मेरी ज्यादातर बातचीत ऐसे निवेशकों से होती है, जो इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं कि उनके पोर्टफोलियो के साथ क्या हो रहा है। हो सकता है कि इन लोगों के पास एक सटीक एनॉलिटिकल नजरिया न हो लेकिन ये बेसिक जानते हैं। उनके निवेश की वैल्यू क्या है, कौन सा फंड अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और कौन सा फंड खराब प्रदर्शन कर रहा है।
हालांकि, मैं कभी-कभी यह भूल जाता हूं कि यह वास्तव में अपवाद है। म्यूचुअल फंड निवेशकों का एक बड़ा हिस्सा वास्तव में निवेशक नहीं बल्कि फंड कलेक्टर है। वे जल्दबाजी में निवेश करते हैं। इसे आप ‘फ्लाइंग ब्लाइंड’ भी कह सकते हैं। इसमें उनकी कोई गलती नहीं है।
फ्लाइंग ब्लाइंड एक मुहावरा है। इसका मतलब है कि कोई चीज बिना कुछ जाने करना कि आप कहां जा रहे हैं। निश्चित तौर पर में फ्लाइंग में यह ठीक है क्योंकि एयरक्राफ्ट में ऐसे उपकरण लगे होते हैं जो पायलट की फ्लाइंग में मदद करते हैं जब बाहर कुछ भी न दिख रहा हो। लेकिन निवेशकों के पास ऐसे उपकरण नहीं होते। या शायद होते हैं। इस पर बाद में बात करेंगे।
कोरोना वायरस का प्रसार शुरू होने से ठीक पहले मेरे एक परिचित मुझसे मिलने आए। उनकी उम्र 50 के आस-पास थी। बहुत से लोगों की तरह ही उनका कैरियर हिचकोले ले रहा था। वे हॉस्पिटललटी इंडस्ट्री में काम कर रहे थे। अब वे पहले की तुलना में बहुत कम कमा रहे थे और समय से पहले रिटायर होना चाहते थे। पिछले ज्यादातर सालों में उन्होंने मार्च में टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट करते हुए रकम की बचत की थी। आम तौर पर यह रकम PPF में थी। इसके अलावा वे कई म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर रहे थे। ऐसा ज्यादातर उन्होंने किसी एजेंट या अपने प्रोफेशन में किसी जानने वाले के कहने पर किया था। हाल के वर्षों में उन्होंने नेशनल पेंशन सिस्टम यानी NPS में भी निवेश शुरू किया है।
अब तक तो सब अच्छा रहा है। लेकिन बात करते हैं झटके की। PPF डिपॉजिट और NPS के अलावा, उनका निवेश लगभग 70 फंड में है। फंड में निवेश करने के लिहाज से यह संख्या बहुत अधिक है। लेकिन दुर्भाग्य से यह इकलौता मामला नहीं है। आम तौर पर जो लोग फंड बेचने वालों की सलाह पर निवेश करते हैं उनके लिए एक बात कॉमन होती है कि वे बड़ी संख्या में फंड में निवेश करते हैं। बीतें वर्षों में फंड बेचने वालों को काफी ऊंचा कमीशन मिलता था, जो बाद में कम हो जाता था। ऐसे में सिस्टम फंड बेचने वालों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करता था कि वे निवेशकों से डायवर्सीफिकेशन के नाम पर नए फंड में निवेश करने के बारे में बात करें।
70 फंड बहुत ज्यादा हैं लेकिन ज्यादातर लोगों के पास 20-30 फंड होते हैं। ऐसा बिना सोचे -समझे निवेश करने की वजह से होता है। आपका निवेश कहां जा रहा है यह जानने के लिहाज से 20-30 फंड खराब हैं जब तक कि ……….
