहे हैं वो बात कुछ अलग है। उनके मुताबिक आपका एसेट एलोकेशन सिर्फ़ आपका है। इसका बाहरी दुनिया की परिस्थितियों से बहुत कम लेना-देना है, इसके उलट इसका आप की अपनी स्थिति से कहीं ज़्यादा गहरा रिश्ता है। इसके अलावा ये भी बात सच है कि इस सब का कोई सटीक फॉर्मूला नहीं है।
मेरा हमेशा से ही ये मानना रहा है, कि तीन ही तरह के इक्विटी-बनाम-डेट एलोकेशन संभव हैं। ये हैं: (1) बहुत सारी इक्विटी; (2) बहुत सारी फ़िक्स इन्कम; और (3) इक्विटी और फ़िक्स इन्कम का संतुलन। ये सब कुछ आपको कुछ ज़्यादा ही अस्पष्ट सा लग रहा होगा, है न? मगर मैं कहूंगा कि इस बात के निचोड़ में वो सबकुछ है जो आपके निवेश के लिए ज़रूरी है। सरल शब्दों में कहूं तो, मैं इसे 25 प्रतिशत, 50 प्रतिशत, और 75 प्रतिशत के तौर पर परिभाषित करूंगा। मगर आप चाहें तो इसे अपने मुताबिक एडजस्ट कर सकते हैं। मेरी इस बात का असल मतलब भी वही ‘सोचो’ है जिसके बारे में वॉरेन बफ़ेट बात कर रहे थे। ऐसा युवा जो कमाने की शुरुआत बहुत कम ज़िम्मेदारियों के साथ करता है, वो ज़्यादा इक्विटी चुन सकता है। मगर जैसे-जैसे ज़िंदगी आगे बढ़ती है, और वो रिटायरमेंट की के करीब आता है, या उसकी ज़िंदगी में कोई और मुश्किल पेश आती है, तो वो अपने निवेश को बैलेंस कर सकता है। फिर जब उसकी नौकरी या काम करने का सफ़र पूरा होने के करीब आए, तो अपनी नई ज़रूरत के मुताबिक फ़ैसला ले सकता है। इसे पूरी तरह से हर शख्स अपनी ज़िंदगी की ज़रूरत, और परिस्थितियों के मुताबिक एडजस्ट कर सकता है। अगर बुढ़ापे में आपके पास कमाने का अच्छा ज़रिया है, या बड़ा एसेट का बेस बना लिया है तो, एक युवा की तरह ही निवेश को जारी रखा जाना चाहिए। इससे होगा ये कि आप अपनी वैल्थ को मैक्सिमाइज़ कर सकेंगे, और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए बड़ी दौलत छोड़ पाएंगे।
अब इसके अलावा आपको और कोई भी बात बताई जाए, वो महज़ एक शुरुआत से ज़्याद कुछ नहीं हो सकती। वैसे बचत करने वाले कई लोग हैं, जो साधारण बैंक के प्रॉडक्ट्स या म्यूचुअल फ़ंड तक ही खुद को सीमित रखते हैं, क्योंकि वो निवेश की जटिलताएं नहीं समझना चाहते। सिवाए उन लोगों के जो स्टॉक इनवेस्टर्स हैं, और वो लोग जो वैल्यू रिसर्च, और वैल्थ इनसाइट पढ़ते हैं। हमारा काम है, आपको एक अच्छी शुरुआत देना, टूल्स उपल्बध कराना, और जानकारी देना, जो आपको अपने फ़ाइनेंशियल गोल तक पहुंचने में मदद कर सके।
ये एडिटोरियल वैल्थ इनसाइट के अक्टूबर 2021 के संस्करण में छपा था। कवर स्टोरी पढ़ने के लिए और दूसरी अहम जानकारियों, कॉलम और आर्टिकल्स के लिए अभी सबस्क्राइब करें।