मिडिल क्लास फैमिली में पैदा हुए सूरज की उम्र 30 साल है। वे अभी पब्लिक सेक्टर कंपनी में काम कर रहे हैं। इस समय वे अपने परिवार के साथ मुंबई में रह रहे हैं। अब से लगभग दो दशक पहले की बात है, दूरदर्शन पर क्रिकेट स्कोर अपडेट जानने के लिए ब्राउज कर रहे सूरज स्टॉक मार्केट एंकर, मार्केट एक्सपर्ट्स और एक्सपर्ट्रस से परिचित हुए जो स्टॉक्स फ्यूचर जैसी चीजों के बारे में बात कर रहे थे।
सूरज याद करते हैं “ कई सप्ताह तक सुनने के बाद मैंने स्टॉक मार्केट का पैटर्न, मूवमेंट और फ़ंडामेंटल्स के बारे में पता करना शुरू किया। मुझमें मार्केट को लेकर एक तरह की धुन पैदा हो गई। हालांकि, बच्चा होने की वज़ह से मेरे परिवार में बड़े लोगों ने मुझे कभी गंभीरता से नहीं लिया। मारूति सुजूकी, एचडीएफसी बैंक और इन्फोसिस के स्टॉक्स में उछाल आने पर मैं गुस्से से भर उठा। मुझे इस बात का अफ़सोस हुआ कि ये स्टॉक्स रोज नई उंचाइयों को छू रहे हैं और मैंने ये मौका गंवा दिया। उस समय मैं स्टूडेंट था और शानदार फ़ंडामेंटल्स के साथ तेजी से ग्रो कर रही इन कंपनियों में निवेश के लिए मेरे पास पैसा नहीं था। मुझे कुछ साल लगे लेकिन मैं विनर्स और लूजर्स में अंतर करने के लिए ज़रूरी समझ हासिल करने में लग गया। 2006-08 तक स्टॉक मार्केट के बारे में मेरी समझ ने मेरे पिता और दूसरे रिश्तेदारों को प्रभावित करना शुरू कर दिया”।
शुरू हुआ निवेश का सफ़र
2010 तक, उनके पिता उनके पास फाइनेंशियल एडवाइस के लिए आए और निवेश के लिए कुछ रक़म भी दी। वे याद करते हैं “वयस्क होने के बाद मैंने बहुत सा समय और रक़म एंटरटेनमेंट पर बरबाद की। हालांकि, आधी रक़म मैंने म्यूचुअल फ़ंड्स में निवेश करनी शुरू कर दी”।
2014-15 के मध्य में, सूरज ने धीरेंद्र कुमार और वैल्यू रिसर्च ऑनलाइन के बारे में जाना। तब से, वे वेबसाइट के यूजर हैं। VRO को अपनी गो टू वेबसाइट मानने वाले सूरज बताते हैं कि वेबसाइट ने म्यूचुअल फ़ंड और स्टॉक निवेश और डायरेक्ट प्लान के बारे में सीखने में मेरी मदद की। मैं वैल्यू रिसर्च की सलाह के आधार पर अपनी SIP शुरू करुंगा। कोई भी अगर मुझसे म्यूचुअल फ़ंड्स के बारे में पूछता है तो मैं आगे भी VRO की सलाह दूंगा। ये वेबसाइट आपको एक बार फीड करने के बजाए मछली पकड़ना सिखाती है। वैल्यू रिसर्च की सलाह के आधार पर उन्होंने इन्वेस्टिंग पर पीटर लिंच और वारेन बफ़ेट की लिखी किताबें भी पढ़ी। इन किताबों में स्टाइल ऑफ इन्वेस्टिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। वे जिम कोलिन्स की “बिल्ट टू लास्ट” और “गुड टू ग्रेट” और VRO फेवेरिट रॉबर्ट कियास्की की “रिच डैड पूअर डैड” भी पढ़ने सलाह देते हैं। सूरज ने बताया कि उनकी तरक्की उनके फाइनेंशियल प्रिंसिपल्स/अनुशासन पर इन लोगों के असर के बिना संभव नहीं होती।
