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Transrail Lighting IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफ़रिंग) 19 दिसंबर 2024 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया. इसकी आख़िरी तारीख़ 23 दिसंबर 2024 है. निवेश का फ़ैसला लेने में निवेशकों की मदद के लिए, यहां हम इस पॉवर सेक्टर की EPC (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) कंपनी की ताक़त, कमज़ोरियों और ग्रोथ की संभावनाओं के बारे में बता रहे हैं.
Transrail Lighting IPO: संक्षेप में
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क्वालिटी:
फ़ाइनेंशियल ईयर 2022 और 2024 के बीच, कंपनी ने क्रमशः 17.8 और 21.3 फ़ीसदी का एवरेज सालाना
रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) और रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE)
दर्ज़ किया.
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ग्रोथ:
फ़ाइनेंशियल ईयर 2022 से 2024 के दौरान, इसका रेवेन्यू और प्रॉफ़िट (PAT) क्रमशः 32 और 90 फ़ीसदी सालाना बढ़ा.
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वैल्यूएशन:
ऊपरी प्राइस बैंड पर, कंपनी का स्टॉक क्रमशः 24.9 और 3.8 गुने के
P/E (प्राइस -टू-अर्निंग रेशियो)
और
P/B (प्राइस-टू-बुक रेशियो)
पर कारोबार करेगा.
- मार्केट में कंपनी की स्थिति: भारत में तेज़ी से हो रहे इंफ़्रास्ट्रक्चर के विकास और विद्युतीकरण के प्रयासों से Transrail Lighting को बड़ा फ़ायदा हो सकता है. सरकार की 'Power for All' और 'Make in India' जैसी प्रमुख योजनाएं इस ग्रोथ को और गति दे सकती हैं. कंपनी के लिए पावर ट्रांसमिशन, रेलवे इलेक्ट्रिफ़िकेशन और रिन्यूएबल एनर्जी जैसे सेक्टर्स में आगे बढ़ने के कई अच्छे मौक़े हैं. इन सेक्टरों में डिमांड बढ़ने से कंपनी को नए प्रोजेक्ट मिल सकते हैं और इसका बिज़नस मज़बूत हो सकता है. हालांकि, कंपनी को कुछ चुनौतियों का सामना भी करना पड़ सकता है. कच्चे माल की क़ीमतों में उतार-चढ़ाव और EPC सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा कंपनी की फ़ाइनेंशियल परफ़ार्मेंस को प्रभावित कर सकती है.
Transrail Lighting के बारे में
Transrail Lighting एक भारतीय EPC कंपनी है, जो इंफ़्रास्ट्रक्चर और एनर्जी सेक्टरों में पावर ट्रांसमिशन के लिए लैटिस स्ट्रक्चर, कंडक्टर और मोनोपोल्स जैसे प्रोडक्ट बनाती है. कंपनी के पास कंस्ट्रक्शन, डिजाइन, और इंजीनियरिंग का इंटीग्रेटेड सेटअप है. 30 जून 2024 तक, ट्रांसरेल लाइटिंग ने 34,654 CKM (सर्किट किलोमीटर) ट्रांसमिशन लाइनों और 30,000 CKM डिस्ट्रीब्यूशन लाइनों का कंस्ट्रक्शन, डिजाइन और इंजीनियरिंग काम पूरा किया है. इसके अलावा, कंपनी ने 1.3 मिलियन मीट्रिक टन के टावर, लगभग 1.95 लाख किलोमीटर कंडक्टर और 4.59 लाख पोल की सप्लाई की है.
कंपनी के रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा पावर ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन से आता है, जिसका कुल रेवेन्यू में 83.83% योगदान है. इसके अलावा, सिविल कंस्ट्रक्शन (9.33%), पोल्स एंड लाइटिंग (4.40%) और रेलवे (2.43%) का भी इसके रेवेन्यू में ख़ासा योगदान है. ट्रांसरेल लाइटिंग के पास इस समय ₹10,213 करोड़ की ऑर्डर बुक है. अनुमान है कि इसमें से 55-60% अगले 12 महीनों में रेवेन्यू में बदल जाएगा. इससे कंपनी के लिए मज़बूत कैश फ़्लो और स्थिरता के संकेत मिलते हैं.
Transrail Lighting भारत के साथ-साथ 58 अन्य देशों में भी काम कर रही है. इनमें बांग्लादेश, फिनलैंड, केन्या और नाइजीरिया जैसे प्रमुख मार्केट शामिल हैं. फ़ाइनेंशियल ईयर 2024 में, कंपनी का 58% रेवेन्यू भारत के बाहर से आया, जिससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी मज़बूत पकड़ ज़ाहिर होती है.
