इन्वेस्टमेंट प्लान

50 की उम्र में होना चाहते हैं रिटायर? ऐसे करें प्लान

आदित्‍य 50 साल की उम्र में रिटायर होना चाहते हैं लेकिन उनके गोल और आर्थिक स्थिति को देखते हुए उनको चार या पांच साल ज़्यादा काम करना होगा

How to Retire Early: जल्दी रिटायर कैसे हों?

back back back
8:16

38 साल के आदित्‍य मार्केटिंग प्रोफेशनल हैं. उनकी मंथली इनकम ₹1.10 लाख है. उनकी वाइफ़ होममेकर हैं. आदित्‍य का बेटा सात साल का है. आदित्‍य और उनकी फ़ैमिली अपने घर में रहती है. उनका मंथली ख़र्च लगभग ₹70,000 है.
अपने बेटे की हायर एजुकेशन और शादी के लिए ज़रूरी कॉर्पस बनाने के अलावा आदित्‍य 50 साल की उम्र में रिटायर होना चा‍हते हैं. अब तक उन्‍होंने ₹15.5 लाख इक्विटी म्‍यूचुअल फ़ंड में जमा किए हैं. इसके अलावा कुछ रक़म पब्लिक प्रॉविडेंट फ़ंड में भी लगाई है. आदित्‍य चाहते हैं कि हम उनके लिए फ़ाइनेंशियल प्‍लान तैयार करें.

इमरजेंसी कॉर्पस

आदित्‍य ने आपात ज़रूरतों के लिए FD में ₹6 लाख जमा कर रखे हैं. ये रक़म उनकी ज़रूरत के हिसाब से थोड़ी ज़्यादा है, लेकिन वे इसे बनाए रख सकते हैं. किसी को भी अपने छह महीने के ख़र्च के लायक रक़म इमरजेंसी फ़ंड में रखनी चाहिए. इमरजेंसी कॉर्पस की रक़म को लिक्विड फ़ंड और स्‍वीप-इन डिपॉज़िट में रखनी चाहिए. इससे लिक्विडिटी पर समझौता किए बिना ज़्यादा रिटर्न हासिल किया सकता है.

क्‍या करें: इमरजेंसी कॉर्पस की आधी रक़म लिक्विड फ़ंड में और आधी रक़म स्‍वीप-इन डिपॉज़िट में रखें.

इन्‍श्‍योरेंस

आदित्‍य के पास ₹1.5 करोड़ का टर्म इन्‍श्‍योरेंस प्‍लान है. उनके न रहने पर फ़ैमिली की ज़रूरतों के लिए ये रक़म काफ़ी होनी चाहिए. उनके पास पूरी फ़ैमिली के लिए ₹7 लाख कवर वाला हेल्‍थ इन्‍श्‍योरेंस प्‍लान भी है.

ये हेल्‍थ कवर कुछ साल पहले जब लिया था, तब तो ठीक था. लेकिन, महंगाई और इलाज की कॉस्‍ट बढ़ने के साथ हर दो तीन साल में कवर की समीक्षा करनी चाहिए और कवर की रकम को बढ़ाना चाहिए. आदित्‍य ख़ुद के लिए और वाइफ़ के लिए ₹10 लाख कवर वाला क्रिटिकल इलनेस प्‍लान (गंभीर बीमारी का प्लान) ख़रीदने पर भी विचार कर सकते हैं. गंभीर बीमारी होने पर क्रिटिकल इलनेस प्‍लान काफ़ी मददगार साबित हो सकता है. मौजूदा लाइफ़स्‍टाइल में गंभीर बीमारियों का ख़तरा काफ़ी बढ़ गया है. ऐसे में क्रिटिकल इलनेस प्‍लान अतिरिक्‍त वित्‍तीय सुरक्षा मुहैया कराता है.

आदित्‍य और उनकी वाइफ़ के लिए अलग-अलग क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी ₹8,000 सालाना प्रीमियम में मिल जाएगी. किसी बीमारी का पता चलने पर ये पॉलिसी एक तय रक़म का भुगतान कर देती है, भले ही बीमारी पर इलाज का ख़र्च कुछ भी हो.

क्या करें: हर दो तीन साल में हेल्‍थ इन्‍श्‍योरेंस कवर की समीक्षा करें. क्रिटिकल इलनेस हेल्‍थ कवर ख़रीदने पर विचार करें.

ये भी पढ़िए- Term Insurance ख़रीदते हुए मुझे कौन सा पे आउट ऑप्‍शन चुनना चाहिए?

