इन्वेस्टमेंट प्लान

अधूरे सपने

सुनील ने लोन लेकर एक अंडर कंस्‍ट्रक्‍शन फ्लैट खरीदा था। लेकिन उनके बिल्‍डर ने प्रोजेक्‍ट अधूरा छोड़ा दिया। अब सुनील नए घर के लिए एक और लोन लेना चाहते हैं

अधूरे सपने


सुनील की उम्र 48 साल है और वे प्राइवेट कंपनी में बतौर मैनेजर काम कर रहे हैं। उनकी टेक होम सैलरी 1.42 लाख रुपए है। उनकी एक 12 साल की बेटी है और बेटा है जिसकी उम्र 2.5 साल है। सुनील की वाइफ सुनीता 39 साल की हैं और वे हाउस वाइफ हैं। सुनील का परिवार किराए के घर में रहता है। उनका मासिक खर्च लगभग 81,000 रुपए है। इसमें सुनील का टर्म इन्श्योरेंस प्रीमियम और 30,000 रुपए की होम लोन ईएमआई शामिल है। यह होम लोन उन्होंने एक अडर कंस्ट्रक्शन घर खरीदने के लिए लिया है। सुनील ने 75 लाख रुपए से अधिक की रकम जमा की है। यह रकम विभिन्न तरह की फाइनेंशियल असेट में निवेश की गई है। इसके अलावा उनके पास एक आवासीय भूखंड है जिसकी कीमत 40 लाख रुपए है। सुनील चाहते हैं कि हम उनके लिए एक फाइनेंशियल रोडमैप तैयार करें।


इमरजेंसी फंड

सुनील के पास लगभग 3.46 लाख रुपए इमरजेंसी कॉपर्स के तौर पर हैं। यह रकम फिक्स्ड डिपॉजिट और सेविंग अकाउंट के कांबीनेशन में है। इमरजेंसी कॉर्पस का बड़ा हिस्सा सेविंग बैंक अकाउंट में है। इमरजेंसी कॉर्पस ईएमआई सहित कम से कम छह माह के मासिक खर्च को पूरा करने के लायक होना चाहिए। सुनील के लिए यह रकम 4.86 लाख रुपए बनती है। उनको यह रकम स्वीप इन फिक्स्ड डिपॉजिट और शार्ट ड्यूरेशन डेट फंड के कांबीनेशन में रखनी चाहिए। इससे उनको लिक्विडिटी पर समझौता किए बिना ऊंचा रिटर्न हासिल करने में मदद मिलेगी।

क्या करें
4.86 लाख रुपए का इमरजेंसी फंड स्वीप इन फिक्स्ड डिपॉजिट शार्ट ड्यूरेशन डेट फंड में मेन्टेन करें।

हेल्थ इन्श्योरेंस

सुनील के पास हेल्थ इन्श्योरेंस नहीं है। उनको कम से कम पांच लाख रुपए कवर वाला फ्लोटर प्लान खरीदना चाहिए जिसमें उनके परिवार के सभी सदस्य कवर हों। इसके लिए उनको सालाना 25,000 रुपए प्रीमियम देना होगा। हालांकि सुनील ने टर्म इन्श्योरेंस प्लान के साथ क्रिटिकल इलनेस राइडर लिया है। लेकिन यह राइडर सिर्फ गंभीर बीमारियों को ही कवर करता है।

क्या करें

सुनील 5 लाख रुपए कवर वाला हेल्थ कवर खरीदें जिसमें परिवार के सभी सदस्य कवर हों।

लाइफ इन्श्योरेंस
सुनील के पास 1.2 करोड़ रुपए लाइफ कवर मुहैया कराने वाला प्योर टर्म प्लान है। इसके अलावा उन्होंने कुछ पारंपरिक जीवन बीमा प्लान और यूनिट लिंक्ड प्लान यानी यूलिप में भी निवेश किया है। इन प्लान्स की वैल्यू लगभग 7 लाख रुपए है। इन्श्योरेंस और निवेश को अलग रखा जाना चाहिए। हाइब्रिड प्रोडक्ट जैसे यूलिप और पारंपरिक जीवन बीमा प्लान न तो अच्छा रिटर्न देते हैं और न ही जरूरत के मुताबिक जीवन बीमा कवर। सुनील को इन प्लान्स को सरेंडर करने पर विचार करना चाहिए। सरेंडर से मिलने वाली रकम के एक हिस्से का इस्तेमाल इमरजेंसी कॉर्पस में कमी को पूरा करने में किया जा सकता है। इसके अलावा वे प्योर टर्म प्लान के जरिए जीवन बीमा कवर और 50 लाख रुपए तक बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं।

