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अपनी लाइफस्‍टाइल पर गौर करें

मधु की इनकम अच्‍छी है और काफी असेट्स भी हैं फिर भी वे अपने गोल नहीं पूरे कर पा रही हैं। अपनी लाइफ स्‍टाइल पर गौर करने से उनको मदद मिल सकती है

अपनी लाइफस्‍टाइल पर गौर करें

मधु की उम्र 38 साल है और वे एक पांच साल की सिंगल मदर हैं। वे एक प्राइवेट कंपनी में काम करती हैं। उनकी मंथली टेक होम सैलरी 1.5 लाख रुपए है। वे अपने घर में रहती हैं और उन्‍होंने लगभग 85 लाख रुपए की रकम जमा की है। यह रकम फिक्‍स्ड डिपॉजिट, इक्विटी फंड, स्‍टॉक, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) और सुकन्‍या समृद्धि योजना में है। अपने रिटायरमेंट और बेटी की एजुकेशन के लिए जरूरी रकम का इंतजाम करने के अलावा मधु ने विदेश वैकेशन पर जाने और नई कार खरीदने की प्‍लानिंग की है। उनको अगले कुल सालों में अपने घर की मेनटेनेंस के लिए थोड़े रकम की जरूरत होगी। वे चाहती हैं कि हम उनके इन गोल को ध्‍यान में रखते हुए एक फाइनेंशियल रोडमैप बनाएं।

इमरजेंसी फंड

मधु का मंथली खर्च 80,000 रुपए है। उनके लिए इमरजेंसी कॉर्पस छह माह के खर्च की रकम के बराबर होना चाहिए। यह उनके लिए 4.8 लाख रुपए बैठता है। मधु के पास फिक्‍स्ड डिपॉजिट में 30 लाख रुपए हैं। इसके एक हिस्‍से का इस्‍तेमाल इमरजेंसी फंड बनाने में किया जा सकता है। हालांकि इमरजेंसी कॉर्पस की पूरी रकम फिक्‍स्ड डिपॉजिट में रखने के बजाए स्‍वीप इन फिक्‍स्ड डिपॉजिट और लिक्विड फंड के कांबीनेशन का इस्‍तेमाल किया जाना चाहिए। ऐसा करने से लिक्विडिटी पर समझौता किए बिना अधिक रिटर्न ह‍ासिल करने में मदद मिलेगी।

क्‍या करें: इमरजेंसी कॉर्पस की रकम रखने के लिए स्‍वीप इन फिक्‍स्ड डिपॉजिट और लिक्विड फंड के कांबीनेशन का इस्‍तेमाल करें।

इन्‍श्‍योरेंस

मधु के पास 15 लाख रुपए का हेल्‍थ कवर है। इसमें उनकी बेटी भी कवर है। यह कवर दोनों के लिए काफी है। हालांकि मधु के पास लाइफ इन्‍श्‍योरेंस नहीं है। अगर कोई भी आप पर आर्थिक रूप से निर्भर है तो जरूरतों को पूरा करने के लायक लाइफ कवर जरूरी है। मधु की पांच साल की बेटी उन पर निर्भर है। उनके न रहने की सूरत में 1.5 करोड़ रुपए का लाइफ कवर अगले 20 साल में उनकी बेटी की जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी होगा। इसमें उसकी हायर एजुकेशन का खर्च भी शामिल है।

लाइफ इन्‍श्‍योरेंस की जरूरत को पूरा करने के लिए टर्म प्‍लान सबसे अच्‍छा प्‍लान है। ये बहुत कम लागत में बड़ी रकम का कवर मुहैया कराते हैं। 1.5 करोड़ रुपए का टर्म कवर की लागत 13,000 रुपए -15,000 रुपए सालाना होगी। मधु को हाइब्रिड प्रोडक्‍ट से बचना चाहिए। ऐसे प्रोडक्‍ट में इन्‍श्‍योरेंस ओर इन्‍श्‍योरेंस दोनों होता है। ऐसे प्रोडक्‍ट काफी महंगे होते लेकिन न तो जरूरतों को पूरा करने के लायक इन्‍श्‍योरेंस देते हैं और न ही अच्‍छा रिटर्न।