बेटे की एजुकेशन और शादी

आदित्‍य ने अपने बेटे की एजुकेशन और शादी पर ₹15 लाख और ₹10 लाख ख़र्च करने की योजना बनाई है. अगर महंगाई 6 फ़ीसदी मान लें तो जब इस रक़म की ज़रूरत होगी तो ये बढ़कर ₹26.9 लाख और ₹16.3 लाख हो जाएगी.

हालांकि उनके बेटे की शादी होने में लगभग 20 साल का समय है और वे इस गोल के लिए अगले 12 साल तक निवेश कर सकते है. अगर उनका रिटायरमेंट 50 साल की उम्र में मान लें तो 12 फ़ीसदी अनुमानित रिटर्न के साथ ₹11,300 की SIP गोल के लिए काफ़ी होगी. आदित्‍य को SIP की रक़म में सालाना 10 फ़ीसदी का इजाफ़ा करना होगा.

क्‍या करें: प्‍योर इक्विटी फंड में SIP के जरिए हर माह ₹11,400 निवेश करें.

जल्‍द रिटायरमेंट

फ़िलहाल, मंथली ख़र्च और सालाना 5 फ़ीसदी विड्रॉल रेट के हिसाब से आदित्‍य को 50 साल की उम्र में रिटायर होने के लिए ₹3.4 करोड़ की ज़रूरत होगी. इक्विटी फ़ंड और PPF में उनका अब तक का निवेश रिटायरमेंट तक उनको ₹62.4 लाख दे सकता है. इस कैलकुलेशन में इक्विटी फ़ंड पर रिटर्न 12 फ़ीसदी माना गया है. EPF में उनका मैंडेटरी कंट्रीब्‍यूशन मंथली ₹7,800 है. इतना ही कंट्रीब्‍यूशन उनका एम्‍पलॉयर कर रहा है. उनका अब तक का EPF बैलेंस ₹19.4 लाख है. तो रिटायरमेंट तक EPF से आदित्‍य को ₹1.1 करोड़ मिल जाएंगे. हमने ये माना है कि सालाना अप्रेजल के साथ उनका EPF कंट्रीब्‍यूशन हर साल 10 फ़ीसदी बढ़ेगा.

ज़रूरी रिटायरमेंट कॉर्पस में बाक़ी रक़म जुटाने के लिए उनको हर महीने ₹37,200 इक्विटी फ़ंड में निवेश करना होगा. और, उनको निवेश की रक़म सालाना 10 फ़ीसदी बढ़ानी भी चाहिए. हालांकि, आदित्‍य के लिए ऐसा करना आसान नहीं है, क्‍योंकि बेटे की एजुकेशन और शादी के लिए निवेश करने के बाद उनके पास हर महीने सिर्फ़ ₹28,700 सरप्‍लस बच रहा है.

ये भी पढ़िए - Life insurance: कौन सी पॉलिसी आपके लिए बेस्ट है?

ऐसे में उनको अपना रिटायर होने का गोल कुछ साल के लिए आगे बढ़ाना चाहिए. अगर वे चार पांच साल और काम करते हैं तो वे आसानी से न सिर्फ़ ज़रूरी कॉर्पस बना लेंगे, बल्कि रिटायरमेंट के आसपास कोई अचानक कुछ रक़म की ज़रूरत पड़ने पर उसका इंतज़ाम भी कर लेंगे. वे तब भी बहुत से लोगों से कई साल पहले, 55 साल की उम्र तक रिटायर हो सकते हैं.

आदित्‍य को अपने रिटायरमेंट से दो-तीन साल पहले अगले तीन साल के ख़र्च के लिए जरूरी रक़म सिस्‍टमैटिक तरीक़े से लिक्विड फ़ंड में शिफ़्ट करना शुरू कर देना चाहिए. अपने रिटायरमेंट के दौरान उनको ये तय करना चाहिए कि किसी भी समय पर तीन साल के ख़र्च की रकम लिक्विड फ़ंड में रहे.

इक्विटी को लेकर लोगों की सोच भले ही कुछ हो लेकिन इक्विटी रिटायरमेंट में बहुत अहम भूमिका निभाती है. इक्विटी महंगाई का मुकाबला करने में आपकी मदद करती है. अगर आप सिर्फ़ डेट में निवेश करते हैं तो हो सकता है कि रिटायरमेंट के बाद के सालों में आपकी सारी जमा पूंजी खत्‍म हो जाए और आप गरीबी के जाल में फंस जाएं. आदित्‍य पहले से ही इक्विटी में निवेश कर रहे हैं और वे बाज़ार के उतार चढ़ाव को समझते हैं. ऐसे में आदित्‍य को रिटायरमेंट के दौरान 50 फ़ीसदी रकम इक्विटी में रखनी चाहिए.