क्या करें

यूलिप और पारंपरिक जीवन बीमा प्लान में निवेश को सरेंडर करने पर विचार करें।

बच्चों की एजुकेशन और शादी

सुनील अपने बच्चों की एजुकेशन पर आज के हिसाब से 40 लाख रुपए खर्च करना चाहते हैं। इस रकम की जरूरत अब से छह और 14 साल के बाद होगी। सुनील अगर अपने 25.2 लाख रुपए के इक्विटी कॉर्पस में से 14.4 लाख रुपए अगर बेटी की एजुकेशन के लिए रखते हैं तो उनकी जरूरत पूरी हो जाएगी। इसमें अनुमानित रिटर्न 12 फीसदी और महंगाई दर 6 फीसदी मानी गई है। बेटे की हायर एजुकेशन के लिए सुनील को सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी के जरिए 9,500 रुपए मल्टी कैप फंड में निवेश करना चाहिए। इसके अलावा उनको एसआईपी की रकम सालाना 10 फीसदी बढ़ानी होगी।

सुनील आज की कीमत के हिसाब से 30 लाख रुपए बच्चों की शादी पर खर्च करना चाहते हैं। इसके लिए मल्टी कैप फंड में 7,000 रुपए की एसआईपी की जरूरत होगी। इस कंट्रीब्यूशन को हर साल 10 फीसदी बढ़ाना होगा।

यहां अहम बात यह है कि सुनील के बच्चों की हायर एजुकेशन लगभग 14 साल बाद शुरू होगी। लेकिन सुनील अपने गोल के लिए सिर्फ 10 साल तक कंट्रीब्यूट कर पाएंगे। क्योंकि उनकी वर्किग लाइफ में अब 10 साल ही बचे हैं।

क्या करें

बेटी की हायर एजुकेशन के लिए 14.4 लाख रुपए आवंटित करें और प्योर इक्विटी फंड में 16,500 रुपए की एसआईपी शुरू करें।


रिटायरमेंट

सुनील 58 साल की उम्र में रिटायर हो सकते हैं और इस तरह से उनकी एक्टिव वर्किंग लाइफ 10 साल बची है। प्रॉविडेट फंड के अलावा एनपीएस, पीपीएफ और ईपीएफ में जमा उनकी रकम से अगले 10 साल में उनको लगभग 90.28 लाख रुपए मिलेंगे। एक अच्छे मल्टी कैप फंड में 20,000 रुपए की एसआईपी से उनको रिटायर होने तक 61.5 लाख रुपए और मिलेंगे। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि वह एसआईपी की रकम में हर साल 10 फीसदी का इजाफा करते रहें। इस तरह से उनके पास 1.50 करोड़ रुपए जमा हो जाएंगे। अगर रिटायरमेंट के बाद वे सालाना 6 फीसदी रकम निकालें तो यह उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी होगा।

क्या करें

एक अच्छे इक्सिटी फंड में 20,000 रुपए की एसआईपी शुरू करें।

दूसरे गोल

सुनील के दो और गोल है जिसे वे पूरा करना चाहते हैं। एक है घर खरीदना या घर बनवाना। सुनील ने चार साल पहले होम लोन लेकर एक अंडर कंस्ट्रक्शन फ्लैट खरीदा था। लेकिन बिल्डर के पास रकम कम पड़ गई और वह प्रोजेक्ट बीच में ही छोड़ कर भाग गया। हालांकि सुनील ने बिल्डर के खिलाफ कानूनी कदम उठाएं हैं लेकिन उनको फ्लैट की डिलीवरी मिलने की बहुत कम उम्मीद है। दुर्भाग्य से वे होम लोन की देनदारी से नहीं बच सकते हैं और उनको बची हुई ईएमआई चुकानी होगी।