क्‍या करें: जरूरतों को पूरा करने के लायक लाइफ इन्‍श्‍योरेंस कवर खरीदें

बेटी की हायर एजुकेशन

मधु अपनी बेटी को हायर एजुकेशन के लिए विदेश भेजना चाहती हैं। उनका आंकलन है कि इस पर आज की वैल्‍यू के हिसाब से लगभग 1 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। जब इस रकम की जरूरत होगी तब तक यह रकम 8 फीसदी महंगाई दर के हिसाब से बढ़ कर 2.52 करोड़ रुपए हो जाएगी। मधु ने इक्विटी में पहले से ही 40 लाख रुपए इकठ्टा किए हैं। अगर हम सालाना 12 फीसदी रिटर्न मान लें तो मधु को इससे 1.56 करोड़ रुपए मिलेंगे। बाकी के लिए, वे इक्विटी 25 लाख रुपए और निवेश कर सकती हैं।

मधु इस मकसद के लिए फिक्‍स्ड डिपॅजिट में रखी रकम के एक हिस्‍से का इस्‍तेमाल कर सकती हैं क्‍योंकि लंबी अवधि में इक्विटी फिक्‍स्ड डिपॉजिट की तुलना में काफी अधिक रिटर्न दे सकती है। हालांकि, निवेश 18 माह से दो साल की अवधि में फैला कर किया जाना चाहिए न कि सारी रकम एकमुश्‍त निवेश की जाए। इक्विटी में बड़ी रकम एक तय अवधि में फैला कर निवेश करने से इस इस बात का जोखिम काफी कम हो जाता है कि आपकी रकम बाजार में उस समय निवेश हो जब बाजार अपने सबसे ऊंचे स्‍तर पर हो।

मधु ने अपनी बेटी की एजुकेशन के लिए हाल में सुकन्‍या समृद्धि योजना (एसएसवाई) और इस स्‍कीम में कुछ लाख रुपए जुटाए हैं। हालांकि एसएसवाई गारंटीड रिटर्न की पेशकश करती है फिर भी बेटी की हायर एजुकेशन के लिए निवेश करने के लिहाज से यह सबसे अच्‍छा विकल्‍प नहीं है। इक्विटी फंड लंबी अवधि में एसएसवाई के 8 फीसदी रिटर्न की तुलना में काफी अधिक रिटर्न दे सकती है।

इसके अलावा मधु को बेटी की हायर एजुकेशन के लिए एक बार में ही सारी रकम की जरूरत नहीं होगी। यह जरूरत तीन से चार साल की अवधि में फैली होगी। उनको गोल पूरा होने से 12-18 माह पहले सिस्‍टमेटिक तरीके से रकम निकालना शुरू कर देना चाहिए। इससे रकम की जरूरत होने पर
क्‍या करें: अपनी बेटी की हायर एजुकेशन के लिए इक्विटी फंड में 65 लाख रुपए रखें।
रिटायरमेंट
मधु की आज की लाइफ स्‍टाइल और खर्च को देखते हुए रिटायरमेंट के बाद के सालों में उनको 11.71 करोड़ रुपए की जरूरत होगी। हमने यहां जीवन प्रत्‍याशा 85 साल मानी है। मधु का इरादा अगले 22-25 साल का और काम करने का है। जरूरी कॉर्पस के लिए इक्विटी फंड में 50,000 करोड़ रुपए का कॉर्पस काफी होगा। हालांकि, एसआईपी कंट्रीब्‍यूशन हर साल 10 फीसदी बढ़ना चाहिए। सालाना इंक्रीमेंट के साथ इसे आसानी से मैनेज किया जा सकता है।

