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कभी-कभी इक्विटी मार्केट का एक दिन बहुत लंबा समय हो जाता है; एक महीना तो एक युग जैसा लगता है. इस समय मोमेंटम फंड्स मार्केट के इसी सत्य को जी रहे हैं.
सितंबर के आखिरी हफ़्ते तक इन्हें हाथों-हाथ लिया जा रहा था. फिर अक्तूबर आया और अपने साथ इक्विटी मार्केट की गिरावट लाया, और मोमेंटम फंड्स का मोमेंटम भी नीचे की तरफ़ हो गया. निफ़्टी 200 TRU में 26 सितंबर से 9.9 फ़ीसदी की गिरावट रही है, और मोमेंटम आधारित इंडेक्स 12.1 फ़ीसदी तक गिरे हैं.
मोमेंटम इंडेक्स में भारी गिरावट आई है
यह निफ्टी 200 TRI की तुलना में है
इंडेक्स | रिटर्न (%) |
---|---|
निफ्टी 200 TRI | -9.9 |
निफ्टी 200 मोमेंटम 30 TRI | -12.1 |
नोट: रिटर्न 26 सितंबर से 14 नवंबर 2024 तक के हैं. |
मोमेंटम फ़ंड ज़्यादा क्यों गिरे?
पहले समझते हैं कि मोमेंटम फ़ंड अपने स्टॉक कैसे चुनते हैं. इससे पता चल जाएगा कि पिछले कुछ हफ़्तों के दौरान उनमें इतनी गिरावट क्यों रही.
मोमेंटम फ़ंड ऐसे शेयरों में निवेश करते हैं जिनका हालिया प्रदर्शन मज़बूत हो. उनका मक़सद बाज़ार के रुझानों से फ़ायदा उठाना है.
तो, कोविड के बाद बाज़ार की तेज़ी में निवेशकों के लिए फ़ंड्स की ये रणनीति बड़े काम की रही, लेकिन इक्विटी की हालिया गिरावट ने इन फ़ंड्स की सांसे फुला दी हैं.
मोमेंटम फ़ंड्स के पोर्टफ़ोलियो में स्टॉक कम होते हैं (यानि कम शेयरों में निवेश). ऐसे में, कुछ शेयर बिगड़ जाएं तो फ़ंड के पूरे प्रदर्शन का ज़ायक़ा ही गड़बड़ा सकता है.
अब हमारी सुनिए
हाल ही में हुई गिरावट मोमेंटम फ़ंड की कमज़ोरी बताती है.
ये फ़ंड, बुल मार्केट (तेज़ी) में तो मज़बूत रह सकते हैं, लेकिन बेयर मार्केट (गिरावट) के दौर में आपको नुक़सान से नहीं बचा पाते.
तो, कथा का मर्म ये है कि डायवर्सिफ़ाइड म्यूचुअल फ़ंड ( फ्लेक्सी-कैप और मल्टी-कैप फ़ंड ) आपके लिए बेहतर निवेश हो सकते हैं. ये डाइवर्सिफ़ाइड फ़ंड संकरी और मोमेंटम के बूते पर चलने के मुक़ाबले, बड़ी पूंजी बनाने की क्षमता रखते हैं, आपे निवेश में स्थिरता लाते हैं और बाज़ार के बड़े उतार-चढ़ावों से भी काफ़ी हद तक बचाए रखते हैं.
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