क़रीब छह साल पहले, एक अमेरिकी बिज़नस स्कूल के जर्नल में दिलचस्प शीर्षक वाला लेख छपा था, अगर आप कहते हैं कि कोई "संभावना" है, तो लोग इसे कितनी संभावना मानते हैं? लेख का विषय उन शब्दों की अशुद्धियां उजागर करना था जो किसी घटना या परिणाम की संभावना (या इसके विपरीत) व्यक्त करने के लिए इस्तेमाल होते हैं, और ये पता लगाना था कि इसे कैसे ठीक किया जा सकता है. चूंकि वादे और उम्मीदें हमारी बचत और निवेश विकल्पों के मूल में हैं, इसलिए मुझे ये स्टडी आकर्षक लगी, लेकिन कुछ सुझाव ज़रा संदिग्ध भी लगे.
जो बात लेख को आकर्षक बनाती है वो ये है कि लेखक ने - जिनमें से एक X (ट्विटर) का डेटा साइंटिस्ट है और दूसरा एक फ़ाइनेंस रिसर्चर है - इस बात पर रिसर्च की कि जब ऐसे शब्दों का इस्तेमाल होता है तो लोगों के लिए उनके क्या मायने होते हैं. एक्सपेरिमेंट में इस्तेमाल किए गए शब्दों और वाक्यांशों के कुछ उदाहरण हैं - हमेशा, निश्चित रूप से, लगभग निश्चित रूप से, ज़्यादा संभावना के साथ, आमतौर पर, अक्सर, गंभीर संभावना, कम संभावना के साथ, शायद ही कभी और कभी नहीं.
इस स्टडी में, हरेक से सटीक प्रतिशत बताने के लिए कहा जाता है, यानी उनके मुताबिक़, हरेक शब्द या वाक्यांश कितना मेल खाता है. इसलिए, अगर आपको लगता है कि 'निश्चित रूप से' का मतलब 90 प्रतिशत है, तो आप उसे भरें, और इसी तरह आगे बढ़ें. जैसा कि सब जानते हैं, कुछ शब्दों का मतलब सभी के लिए लगभग एक जैसा है, जबकि कुछ दूसरे शब्द हैं जिनके अर्थ बहुत ज़्यादा अस्पष्ट हैं.
फिर भी, नतीजे आश्चर्यजनक रूप से अलग-अलग हैं. मुझे लगता है कि 'हमेशा' का मतलब सभी के लिए 100 प्रतिशत होगा, और भले ही 75 प्रतिशत जवाब देने वाले 98 प्रतिशत या उससे ज़्यादा पर थे, लेकिन प्रतिक्रिया का 5वां प्रतिशत 90 प्रतिशत से कम था. वाक्यांश 'निश्चित रूप से' का नतीजा 80 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक फैला हुआ था और 'लगभग निश्चित रूप से' जैसा था.
आश्चर्य की बात नहीं है कि सबसे अस्पष्ट शब्द स्केल के बीच में थे. हालांकि, अलग-अलग लोगों के लिए इन शब्दों के अर्थ की संभावनाओं का प्रसार काफ़ी समस्याग्रस्त लगता है. सबसे व्यापक प्रसार में से एक 'गंभीर संभावना' का है, जो 5वें और 95वें प्रतिशत पर 30 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक है, यहां तक कि 25वें और 75वें प्रतिशत पर भी 45 प्रतिशत और 80 प्रतिशत है. 'वास्तविक संभावना' भी लगभग उतनी ही ख़राब है, हालांकि ये हमेशा थोड़ी कम है. मैं इस पर सच में आश्चर्यचकित था, क्योंकि मैंने सोचा था कि दोनों ही 60 प्रतिशत हैं.
अब सवाल है कि व्यवहार में इसका क्या मतलब है? इसका मतलब है कि हमें ये समझना चाहिए कि 'वास्तविक संभावना' और 'गंभीर संभावना' जैसे वाक्यांश अर्थहीन हैं. या, वास्तव में, वे अर्थहीन से भी बदतर हैं क्योंकि वे अलग-अलग लोगों के लिए बहुत अलग मायने रखते हैं. 'संभावना', 'अक्सर', 'संभवतः', और कई दूसरे शब्दों के भी काफ़ी अस्पष्ट अर्थ हैं.
अगर आप व्यवसाय या निवेश समाचार या निवेश सलाह पढ़ते या सुनते हैं, तो आप इन शब्दों को हर समय सुनते होंगे. विश्लेषक और रिसर्चर हमेशा कहते रहते हैं कि कुछ निवेशों के सफल होने की काफ़ी संभावना है या ये कि ब्याज दरों में गिरावट आने की वास्तविक संभावना है, या ये कि इस बात की गंभीर संभावना है कि बाज़ार स्थिर रहेंगे. अब आप जानते हैं कि उनका मतलब कुछ भी हो सकता है और इसलिए, असल में उनका कोई मतलब ही नहीं होता.
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हालांकि, ज़्यादातर लोग (इसमें मैं भी शामिल हूं) समाधान के तौर पर जो सुझाव देते हैं, उसमें एक और समस्या है, वो ये कि हर किसी को संभावनाएं देनी चाहिए. संभावनाएं, जैसा कि ज़्यादातर बात करने वाले लोग इस्तेमाल करते हैं, बच निकलने के और भी बड़े रास्ते बना देती हैं.
मुझे याद है, कुछ महीने पहले, RBI की ब्याज दरों की घोषणा से ठीक पहले, एक बड़े अर्थशास्त्री ने टीवी पर कहा था कि उन्हें लगता है कि 80 प्रतिशत संभावना है कि दरें नहीं बदलेंगी. जब केंद्रीय बैंक ने वास्तव में दरें कम कर दीं, तो उन्होंने तुरंत बताया कि उनके अनुमान के अनुसार, ब्याज दरों में बदलाव की 20 प्रतिशत संभावना थी. कुल मिला कर, इसका मतलब है कि संभावना के प्रतिशत का हवाला देते समय एक चतुर-चालाक ऑपरेटर कभी ग़लत नहीं हो सकता है! चित, मैं जीता; पट, तू हारा.
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तो, इसका समाधान ये है कि पूर्वानुमान लगाने वाले के ट्रैक रिकॉर्ड को दर्ज किया जाए और व्यापक रूप से स्वीकार किए जाने वाले तरीक़े से सफलता का सही स्कोर कैलकुलेट किया जाए. हालांकि, इस तरह का सुझाव तब बहुत काम का नहीं होता जब आपका सामना किसी फ़ाइनेंस का प्रोडक्ट बेचने वाले से हो, जो वादा कर रहा हो कि निवेश से आपको निश्चित तौर पर हाई रिटर्न मिलेगा. आपको केवल एक ही काम करना है कि लोगों को प्रतिशत और आंकड़ों वाले वादों पर बांध कर रखें. और ध्यान रखें कि एक ही शब्द का अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग अर्थ होता है.
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ये लेख पहले 21 जुलाई 2018 को वैल्यू रिसर्च ऑनलाइन पर अंग्रेज़ी में पब्लिश हुआ था.
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