मैप बनाना
…..जब तक कि आपके पा सही टूल न हों। और यहीं वैल्यू रिसर्च का रोल आता है।
यहां हम आपको बता रहे हैं कि हम आपकी कैसे मदद कर सकते हैं। न सिर्फ 70 फंड के मामले में बल्कि अगर आपके पास सिर्फ 10 फंड हैं तब भी, जो आपने जल्दबाजी में कलेक्ट किए हैं। तो पोर्टफोलियो बनाने का सही तरीका क्या है ? ‘फंड बेचने वाले की सलाह पर जो भी रकम आपके पास है,उसे निवेश करना'। निश्चित तौर पर यह सही तरीका नहीं है।
इसके बजाए, सही जवाब निवेश से शुरूआत करना नहीं है बल्कि आपको शुरूआत अपने फाइनेंशियल गोल से करनी चाहिए, जिसका आप अनुमान लगा सकते हैं। ज्यादातर लोगों के कई फाइनेंशियल गोल होते हैं। जैसे घर खरीदना, बच्चों की एजुकेशन और रिटायरमेंट। जब एक बार आप गोल की लिस्ट बना लेते हैं। इसके बाद आप अपने गोल के लिए उपयुक्त निवेश प्लान कर सकते हैं। प्लान इस बात पर निर्भर करता है कि आपको कितनी रकम की जरूरत होगी और इसमें कितना समय लगेगा।
अब आपके सामने दो समस्याएं हैं। पहली, आप उन फंड का क्या करें जो आपकी जरूरतों के लिहाज से उपयुक्त नहीं हैं और दूसरी, ऐसे फंड कैसे चुनें जो आपका गोल पूरा कर सकें ? इन दोनों समस्याओं का समाधान वैल्यू रिसर्च प्रीमियम करता है। हमारे ‘My Investments
बस आपको नीचे दी गईं कुछ चीजें करनी हैं:
1- आपको रजिस्ट्रार से कंबांइंड अकाउंट स्टेटमेंट के लिए अनुरोध करना है। (हम इसमें आपकी मदद कर सकते हैं)
2- हमारे इन्वेस्टमेंट ट्रैकिंग इम्पोर्ट सिस्टम पर ईमेल करना होगा।
3- आप अपने निवेश का सबसे व्यापक एनॉलिसिस हासिल कर सकते हैं,जो भारत में उपलब्ध है।
ऐसा करने का कोई सरल तरीका नहीं है। यह आपको एक मैप देता है कि आप कहां हैं। आपको कहां जाना है, इसके लिए Value Research Premium के पास टूल का एक सेट है। हम यहां संक्षेप में इन टूल के बारे में बता रहे हैं कि इनसे आपको क्या मिलेगा।
पोर्टफोलियो प्लानर: ये कस्टम पोर्टफोलियो हैं जिनका सुझाव आपकी प्रीमियम मेंबरशिप के तहत किया जाता है। जो अल्गोरिद्म हमने विकसित किया है वह आपके गोल, आपकी इनकम, आपकी बचत की क्षमता और दूसरे फैक्टर्स को ध्यान में रखता है।
एनॉलिस्ट च्वाइस: आम तौर पर, निवेशक अपना फंड चुनना चाहते हैं। भारत में लगभग 1,500 फंड आपके लिए उपलब्ध हैं और हमारे रेटिंग सिस्टम की मदद से भी सही फंड चुनने के लिए बहुत काम करने की जरूरत होती है। लेकिन प्रीमियम मेंबर के तौर पर आपकी एक्सेस एनॉलिस्ट च्वाइस तक होगी। फंड के 37 ऑफीशियल टाइप के बजाए, हमने आठ इन्वेस्टर ओरिएंटेड कैटेगरीज बनाईं हैं, जो आपके वास्तविक फाइनेंशियल गोल के लिए सटीक हैं। हर कैटैगरीज में, मेरी एनॉलिस्ट की टीम ने और मैंने कुछ फंड चुनें हैं जो आपकी जरूरतों को पूरी करने में मददगार साबित होंगे।
पोर्टफोलियो एनॉलिसिस: सिर्फ कुछ मेंबर्स ही अपना निवेश एकदम शून्य से शुरू कर रहे हैं। ज्यादातर लोगों के लिए, यह एक बड़ा सवाल है कि क्या आपका मौजूदा निवेश आपके गोल में फिट हो रहा है ? यह एक मुश्किल सवाल है क्योंकि एक फंड को बेच कर दूसरे फंड में निवेश करने का कई तरह से असर पड़ता है। और टैक्स के लिहाज से असर पड़ना एक अहम बात है। प्रीमियम सिस्टम में आप एक आकलन पा सकते हैं और हमारी एक्सपर्ट की टीम की जानकारी के आधार पर फंड की एक लिस्ट पा सकते हैं।