सुनील अब दूसरा घर खरीदना चाहते हैं या अपना घर बनवाना चाहते हैं। उनका अनुमान है कि इस पर 80 लाख रुपए का खर्च आएगा। सुनील के पास पहले से एक आवासीय भूखंड है जिसकी कीमत 40 लाख रुपए है। सुनील या तो नया घर खरीदने के लिए भूखंड बेच सकते हैं या इसी जमीन पर घर बना सकते हैं। हालांकि सीमित संसाधनों और पहले से चल रही 30,000 रुपए की ईएमआई की वजह से सुनील को नए घर की कुल लागत को 60 से 65 लाख रुपए तक रखने का प्रयास करना चाहिए। 20 लाख रुपए का एक और लोन लेने का मतलब है कि उनको अपनी बची हुई वर्किंग लाइफ में 25,000 रुपए की ईएमआई चुकानी होगी। ज्यादा ईएमआई चुकाने से उनको अपने रिटायरमेंट के बाद की लाइफ में लाइफस्टाइल की गुणवत्ता से समझौता करना होगा। अगर वे एक और होम लोन लेते हैं तो उनको इसके हिसाब से इमरजेंसी कॉर्पस और इन्श्योरेंस कवर को भी बढ़ाना होगा।

सुनील का दूसरा गोल यह है कि वे नई कार खरीदना चाहते हैं। जैसा कि पहले बताया गया है कि सुनील का कुछ निवेश यूलिप में है। उनको इस प्लान को सरेंडर करना चाहिए। इमरजेंसी कॉर्पस में कमी को पूरा करने के बाद बचने वाली रकम का इस्तेमाल वे नई कार खरीदने में कर सकते हैं। वे इसके साथ सालाना मिलने वाले 1.5 लाख रूपए के बोनस को भी जोड़ सकते हैं जो उनको कुछ माह में मिलने वाला है।

क्या करें
नए घर की लागत पर फिर से विचार करें।

पोर्टफोलियो

सुनील के 25.2 लाख रुपए मौजूदा इक्विटी कॉर्पस का एक छोटा हिस्सा स्टॉक में है। आपको स्टॉक में सीधे तभी निवेश करना चाहिए अगर आपके पास जरूरी रिसर्च करने के लिए जरूरी कौशल हो। अगर ऐसा नहीं है तो आपको इक्विटी फंड में निवेश करना चाहिए। सुनील का म्युचुअल फंड निवेश अलग अलग कैटेगरी की 17 स्कीमों में फैला है। बहुत सी स्कीमों में निवेश का खतरा यह होता है कि हो सकता है कि आपके पास बहुत सारे फंड एक ही तरह के हों। और इनकी निगरानी करने में भी दिक्कतें आती हैं। इसके अलावा इससे लंबी अवधि में रिटर्न भी प्रभावित हो सकता है।

सुनील को अपने पोर्टफोलियो में सिर्फ चार या पांच अच्छे म्युचुअल फंड रखना चाहिए। इसके अलावा उनको लंबी अवधि के गोल के समय से 12 से 18 माह पहले जरूरी रकम सिस्टमेटिक तरीके से निकालनी चाहिए और इस रकम को अल्ट्रा शार्ट डयूरेशन डेट फंड में ट्रांसफर कर देना चाहिए। इससे इस बात का खतरा कम हो जाएगा कि जब आपको रकम की जरूरत है तो बाजार निचले स्तर पर है। टैक्स सेविंग के लिए सुनील को एक या दो टैक्स सेविंग फंड में निवेश करना चाहिए। सबसे ऊंचे टैक्स ब्रैकेट में होने की वजह से उनको एनपीएस में निवेश करना जारी रखना चाहिए। इससे उनको अतिरिक्त टैक्स बेनेफिट मिलेगा।

क्या करें
अपना म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो चार से पांच स्कीमों तक सीमित करें। इसमें टैक्स सेविंग फंड भी शामिल है।

पहला घर खरीदने के प्रयास में नुकसान उठाने के बावजूद इस प्लान पर अमल करते हुए सुनील अपने सभी फाइनेंशियल गोल हासिल कर सकते हैं और अपनी ईएमआई भी चुका सकते हैं। हालांकि उनको अपने नए घर की वैल्यू पर कुछ समझौता करना पड़ सकता है।



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