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सोशल मीडिया पर, एक प्रसिद्ध क्रिकेट कमेंटेटर के रटे-रटाए जुमलों से भरी कमेंट्री को लेकर चुटकुलों की एक पूरी शैली खड़ी हो गई है. कुछ 10-15 गूढ़ शब्दों (clichés) के जुमलों की लिस्ट है, जिसमें उनकी कही लगभग हर बात शामिल हो जाती है. यहां तक कि बिंगो गेम की शीट भी इसके लिए डाउनलोड की जा सकती है, इसमें उनका हरेक पसंदीदा जुमला एक स्क्वायर में दिखाया गया है. हो सकता है, उनके फ़ैन इन्हें प्रिंट करते हैं और जैसे ही वे रटा-रटाया जुमला बोलते हैं, जैसे 'ये तो एक ट्रेसर बुलेट की तरह निकल गया' या 'तीनों तरह के नतीजे संभव हैं', तो वे उस जुमले के स्क्वायर को पर क्रॉस का निशान लगा देते हैं.
हालांकि, जब इन जुमलों से बने वाक्य में धाराप्रवाह कमेंट्री करने की बात आती है, तो क्रिकेट और क्रिकेट कमेंटेटर ही अकेले दोषी नहीं हैं. जब कोई क्रिकेट कमेंटेटर कुछ ऐसा कहता है, जैसे 'बल्लेबाजी करने वाली टीम रन बनाने की कोशिश करेगी, और विपक्षी टीम विकेट लेने की कोशिश करेगी', तो ये बात कम-से-कम तथ्यात्मक तौर पर तो सही कही जाएगी.
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हालांकि, ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है जो फ़ाइनांशियल मार्केट को लेकर न्यूज़ और विचार गढ़ने वाले जुमलों की बौछार रोक सके. दूसरे दिन, मुझे ऐसे जुमलों की एक लिस्ट मिली, जिनका इस्तेमाल अमेरिका में स्टॉक के बारे में मीडिया में बात करने या लिखने वाला हर व्यक्ति लगातार करता है. मुझे एहसास हुआ कि जहां उनमें से कुछ का इस्तेमाल हर जगह होता था, जिसमें भारत भी है, मगर कुछ ऐसे भी थे जो सिर्फ़ भारत में ही बोले जाते थे.
तो यहां मैं अर्थहीन जुमलों की अपनी लिस्ट दे रहा हूं जिसका इस्तेमाल इन्वेस्टमेंट एनेलिस्ट इक्विटी पर बात करते समय करते हैं. लेकिन सबसे पहले, आप सबसे माफ़ी चाहूंगा – मेरे ख़याल से मैंने इनमें से लगभग सभी को या तो इस्तेमाल किया है या स्वीकार किया है.
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बाज़ारों के बढ़ने की X प्रतिशत संभावना है: आमतौर पर, X 50 प्रतिशत के बराबर होता है. ये उन विश्लेषकों के लिए एक बेहद काम का वाक्य है, जिन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि बाज़ार क्या करने जा रहे हैं (जो आमतौर किसी को नहीं होती और हर समय कुछ न कुछ होता ही है) क्योंकि ये वाक्य सभी संभावित परिस्थितियों में सही होने की गारंटी है. अगर ये बढ़ता है, तो आपका 50 प्रतिशत पूर्वानुमान सही होता है. लेकिन अगर ये गिरता है या स्थिर रहता है, तो दूसरा 50 प्रतिशत लागू हो जाता है, और आप तब भी सही होते हैं. असल में आप प्रतिशत को 99 पर सेट कर सकते हैं और इसके बावजूद हमेशा सही हो सकते हैं.
पैसा आसानी से कमाया जा सकता है: जब भी बाज़ार ऊपर जाते हैं, तब इसका इस्तेमाल बुद्धिमान और जानकार लगने के लिए किया जा सकता है. हालांकि, इसका ज़्यादा मतलब नहीं होता क्योंकि ये कहने का एक अलग तरीक़ा है कि बाज़ार ऊपर गए हैं. आपके सोच सकते हैं कि इसका मतलब है कि अब से पैसा कमाना ज़्यादा मुश्किल होगा. हालांकि, चूंकि आपने असल में इस बारे में कुछ नहीं कहा है कि भविष्य में क्या होने की संभावना है, इसलिए चाहे जो भी हो जाए, आपकी कही बात पर आंच नहीं आएगी.
मैं एक बॉटम-अप इन्वेस्टर/स्टॉक पिकर हूं: चूंकि निवेश का मतलब ही स्टॉक ख़रीदना है, इसलिए ये समझना मुश्किल है कि कोई भी इन्वेस्टर स्टॉक पिकर के अलावा और कुछ क्यों और क्या होगा. सच तो ये है कि अंततोगत्वा, हर कोई स्टॉक पिकर ही है. हालांकि, ये एक बढ़िया सिद्धांत साबित होता है जब आपको ये बताना पड़े कि आपकी पिछली भविष्यवाणियां क्यों पूरी नहीं हुई.
मुनाफ़ा लेने के वजह से बाज़ार नीचे हैं: ये 'ईज़ी मनी' के ठीक उलट है और इसका इस्तेमाल बढ़ते हुए मार्केट में आई किसी भी गिरावट को समझाने के लिए किया जा सकता है. यहां फिर कहूंगा, ये बुद्धिमानी और ज्ञान से भरा लगता है जब कोई वास्तविक जानकारी नहीं हो और ये पता ही नहीं हो कि क्या होने वाला है. मैं हमेशा इन लेन-देन के दूसरी तरफ़ के लोगों के बारे में सोचता हूं, जो ख़रीद रहे हैं. वे टीवी पर मुनाफ़ा लेने के बारे में बात करने वाले एक्सपर्ट की बात क्यों नहीं सुन रहे हैं? क्या उन्हें परवाह नहीं है? शायद नहीं, शायद वे ऐसे स्टॉक ख़रीदने में बहुत व्यस्त हैं जो अब अच्छी वैल्यू पर हैं.
बेचने वालों की तुलना में ख़रीदार ज़्यादा हैं: या जब स्टॉक गिरते हैं तो इसका उलटा कहा जाता है. ये बात इतनी हास्यास्पद है कि जब कोई एक्सपर्ट टीवी पर ऐसा कहता है, तो हमेशा आश्चर्य होता है कि कोई भी ज़ोर से हंसना क्यों नहीं शुरू करता. ऐसा कहना विशुद्ध रूप से आत्मविश्वास दिखाने वाली की ट्रिक है - ये इसलिए काम करता है क्योंकि दर्शक एक्सपर्ट की विशेषज्ञता से इतने अभिभूत होते हैं कि वे अपनी सोचने की शक्ति को सुला देते हैं.
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