ELSS Mutual Fund यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम. ये टैक्स सेविंग के सबसे बेहतरीन विकल्पों में से एक है. जब आप इन फ़ंड्स में निवेश करते हैं तो निवेश की रक़म आपकी टैक्सेबल इनकम से घटा दी जाती है. इससे आपको टैक्स के तौर पर कम रक़म चुकानी पड़ती है.
ELSS में कितना निवेश कर सकते हैं?
How much to invest in ELSS to save Tax: आप ELSS फ़ंड में कितनी रक़म जमा कर सकते हैं इस पर कोई लिमिट नहीं है, लेकिन एक फ़ाइनेंशियल ईयर में ₹1.5 लाख तक के निवेश पर ही टैक्स छूट का फ़ायदा मिल सकता है. इसका मतलब है कि अगर आप सबसे ऊंचे टैक्स ब्रैकेट में है तो आप ₹46,800 कम टैक्स चुकाएंगे.
ग़ौर करने वाली बात ये है कि ₹1.5 लाख की ये लिमिट अकेले ELSS फ़ंड के लिए नहीं है. ये लिमिट इनकम टैक्स एक्ट के Section 80C के तहत उपलब्ध विकल्पों को मिला कर है. सेक्शन 80 सी के तहत निवेश के दूसरे विकल्प भी हैं जिसमें इम्पलाइज प्रॉविडेंट फ़ंड यानी EPF (Employees Provident Fund) और पब्लिक प्रॉविडेंट फ़ंड यानी PPF (Public Provident Fund) शामिल हैं. ऐसे में ELSS में निवेश करने से पहले आपको इस बात पर ग़ौर करना होगा कि आपने दूसरे विकल्पों में कितना निवेश किया है जिससे आप ₹1.5 लाख की लिमिट को क्रॉस न करें.
अपने जैसे दूसरे विकल्पों से क्यों है बेहतर?
ELSS फ़ंड आपके लिए उपलब्ध दूसरे टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट की तुलना में ज्यादा फ़ायदेमंद है. इसके दो कारण हैं-पहला, ELSS फ़ंड 1.5 लाख की लिमिट में इकलौता ऐसा टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट है जो कि इक्विटी रिटर्न के फ़ायदे मुहैया कराता है.
हालांकि 2 और ऑप्शन हैं जो इक्विटी लिंक्ड रिटर्न देते हैं- यूनिट लिंक्ड इन्श्योरेंस प्लान यानी ULIP और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS). ULIP में लॉकइन की अवधि कम से कम 5 साल है. इसके अलावा ULIP में निवेश की लागत काफ़ी ज़्यादा है और साथ ही पारदर्शिता की कमी है. NPS अपने आप में एक शानदार प्रोडक्ट है लेकिन ये रिटायरमेंट के बाद की ज़रूरतों के लिए है, न कि बचत के लिए. NPS में निवेश की गई रक़म के एक हिस्से को ही इक्विटी में निवेश किया जाता है, साथ ही इसमें लॉक इन पीरियड बहुत लंबा यानी रिटायरमेंट की उम्र तक होता है. वहीं ELSS Fund में निवेश की लागत ULIP की तुलना में बहुत कम होती है, और निवेश की 100 फ़ीसदी रक़म इक्विटी में जाती है. साथ ही लॉक इन पीरियड सिर्फ तीन साल का होता है.
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नए निवेशकों के लिए शानदार प्रोडक्ट
इसके अलावा ELSS Fund का एक और फ़ायदा है. ये नए निवेशकों के लिए शानदार प्रोडक्ट है जो उनको इक्विटी में निवेश का अनुभव देता है. टैक्स बचाने के लिए आप इस फ़ंड में निवेश करते हैं और इसमें लॉक इन पीरियड भी बहुत छोटा होता है.
लॉक इन पीरियड का फ़ायदा
हालांकि 3 साल का लॉक इन पीरियड ये सुनिश्चित करता है कि निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिले. इक्विटी के इस अनुभव का फ़ायदा उठाकर बहुत से निवेशक इक्विटी म्युचुअल फ़ंड में जीवन भर निवेश करते हैं. जब आपको लंबी अवधि में इक्विटी रिटर्न का स्वाद मिल जाता है तो आप दूसरी तरह के इक्विटी निवेश को भी आजमाना चाहते हैं.
साल की शुरुआत में करें प्लानिंग
हालांकि, ELSS Fund चुनने के लिए आपको पहले से प्लानिंग करने की ज़रूरत है. साल के अंत में टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट के लिए जागना सही तरीक़ा नहीं है. बहुत से लोग जो टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट के लिए साल के अंतिम समय का इंतजार करते हैं, वे ऐसे लोग होते हैं जो सिर्फ़ टैक्स बचाने के लिए ही निवेश करता है. इसके अलावा वे और कोई रकम निवेश नहीं करते हैं. वे इस समूची गतिविधि के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते और साल में सिर्फ एक बार निवेश के लिए आते हैं. इस तरह से वे निवेश के प्रोडक्ट बेचने वालों के शिकार आसानी से बन जाते हैं. जब तक कि निवेश से उनका टैक्स बचता है तो उनको महसूस होता है कि उनका तात्कालिक मकसद पूरा हो गया.
हालांकि, ये तरीका रकम को बर्बाद करने वाला है. एक अच्छा टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट पहले एक इन्वेस्टमेंट होना चाहिए और टैक्स बचाने वाला बाद में. ज़्यादातर लोगों के लिए ELSS फ़ंड सबसे अच्छा इन्वेस्टमेंट है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि सैलरी क्लास के लोग PF के तौर पर पहले ही फ़िक्स्ड इनकम में निवेश कर रहे होते हैं बाकी निवेश के लिए इक्विटी सबसे बेहतर है.
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