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मैंने 2020 में डेट फ़ंड ख़रीदे थे और अब उन्हें बेचता हूं तो फ़ंड्स पर टैक्स कैसे लगेगा? - पी.के गुप्ता
स्थिर रिटर्न पाने के लिए डेट म्यूचुअल फ़ंड हमेशा से एक बेहतर विकल्प रहे हैं. हालांकि, टैक्स क़ानून में बदलाव के बाद इस पर लगने वाले टैक्स में कुछ बदलाव आया है. अगर आपने 2020 में डेट फ़ंड (Debt funds) ख़रीदे हैं और उन्हें बेचने की सोच रहे हैं, तो इंडेक्सेशन के फ़ायदे के बिना कैपिटल गेन्स पर 12.5 फ़ीसदी के फ़्लैट रेट से टैक्स लगेगा.
डेट फ़ंड पर टैक्स, ख़रीद की तारीख़, निवेश की अवधि और निवेश से बाहर निकलने की तारीख़ पर निर्भर करता है. यही बात आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं.
डेट फ़ंड्स में टैक्स
रिडीम करने की तारीख़ | निवेश होल्ड करने का पीरियड | होल्डिंग पीरियड | टैक्स रेट | इंडेक्सेशन बेनीफ़िट |
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1 अप्रैल 2023 से पहले* | 23 जुलाई, 2024 से पहले | >36 महीने | 20.00% | उपलब्ध |
1 अप्रैल 2023 से पहले* | 23 जुलाई, 2024 को / उसके बाद | >24 महीने | 12.50% | उपलब्ध नहीं |
1 अप्रैल 2023 को / उसके बाद | किसी भी रिडेम्शन तारीख़ में | कोई भी होल्डिंग पीरियड | इनकम टैक्स स्लैब रेट के मुताबिक़% | लागू नहीं |
36 महीने या 24 महीने से कम की होल्डिंग पीरियड के लिए, किसी मामले में, कैपिटल गेन्स को टैक्स के दायरे मे आने वाली इनकम में जोड़ा जाता है और लागू होने वाले स्लैब रेट के मुताबिक़ टैक्स लगाया जाता है. |
इंडेक्सेशन का फ़ायदा सिर्फ़ 1 अप्रैल 2023 से पहले ख़रीदे गए, 36 महीने से ज़्यादा समय तक रखे गए, और 23 जुलाई 2024 से पहले बेचे गए डेट फ़ंड के लिए ही उपलब्ध था. इंडेक्सेशन आपके ख़रीदने के दाम को महंगाई दर से एडजेस्ट करता है, जिससे आपके मुनाफ़े पर लगने वाला टैक्स कम हो जाता है. हालांकि, इंडेक्सेशन का फ़ायदा अब ऊपर बताई गई तारीख़ पर या उसके बाद के निवेश को बेचने पर लागू नहीं होगा.
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भले ही, डेट फ़ंड में टैक्स पहले के मुक़ाबले कम आकर्षक हो गया है, फिर भी दो मोर्चों पर ये बेहतर रहता है:
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पहला, डेट फ़ंड में आपकी टैक्स देनदारी बाद में होती है. यानि, डेट फ़ंड के मामले में आप टैक्स तभी देते हैं जब आप निवेश बेचते हैं. वहीं फ़िक्स्ड डिपॉज़िट पर मिलने वाले ब्याज पर सालाना टैक्स लगता है. डेट फ़ंड में बाद में लगने वाला टैक्स, रिटर्न के साथ मिलकर, अच्छी पूंजी खड़ी करने के लिए एक बढ़िया साबित होता है.
- और दूसरा, डेट फ़ंड्स में बैंक के फ़िक्स्ड डिपॉज़िट (FD) की तुलना में ज़्यादा रिटर्न देने की क्षमता होती है.
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