क्या रिटायर्ड व्यक्ति को स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहिए? - टी.के. सिन्हा
अगर ये सवाल आप मुझसे 20 साल पहले होता, तो मैं कहता कि नहीं करना चाहिए. ये उस दौर की आम सोच थी. क्योंकि पहले फ़िक्स-इनकम से ठीक-ठाक रिटर्न मिल जाता था. और पहले इक्विटी में जिस तरह से निवेशक शामिल होते थे, वो अपने आप में काफ़ी रिस्की होता था. पहले मार्केट ही जोख़िम भरे हुआ करते थे. मगर अब मार्केट कहीं ज़्यादा सुरक्षित हो गए हैं. इसके अलावा जिन माध्यमों से आप निवेश करते हैं, वो भी आसान हो गए हैं.
आज जिस तरह से ब्याज दरें कम हुई हैं, इससे ज़्यादातर रिटायर्ड लोगों के लिए काफ़ी ज़रूरी हो गया है कि वो इक्विटी में निवेश ज़रूर करें. अब ये कोई ऑप्शन नहीं है कि आप इक्विटी में निवेश न करें. आपको इसे सीखना ही पड़ेगा और इसका अनुभव लेना होगा. जितनी जल्दी हो सके आप इक्वटी में निवेश करना सीखिए. क्योंकि अगर आपके पास बचत नहीं हैं और आपने इक्विटी में निवेश नहीं करते हैं. और आप सिर्फ़ फ़िक्स्ड इनकम के भरोसे हैं. तो आप अपने सामने अपनी सारी बचत के खत्म होते देखेंगे और ये ख़तरा काफ़ी जल्दी सामने आ सकता है. यहां तक कि इक्विटी में निवेश न करना कितना जोख़िम भरा है, इस सच्चाई को लोग जितना जल्दी समझ जाएं बेहतर है.
इसकी एक वजह ये भी है कि इक्विटी पहले से ज़्यादा सेफ़ और डाइवर्सिफ़ाई है. और ये निवेश का सबसे आसान तरीक़ा भी है. असल में, पहले लोगों के पास घर के किराए या कैपिटल गेन इनकम या फिर पेंशन जैसे आमदनी के जो विकल्प थे, इन सभी से फ़िक्स्ड इनकम के साथ अच्छे रिटर्न मिल जाते थे. मगर अब ऐसा नहीं है और न ही अब पहले जितना आराम है. असल में, अब आपके पास इक्विटी में निवेश न करने का विकल्प ही नहीं है. इसीलिए, देर आए दुरुस्त आए! बेहतर है आप इस बात को जल्द समझ जाएं.
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