PMS में निवेश करने के साथ किस तरह के जोखिम जुड़े हैं. मेरे पास ₹50 लाख निवेश करने के लिए हैं, तो इसके लिए म्यूचुअल फ़ंड और PMS में से क्या बेहतर है? - के के लावनिया
pms or mutual fund which is better: कई वजहों से ज़्यादातर इंडिविजुअल निवेशकों के लिए म्यूचुअल फ़ंड बेहतर है. और, अगर आपके पास निवेश के लिए ₹50 लाख हैं तो PMS (portfolio management services) सही विकल्प नहीं है. इसके कई कारण हैं.
पहली वजह ये है कि PMS में आपको एक बार में ऱकम निवेश करनी होगी. आप अपने निवेश को SIP या STP के ज़रिए छोटे हिस्सों में नहीं तोड़ सकते हैं. PMS के नियम म्यूचुअल फ़ंड की तरह नहीं हैं. म्यूचुअल फ़ंड के लिए ये साफ़ नियम हैं कि फ़ंड हाउस क्या कर सकते हैं और क्या नहीं कर सकते हैं. इसके अलावा PMS जिस तरह के प्रदर्शन का दावा करते हैं उसकी सच्चाई को चेक नहीं किया जा सकता है. वहीं म्यूचुअल फ़ंड रोज़ NAV कैलकुलेट करते हैं और रोज़ इसका ख़ुलासा करते हैं.
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टैक्स लिहाज़ से कौन बेहतर?
Can we get tax benefit on mutual funds: इसके अलावा टैक्स के लिहाज़ से भी म्यूचुअल फ़ंड फ़ायदेमंद हैं. PMS के मामले में आप किसी को भी स्टॉक ख़रीदने और बेचने का अधिकार दे रहे होते हैं. सभी ख़रीद और बिक्री के सौदे पर टैक्स इसके हिसाब से लगेगा. ऐसे में अगर आपका PMS मैनेजर कुछ भी एक साल के अंदर बेच रहा है तो इस पर 15 फ़ीसदी शार्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स देना होता है. वहीं, अगर इसको एक साल के बाद बेचा जाता है तो मुनाफ़े पर 10 फ़ीसदी का टैक्स लगता हैं. लेकिन म्यूचुअल फ़ंड के मामले में ऐसा नहीं है. आपको कैपिटल गेन्स टैक्स तभी देना होता है, जब आप अपना निवेश बेचते हैं. अगर आपका फ़ंड मैनेजर रोज़ ख़रीद या बिक्री करता है तब भी आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है.
जब आप डायरेक्ट प्लान में निवेश करते हैं, तो म्यूचुअल फ़ंड में लागत का भी फ़ायदा मिलता है. म्यूचुअल फ़ंड का स्ट्रक्चर कुछ ऐसा है कि जब फ़ंड बड़ा हो जाता है तो ये निवेश के लिए कम ख़र्च वसूलता है. तो ऐसे में मुझे लगता है कि इंडिविजुअल निवेशकों के लिए म्यूचुअल फ़ंड बेहतर विकल्प हो सकता है. म्यूचुअल फ़ंड टैक्स के लिहाज़ से भी फायदेमंद है, ये पारदर्शिता और नियम कानून के तहत काम करते हैं.
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