संतोष सारथी एयरोस्पेस इंजीनियर हैं। वे एयरक्राफ्ट बनाने वाली एक अग्रणी कंपनी के गुजरात प्लांट में काम कर रहे हैं। संतोष ने अपने इकलौते बेटे के लिए प्लान किया था कि वह एमआईटी में फिजिक्स की पढ़ाई करेगा। उनका बेटा आकाश ऐस्ट्रोफिजिस्ट बनना चाहता है।
संतोष अपने इस गोल के लिए दशक से प्लानिंग कर रहे थे। और उनके बेटे के मई 2021 में होने वाले बोर्ड एग्जाम के साथ ही उनका यह गोल पूरा हो जाएगा। मार्च में जब उनके निवेशा की वैल्यू में तेज गिरावट आई थी उस समय वे बहुत चिंतित हो गए थे। हालांकि उन्होंने उस समय समझदारी दिखाई और निवेश बेचने की गलती नहीं की। संतोष का निवेश उस गिरावट से काफी हद तक रिकवर हो चुका है लेकिन अब संतोष के मन में एसआईपी को लेकर शक पैदा हो गया है। उनका मानना है कि अगर लंबे समय से जमा की गई रकम को कुछ ही दिनों में बड़ा नुकसान हो सकता है तो एसआईपी का फायदा ही क्या है।
वे दूसरे लंबी अवधि के गोल जैसे रिटायरमेंट के लिए भी एसआईपी चला रहे हैं। मार्च के डरावने अनुभव के बाद वे इस बात का आंकलन कर रहे हैं कि उनको एसआईपी जारी रखनी चाहिए या नहीं।
क्या करना चाहिए
बाजार में कम अवधि में तेज गिरावट आपकी रकम को काफी कम कर सकती है खास कर उस समय जब आपको इसकी जरूरत है। मार्च में हमने ऐसा ही कुछ देखा है। संतोष की तरह अगर आप अपने लंबी अवधि के गोल के करीब पहुंच रहे हैं तो आपको विद्ड्रॉअल प्लान पर अमल करना चाहिए। यह विद्ड्रॉअल प्लान एसडब्ल्यूपी है।
आप जिस तरह से एसआईपी करते हैं उसी तरह से एसडब्ल्यूपी भी कर सकते हैं। एसडब्ल्यूपी के साथ आप अपनी रकम इक्विटी से निवेश के सुरक्षित विकल्पों जैसे डेट या बैंक अकाउंट में व्यवस्थित तरीके से शिफ्ट करते हैं। और यह काम आप अपना गोल पूरा होने से कई माह पहले करते हैं। एसआईपी जहां निवेश की लागत को औसत करने में मदद करती है वहीं एसडब्ल्यूपी आपकी विद्ड्रॉल कीमत को औसत करने में मदद करती है। इस तरह से एसडब्ल्यूपी अचानक बाजार के तेज उतार चढ़ाव के असर को सीमित में मदद करती है।
संतोष को रकम की जरूरत अगले कुछ माह में है। ऐसे में उनको पहले ही एसडब्ल्यूपी के जरिए रकम निकालना शुरू कर देना चाहिए। वे भाग्यशाली हैं कि मार्च के बाद से बाजार रिकवर हो गया है। अब वे पूरी रकम निकाल सकते हैं। अब वे अपने बेटे आकाश की एजुकेशन के लिए रकम जुटाने के मकसद से शुरू की गई सभी इक्विटी एसआईपी को बंद करके रकम को किसी सुरक्षित विकल्प में शिफ्ट कर देना चाहिए।
और अगर गोल ऐसा है कि जिसे आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है तो एसडब्ल्यूपी और जरूरी हो जाता है, जैसा संतोष के साथ है। और अगर गोल ऐसा है जिसे टाला जा सकता है या आगे बढ़ाया जा सकता है तो बाजार में अचानक तेज गिरावट आने पर आप लंबे समय तक इक्विटी में निवेश बनाए रखने पर विचार कर सकते हैं।
तो एसआईपी एसडब्ल्यूपी के साथ बहुत अच्छे तरीके से काम करती है। अपने गोल के लिए रकम जमा जुटाना गेम का आधा हिस्सा है। बाकी आधे हिस्से के लिए रकम को सुव्यवस्थित तरीके से निकालना जरूरी है। और इसे हल्के में लेने की जरूरत नहीं है।