ताक़त
- मज़बूत ट्रैक रिकॉर्ड : Transrail Lighting ने 2008 में अपनी स्थापना के बाद से पावर ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर में एक मज़बूत और असरदार उपस्थिति बनाई है. कंपनी अब तक 200 से ज़्यादा प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक पूरा कर चुकी है, जो इसकी हाई क्वालिटी और समय पर काम पूरा करने की क्षमता को दर्शाता है. ट्रांसरेल लाइटिंग की सबसे बड़ी ताकत इसके अपने ग्राहकों के साथ लंबे समय से संबंध बने होना है. कंपनी अपने क्लाइंट के साथ बार-बार काम करने पर ज़ोर देती है और ये इसकी रणनीति का अहम हिस्सा है. इसका उदाहरण केन्या में "लास्ट माइल कनेक्टिविटी इनिशिएटिव" जैसे मल्टी-फेज़ प्रोजेक्ट में देखने को मिलता है.
कमज़ोरियां
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सरकार पर भारी निर्भरता:
Transrail Lighting के रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा सरकारी और PSU (सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों) कॉन्ट्रैक्ट से आता है. 30 जून 2024 तक, कंपनी के कुल रेवेन्यू का 70% सिर्फ सरकारी कॉन्ट्रैक्ट से आया, जिसमें बांग्लादेश और केन्या जैसे देशों से मिले सरकारी प्रोजेक्ट भी शामिल हैं. सरकारी कॉन्ट्रैक्ट पर इतनी निर्भरता कंपनी के लिए जोखिम भरी हो सकती है, क्योंकि सरकारी नीतियों में बदलाव, टेंडर प्रक्रिया में देरी और कम बजट एलोकेशन से इन कॉन्ट्रैक्ट पर असर पड़ सकता है. कंपनी के फ़ाइनेंशियल आंकड़े बताते हैं कि पिछले तीन साल में ऑपरेटिंग कैश फ़्लो इसके प्रॉफ़िट आफ्टर टैक्स से कम रहा, जिससे साफ़ है कि इसका बड़ा हिस्सा वर्किंग कैपिटल में फंसा हुआ है.
- रेवेन्यू के लिए कुछ ग्राहकों पर निर्भरता: ट्रांसरेल लाइटिंग के कुल रेवेन्यू में कुछ ख़ास ग्राहक बड़ी भूमिका निभाते हैं. फ़ाइनेंशियर ईयर 25 की पहली तिमाही तक, कंपनी के टॉप 10 ग्राहकों ने कुल रेवेन्यू में 67.5% योगदान दिया. इस तरह से कुछ ख़ास ग्राहकों पर निर्भरता जोखिम भरी है, क्योंकि अगर इन ग्राहकों के साथ कॉन्ट्रैक्ट ख़त्म हो जाता है तो इसका कंपनी के फ़ाइनेंशियल पर बुरा असर पड़ सकता है.
Transrail Lighting IPO की डिटेल
IPO का कुल साइज़ (करोड़ ₹) | 839 |
ऑफर फॉर सेल (करोड़ ₹) | 439 |
नए इशू (करोड़ ₹) | 400 |
प्राइस बैंड (₹) | 410-432 |
सब्सक्रिप्शन की तारीख़ | 19 - 23 दिसंबर, 2024 |
उद्देश्य | OFS (ऑफर फॉर सेल); वर्किंग कैपिटल और capex ज़रूरतों के लिए |
IPO के बाद
मार्केट कैप (करोड़ ₹) | 5,799.9 |
नेट वर्थ (करोड़ ₹) | 1,540.7 |
प्रमोटर होल्डिंग (%) | 71.1 |
प्राइस/अर्निंग रेशियो (P/E) | 24.9 |
प्राइस/बुक रेशियो (P/B) | 3.8 |
फ़ाइनेंशियल हिस्ट्री
फ़ाइनेंशियल्स (करोड़ ₹) | 2 साल की ग्रोथ (% सालाना) | FY24 | FY23 | FY22 |
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रेवेन्यू | 31.7 | 4,077 | 3,152 | 2,350 |
EBIT | 59.6 | 427 | 248 | 168 |
PAT | 89.8 | 233 | 108 | 65 |
नेट वर्थ | 34 | 1,076 | 709 | 599 |
कुल डेट | 18.3 | 667 | 621 | 477 |
EBIT-- अर्निंग बिफ़ोर इंटरेस्ट एंड टैक्स
PAT -- प्रॉफ़िट आफ्टर टैक्स |
प्रमुख रेशियो
रेशियो | 3 साल का औसत | FY24 | FY23 | FY22 |
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ROE (%) | 17.8 | 26.1 | 16.4 | 10.8 |
ROCE (%) | 21.3 | 27.8 | 20.6 | 15.6 |
EBIT मार्जिन (%) | 8.5 | 10.5 | 7.9 | 7.1 |
डेट-टू-इक्विटी | 0.8 | 0.6 | 0.9 | 0.8 |
ROE -- रिटर्न ऑन इक्विटी ROCE -- रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड |
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Transrail Lighting की रिस्क रिपोर्ट
कंपनी और बिज़नस
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क्या पिछले 12 महीनों में ट्रांसरेल लाइटिंग की टैक्स के पहले की कमाई (profit before tax) ₹50 करोड़ से ज़्यादा है?