एक सरल नियम है कि रिटायरमेंट के दौरान एक साल में रिटायरमेंट कॉर्पस का 4 से 6 फ़ीसदी से ज़्यादा रक़म न निकालें. इससे कॉर्पस का इक्विटी पोर्शन महंगाई बढ़ने की वजह से पूंजी की घटती वैल्‍यू की भरपाई करता रहेगा.

क्‍या करें: रिटायरमेंट कुछ साल आगे बढ़ाने पर विचार करें.

ये भी पढ़िए- Debt Fund या स्मॉल फ़ाइनांस बैंक में FD, क्या सुरक्षित है?

म्यूचुअल फ़ंड

आदित्‍य के म्‍यूचुअल फ़ंड पोर्टफ़ोलियो में 9 इक्विटी फ़ंड शामिल हैं. इनमें लार्ज, मिड कैप और टैक्‍स सेवर फ़ंड हैं. असल में, ये 9 फ़ंड ज्‍यादा हैं, इसलिए उनको पोर्टफ़ोलियो में फ़ंड की संख्‍या कम करके 4-5 फ़ंड तक करनी चाहिए. वरना उनको लंबी अवधि में रिटर्न का नुक़सान उठाना पड़ सकता है. इसके अलावा, अगर आपके पोर्टफ़ोलियो में बहुत सारे फ़ंड हैं तो पोर्टफ़ोलियो को ट्रैक करना कठिन हो जाता है.

आदित्‍य को अपनी रक़म लार्ज कैप से निकाल कर मल्‍टी कैप फ़ंड्स में लगाने पर विचार करना चाहिए. मल्‍टी कैप फ़ंड हर तरह के आकार की कंपनियों में निवेश करते हैं. इस तरह से निवेशक ज़्यादा रिटर्न हासिल कर सकता है. वे अपने पोर्टफ़ोलियो का 20 से 30 फ़ीसदी हिस्‍सा मिड और स्‍मॉल कैप फ़ंड्स में निवेश कर सकते हैं. इससे उनको अग्रेसिव रिटर्न का फ़ायदा मिल सकता है.

क्‍या करें: पोर्टफ़ोलियो में फ़ंड्स की संख्‍या घटाएं. लार्ज फंड से रकम निकाल कर मल्‍टी कैप फ़ंड में निवेश करने पर विचार करें.

इन बातों का रखें ध्‍यान

  • हर तीन साल में हेल्‍थ इन्‍श्‍योरेंस कवर का रिव्यू करें.
  • रिटायरमेंट के दौरान इक्विटी से परहेज न करें. ये आपको महंगाई दर से ज़्यादा रिटर्न दिलाने में मदद करेगी.
  • इक्विटी फ़ंड्स में मल्‍टी कैप फ़ंड सबसे बेहतर हैं. मल्‍टी कैप फ़ंड छोटी बड़ी मझोली हर आकार की कंपनियों में निवेश करते हैं.
  • किसी भी पोर्टफ़ोलियो के लिए चार-पांच फ़ंड काफ़ी हैं. इससे ज़्यादा फ़ंड में निवेश से डायवर्सिफ़िकेशन बेहतर नहीं होता, बल्कि इनको मैनेज करना मुश्किल हो जाता है.

ये भी पढ़िए - मोदी और 95% भारतीयों को पसंद है FD, लेकिन इससे बेहतर विकल्प भी हैं


टॉप पिक

₹12 लाख 3-4 साल के लिए कहां निवेश कर सकते हैं?

पढ़ने का समय 1 मिनटवैल्यू रिसर्च

आसान सवालों के मुश्किल जवाब

पढ़ने का समय 2 मिनटधीरेंद्र कुमार

आपको कितने फ़ंड्स में निवेश करना चाहिए?

पढ़ने का समय 2 मिनटवैल्यू रिसर्च

मार्केट में गिरावट से पैसा बनाने का ग़लत तरीक़ा

पढ़ने का समय 2 मिनटधीरेंद्र कुमार

म्यूचुअल फ़ंड, ऑटो-पायलट और एयर क्रैश

पढ़ने का समय 4 मिनटधीरेंद्र कुमार

वैल्यू रिसर्च धनक पॉडकास्ट

updateनए एपिसोड हर शुक्रवार

Invest in NPS

पुराने निवेश बनाम नए निवेश

क्या आप पर्सनल फ़ाइनांस और निवेश के नए-नए आइडिया की ओर खिंचे चले जाते हैं? इस आदत को छोड़ दें!

दूसरी कैटेगरी