वर्षों के दौरान तमाम वित्तीय फैसले लेने में मदद के लिए VRO की सराहना करते हुए सूरज कहते हैं VRO ने मेरी वित्तीय जानकारी और कॉमन सेंस में योगदान दिया। ULIPs उपयोगी न होने को लेकर VRO की चेतावनी ने भी इससे दूर रहने में उनकी मदद की। अब उनके पास एक टर्म प्लान है जिसका सम अश्योर्ड 1 करोड़ है। इसके अलावा उनके पास 15 लाख रु का हेल्थ इन्श्योरेंस भी है।
स्टॉक्स और म्यूचुअल फ़ंड्स में निवेश
सूरज कंपाउंडिंग की पावर में काफ़ी अधिक भरोसा करते हैं। वे मार्केट में निवेश बनाए रखने में यकीन रखते हैं मार्केट में हालात कैसे भी हों और निवेश से बाहर तभी निकलते हैं जब उनको रक़म की ज़रूरत हो। सूरज बताते हैं “वित्त वर्ष 21 की पहली तिमाही में कैपलिन प्वाइंट के कुछ 200 शेयर ख़रीदे थे। ये गिरता रहा और मैं लगातार शेयर खरीदता रहा। इस तरह से मेरे पास कुल 425 शेयर हो गए जिनकी औसत ख़रीद कीमत 518 रु प्रति शेयर थी। हालांकि, एक साल तक शेयर 450-490 रु प्रति शेयर की रेंज में रहा। लेकिन मैंने नहीं बेचा और आखिरकार अप्रैल 2021 में, छह माह से अधिक समय के बाद शेयर ने तेजी पकड़नी शुरू की। आज ये लगभग 800 रु प्रति शेयर पर ट्रेड कर रहा है। इसी तरह, मेरे पास ITC के लगभग 450 शेयर हैं और सैलरी वाले दिन मैं हर माह 25 शेयर ख़रीदता हूं। मेरा मानना है कि ITC लंबे अरसे में अच्छा रिटर्न देगी और मुझे कोई जल्दी नहीं है”।
अपने पोर्टफ़ोलियो में म्यूचुअल फ़ंड के बारे में बात करते हुए सूरज कहते हैं जब फ़ंड सेलेक्ट करने की बात आती है तो वे पहले अपने पोर्टफ़ोलियो में स्टॉक्स चेक करते हैं। इसके अलावा वे अपने किसी भी फ़ंड पर तभी एक्शन लेते हैं जब कुछ असामान्य देखते हैं। जैसे फ़ंड गलत मोमेंटम का पीछा कर रहा हो। लेकिन वे कुछ भी जल्दबाजी में नहीं करते।
वर्षों तक सेविंग और निवेश करते हुए वे 32 लाख रु का कॉर्पस बना चुके हैं। उन्होंने लगभग 10 लाख रु म्यूचुअल फ़ंड में निवेश किए हैं। फंड के नाम हैं एक्सिस मिडकैप फंड, कोटक लो ड्यूरेशन फ़ंड, मीरे असेट टैक्स सेवर फ़ंड, मोतीलाल ओसवाल S&P 500 इंडेक्स फ़ंड और क्वांटम टैक्स सेविंग फ़ंड। इसके अलावा, उन्होंने 12 लाख रु स्टॉक्स में भी निवेश किए हैं। स्टॉक्स के नाम हैं ITC, कोटक बैंक, कैपलिन प्वाइंट, बजाज फाइनेंस, आदि ।
उनका मानना है कि आर्थिक आज़ादी के लिए उनको अभी लंबा सफ़र तय करना है लेकिन वे आश्वस्त हैं कि वे अपने गोल तक ज़रूर पहुंचेंगे। आखिर में इन शब्दों के साथ अपनी बात समाप्त करते हैं “ मुझे सेविंग और कंपाउंडिंग की पावर को धन्यवाद देना होगा लेकिन इन्वेस्टर एजुकेशन की पावर ही मुझे यहां लाई है। गोल की ओर चलना अहम है लेकिन दिशा, मोमेंटम और अनुशासन आवश्यक और अनिवार्य हैं”।