हां. कंपनी ने FY2024 में ₹318 करोड़ की ‘टैक्स के पहले की कमाई’ दर्ज़ की.
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क्या कंपनी अपना बिज़नस बढ़ा पाएगी?
हां. दुनिया भर में एनर्जी इंफ़्रास्ट्रक्चर की बढ़ती डिमांड, सरकारों की बिजलीकरण पहल और रिन्यूएबल एनर्जी की ओर बढ़ते रुझान से Transrail Lighting को बिज़नस बढ़ाने में मदद मिलने की उम्मीद है. इन पॉज़िटिव बदलावों से कंपनी को नए प्रोजेक्ट और अवसर मिलने की संभावना है, जो इसकी ग्रोथ को गति देंगे.
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क्या कंपनी का कस्टमर बेस काफ़ी वफ़ादार है और क्या ये कंपनी किसी जाने-माने ब्रांड से जुड़ी है?
हां. ट्रांसरेल लाइटिंग अपने ग्राहकों के साथ लॉन्ग-टर्म कॉन्ट्रैक्ट करती है. इनमें से कुछ ग्राहक कंपनी को बार-बार प्रोजेक्ट भी देते हैं. इस तरह के कॉन्ट्रैक्ट कंपनी की स्थिरता और भविष्य में ग्रोथ के लिए एक मज़बूत आधार प्रदान करते हैं.
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क्या कंपनी के पास कॉम्पिटेटिव एडवांटेज़ है?
नहीं. Transrail Lighting ऐसी इंडस्ट्री में काम करती है, जहां दूसरी कंपनियां भी तकनीकी विशेषज्ञता के साथ प्रोजेक्ट पूरे कर सकती हैं. ये प्रतिस्पर्धा कंपनी के लिए चुनौतीभरी हो सकती है, क्योंकि समान क्षमता वाली कंपनियां इसके मार्केट शेयर को प्रभावित कर सकती हैं.
Transrail Lighting का मैनेजमेंट
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क्या कंपनी के संस्थापकों में से किसी के पास अभी भी कंपनी में कम से कम 5 फ़ीसदी हिस्सेदारी है? या क्या प्रमोटरों के पास कंपनी में 25 फ़ीसदी से ज़्यादा हिस्सेदारी है?
हां. IPO के बाद, प्रमोटरों की हिस्सेदारी 71.1 फ़ीसदी हो जाएगी.
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क्या टॉप 3 मैनजरों के पास कंपनी में काम करते हुए कुल मिलाकर 15 साल से ज़्यादा का लीडरशिप अनुभव है?
हां. ट्रांसरेल लाइटिंग के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन, श्री दिगंबर बगड़े, 2008 से कंपनी के साथ जुड़े हुए हैं. उनके अनुभव और नेतृत्व ने कंपनी को स्थिरता और ग्रोथ दी है.
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क्या मैनेजमेंट पर भरोसा किया जा सकता है? क्या कंपनी SEBI दिशानिर्देशों के तहत साफ़-सुथरी रिपोर्ट जारी करती है?
हां. कोई नेगेटिव जानकारी उपलब्ध नहीं है.
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क्या Transrail Lighting की अकाउंटिंग पॉलिसी ठीक है?
हां. कोई नेगेटिव जानकारी उपलब्ध नहीं है.
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क्या कंपनी प्रमोटरों के शेयर गिरवी होने मुक्त है?
हां. कोई शेयर गिरवी नहीं है.
