Anand Kumar
सितंबर के अंत में, टॉप पर पहुंचने के बाद से इक्विटी मार्केट में क़रीब 7 प्रतिशत की गिरावट आई है. ये कोई बड़ी बात नहीं है फिर चाहे आप इसे किसी भी नज़रिए से देखें. हो सकता है जिस बड़ी 'गिरावट' की बात लंबे समय से हो रही थी ये वही हो या फिर एक छोटी सी गिरावट हो, जिससे ठहराव का दौर शुरू हो, या इनमें से कुछ चीज़ों का कॉम्बिनेशन भी हो सकता है. पर इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता. ये सब इक्विटी निवेश का अटूट हिस्सा है. आपको बस इतना करना है कि शांत होकर बैठें और तूफ़ान के गुज़र जाने का इंतज़ार करें. स्टॉक और इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड का हर निवेशक इस ड्रिल को बख़ूबी समझता है. बेशक़, यहां ये मान के चला जा रहा है कि आपका इन्वेस्टमेंट पोर्टफ़ोलियो काफ़ी सतर्कता से चुने गए स्टॉक और फ़ंड से बनाया गया है, और मुझे यक़ीन है कि ऐसा ही है. है न?
माफ़ी चाहूंगा, मगर क्या मेरे आख़िरी सवाल ने आपको बेचैन किया? अगर इस सवाल ने कुछ पसीना ला दिया है, तो यही वक़्त है एक ईमानदार आत्मनिरीक्षण करने का. क्या आपने ट्रेंड करने वाले उन शेयरों को लपक कर ले लिया था, जिनके बारे में बोलने वाले ख़ुद को बोलने से रोक ही नहीं पा रहे थे? क्या आपके पोर्टफ़ोलियो में कुछ 'श्योर शॉट' कहलाने वाले निवेश हैं जो अपने वादे पर खरे नहीं उतरे हैं? बाज़ार की गिरावट हमारी निवेश से जुड़ी ग़लतियां उजागर करती हैं, ठीक उसी तरह जैसे वॉरेन बफ़े की एक मशहूर बात है कि जब ज्वार उतर जाता है तो क्या होता है. लेकिन इस सब में एक अच्छी बात भी है कि यही पल पुनर्मूल्यांकन और पुनर्गठन का बेहतरीन मौक़ा होते हैं.
हालांकि, जहां कई निवेशक इस समय अपने पिछले कर्मों के फल का स्वाद ले रहे हैं, मैं आपको एक ख़ास स्टॉक पोर्टफ़ोलियो के बारे में बताता हूं जिसे मैं हर रोज़ देखता हूं, ख़ासतौर पर जब से बाज़ार में गिरावट शुरू हुई है. मैं आपको ये नहीं बताऊंगा कि ये किसका पोर्टफ़ोलियो है - ये मेरा हो सकता है, या ये वैल्यू रिसर्च स्टॉक एडवाइज़र के सुझाए गए पोर्टफ़ोलियो में से एक हो सकता है, या ये पूरी तरह से किसी और का हो सकता है. ज़्यादातर दिनों के अंत में, जब से बाज़ार में गिरावट आ रही है, ये पोर्टफ़ोलियो या तो थोड़ा ऊपर होता रहा है या बाज़ार की तुलना में कुछ कम गिरा है. ऐसा इसलिए, क्योंकि अच्छी तरह से चुने गए पोर्टफ़ोलियो में हमेशा ऐसे स्टॉक (कभी-कभी कई) होते हैं जो बेहतर करते हैं, कभी-कभी तो काफ़ी बेहतर.
अभी हाल ही में, दिन के अंत में जब बाज़ार में काफ़ी गिरावट रही, मैंने इस पोर्टफ़ोलियो को देखा और पाया कि इसमें शायद ही कोई गिरावट थी. अचरज के साथ, मैंने अलग-अलग स्टॉक देखे और पाया कि जहां कई शेयरों ने दिन के स्टैंडर्ड के मुताबिक़ ठीक-ठाक प्रदर्शन किया था, वहीं एक स्मॉल-कैप स्टॉक असल में दोहरे अंकों वाले प्रतिशत में बढ़ा था. ये एक ऐसा स्टॉक है जिस पर मैं एक दशक से ज़्यादा वक़्त से विश्वास करता रहा हूं, और ये एक गज़ब की कहानी है. मैं आपको इसका नाम नहीं बताऊंगा क्योंकि ये स्टॉक एडवाइज़र के मेंबरों के लिए ही है, लेकिन इतना कहना काफ़ी होगा कि मेरी कही बातों का ये एक आदर्श उदाहरण है. अगर आप अच्छे स्टॉक चुनते समय ध्यान रखेंगे तो ऐसी मिसालों की कभी कमी नहीं पाएंगे. इससे भी बड़ी बात है कि आप गिरावट के ऐसे दौर में भी चिंता में नहीं पड़ेंगे.
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यही सार है क्वालिटी इन्वेस्टिंग का - बाज़ार के मिज़ाज से बचने की कोशिश नहीं करना बल्कि ऐसा पोर्टफ़ोलियो बनाना जो उतार-चढ़ावों को आसानी से झेल सके. ज़रूरी नहीं कि ये सबसे रोमांचक या सुर्खियां बटोरने वाले स्टॉक हों. इनमें ज़्यादा संभावना इस बात की होती है कि ये स्थिरता के साथ कंपाउंडिंग करते हैं, मज़बूत सुरक्षा घेरे वाले बिज़नस होते हैं और मैनेजमेंट टीम ऐसी होती है जो अपने कैपिटल एलोकेशन को उतनी ही गंभीरता से लेती हैं जैसे आप अपनी बचत को लेते हैं. मैं ये नहीं कह रहा कि आपके सभी स्टॉक नीरस हों. हालांकि, जब आपके पोर्टफ़ोलियो का ज़्यादातर हिस्सा क्वालिटी वाला हो, तो आप कुछ चीज़ों में सुरक्षित रोमांच का आनंद भी ले सकते हैं.
इसे एक भरी-पूरी खाने की थाली के प्लान करने की तरह देखें - दाल जिस पर आप भरोसा कर सकते हैं, एकदम सही पका चावल हो, और ताज़ी रोटियां खाने का मुख्य हिस्सा होंगी जिसकी आपको ज़रूरत है. वहीं, आप लज़ीज़ लगने वाली किसी नई सब्जी के साथ एक्सपेरिमेंट कर सकते हैं या करीने से सजी कोई स्वीट-डिश ट्राई कर सकते हैं. आपके नए प्रयोगों में कुछ उतने सही नहीं होंगे और कुछ तो खाने लायक़ भी नहीं होंगे, लेकिन कभी-कदार, आप ऐसा नया व्यंजन खोज ही लेंगे जो आपके रोज़मर्रा के खाने में शामिल हो जाएगा. इस सबकी चाभी बैलेंस में है - आपके निवेश की मुख्य ख़ुराक ऐसे भरोसेमंद व्यंजनों की होनी चाहिए जिन्हें आप अच्छी तरह जानते हैं, बस कुछ चीज़ें ऐसी शामिल करने की जगह होनी चाहिए जिन से स्वाद भी बना रहे. आपके निवेश का ऐसा ढांचा होगा, तो बाज़ार की गिरावट किसी इमरजेंसी की तरह कम और मौसमी बदलाव की तरह ज़्यादा महसूस होगी - प्राकृतिक, अपेक्षित और हां, अस्थायी.
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