क्‍या करें: इक्विटी फंड में हर माह 50,000 रुपए निवेश करें।
दूसरे गोल
मधु अगले दो तीन साल में 30 लाख रुपए कीमत वाली महंगी एसयूवी खरीदना चाहती हैं। उनको अपने घर की मेनटेनेंस के लिए हर पांच सात साल के समय में लगभग 5 लाख रुपए की जरूरत होगी।

रिटायरमेंट की जरूरतों के लिए निवेश करने और लाइफ इन्‍श्‍योरेंस का प्रीमियम चुकाने के बाद मधु के पास लगभग 18,000 रुपए का मंथली सरप्‍लस बचेगा। वे इसमें से 8,000 से 9,000 रुपए हर माह शार्ट ड्यूरेशन फंड में निवेश करके घर के मेनटेनेंस की जरूरत को पूरी कर सकती हैं। हालांकि, 30 लाख रुपए कीमत वाली महंगी कार खरीदने से उनके दूसरे अहम गोल जैसे रिटायरमेंट और बेटी की हायर एजुकेशन पटरी से उतर सकते हैं। ऐसे में उनके लिए कम महंगी कार खरीदना बेहतर रहेगा। इसके विकल्‍प के तौर पर वे अपने मंथली खर्च को कम कर सकती हैं और दूसरे गोल की रकम में बदलाव कर सकती हैं। इसके लिए उनको अपनी लाइफस्‍टाइल पर गौर करना होगा।

10,000 रुपए मंथली सरप्‍लस से वे तीन साल में 3.6 लाख रुपए जमा कर सकती हैं। इस रकम का इस्‍तेमाल छोटी कार की 40 से 50 लागत का इंतजाम करने में किया जा सकता है। बाकी रकम का इंतजाम कार लोन से किया जा सकता है। उपलब्‍ध कॉर्पस से कार लोन की ईएमआई चुकाने में दिक्‍कत नहीं होनी चाहिए।

विदेश वैकेशन पर जाना मधु का एक और गोल है लेकिन सीमित संसाधनों की वजह से उनके लिए इस गोल को हासिल करना मुश्किल लग रहा है। उनको कार या वैकेशन में से एक को चुनना होगा। दूसरा विकल्‍प यह है कि वे पीपीएफ अकाउंट की मैच्‍योरिटी तक इंतजार करें।

क्‍या करें: महंगी एसयूवी खरीदने के गोल पर दोबारा विचार करें। कार और वैकेशन में से एक चुनना होगा।
पोर्टफोलियो
मधु ने स्‍टॉक्‍स और म्‍युचुअल फंड में 40 लाख रुपए का कॉर्पस इकठ्ठा किया है। आपको स्‍टॉक्‍स में सीधे तभी निवेश करना जब आपके पास रिसर्च के लिए जरूरी समय और स्क्लि हो। नहीं तो बेहतर है कि आप म्‍युचुअल फंड के जरिए इक्विटी में निवेश करें। मधु का गोल 10 या 20 साल दूर है ऐसे में उनको तीन से चार अच्‍छे फ्लेक्‍सी कैप फंड में निवेश करना चाहिए। ये फंड सभी सेक्‍टर की हर आकार की कंपनियों में निवेश करते हैं।

मधु के पास पीपीएफ में लगभग 12 लाख रुपए हैं। हालांकि पीपीएफ में गारंटीड रिटर्न मिलता है लेकिन यह महंगाई के असर का मुकाबला करने के लायक रिटर्न नहीं देता है। मधु को सालाना 500 रुपए न्‍यूनतम रकम जमा करते हुए अकाउंट एक्टिव रखना चाहिए। मैच्‍योरिटी पर वे पीपीएफ कॉर्पस को ऊंचे रिटर्न के लिए इक्विटी फंड में निवेश कर सकती हैं। हालांकि उनको यह रकम छह से 12 माह में निवेश करनी चाहिए। मधु का पीपीएफ अकाउंट 2026 में मैच्‍योर होगा।
क्‍या करें: तीन से चार अच्‍छे फ्लेक्‍सी कैप फंड में निवेश करें।


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