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Transrail Lighting के फ़ाइनेंशियल
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क्या कंपनी का वर्तमान और तीन साल का औसत रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) 15 फ़ीसदी से ज़्यादा और औसत रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) 18 फ़ीसदी से ज़्यादा है?
हां. इसका 3 साल का औसत ROE और ROCE क्रमशः 17.8 और 21.3 फ़ीसदी है, और FY24 में, इसने क्रमशः 26.1 और 27.8 फ़ीसदी का ROE और ROCE दर्ज किया.
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क्या पिछले तीन साल के दौरान कंपनी का ऑपरेटिंग कैश फ़्लो पॉज़िटिव रहा है?
हां. पिछले तीन साल के दौरान कंपनी का ऑपरेटिंग कैश फ़्लो पॉज़िटिव रहा है.
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क्या कंपनी का नेट डेट-टू-इक्विटी रेशियो 1 से कम है?
हां. जून 2024 तक, कंपनी का नेट डेट-टू-इक्विटी रेशियो 0.3 था.
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क्या कंपनी रोज़मर्रा के कामों के लिए बड़ी वर्किंग कैपिटल पर निर्भरता से मुक्त है?
नहीं. EPC सेगमेंट में ज़्यादा कैपिटल ज़रूरतों और लंबे एग्ज़िक्यूशन पीरियड की वजह से कंपनी की वर्किंग कैपिटल ज़रूरतें ज़्यादा हैं.
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क्या कंपनी अगले तीन साल में बाहरी फ़ंडिंग पर निर्भर हुए बिना अपना बिज़नस चला सकती है?
नहीं. चूंकि ट्रांसरेल लाइटिंग की वर्किंग कैपिटल ज़रूरतें ज़्यादा हैं, इसलिए इसे बाहरी फ़ंड पर निर्भर रहना पड़ सकता है.
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क्या कंपनी बड़ी आकस्मिक देनदारी से मुक्त है?
नहीं. जून FY25 तिमाही के अंत तक, Transrail Lighting की आकस्मिक देनदारियां कुल इक्विटी के 25% से ज़्यादा थीं.
Transrail Lighting का वैल्यूएशन
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क्या स्टॉक अपनी एंटरप्राइज़ वैल्यू पर 8 फ़ीसदी से ज़्यादा की ऑपरेटिंग अर्निंग यील्ड देता है?
नहीं. लिस्ट होने के बाद, ये स्टॉक अपनी एंटरप्राइज़ वैल्यू पर 7.5 फ़ीसदी ऑपरेटिंग अर्निंग यील्ड देगा.
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क्या स्टॉक का प्राइस-टू-अर्निंग रेशियो अपनी जैसी दूसरी कंपनियों के औसत से कम है?
हां. लिस्टिंग के बाद, यह स्टॉक अपने साथियों के 61.4 गुना औसत P/E रेशियो की तुलना में लगभग 24.9 गुना के P/E रेशियो पर कारोबार करेगा.
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क्या स्टॉक की प्राइस-टू-बुक वैल्यू अपनी जैसी दूसरी कंपनियों के औसत स्तर से कम है?
हां. लिस्टिंग के बाद, यह स्टॉक अपने साथियों के 4.9 गुना औसत P/B रेशियो की तुलना में 3.8 गुना P/B रेशियो पर कारोबार करेगा.
IPO का आकलन करने के लिए कंपनी की ताक़त, कमज़ोरियों और ग्रोथ की क्षमताओं का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने की ज़रूरत होती है, जैसा कि हमने विशाल मेगा मार्ट के लिए बताया है. लेकिन स्थायी वेल्थ तैयार करना केवल एक अच्छी तरह से रिसर्च किए गए, संतुलित स्टॉक पोर्टफ़ोलियो के निर्माण से ही संभव हो सकता है. इसके लिए विशेषज्ञ की नज़र और कदम उठाने लायक़ रेकमंडेशन की ज़रूरत होती है. हमारा वैल्यू रिसर्च स्टॉक एडवाइज़र इसमें आपकी मदद कर सकता है. ये सेवा सावधानीपूर्वक शोध किए गए स्टॉक रेकमेंडेशन और निवेश के लिए तैयार पोर्टफ़ोलियो उपलब्ध कराती है, जिन्हें हर महीने अपडेट किया जाता है ताकि आपको लंबे समय का स्टॉक पोर्टफ़ोलियो बनाने में मदद मिल सके. आज ही वैल्यू रिसर्च स्टॉक एडवाइज़र को सब्सक्राइब करें और अपने फ़ाइनेंशियल फ़्यूचर को बेहतर बनाएं.
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