एन.एफ़.ओ. रिव्यू

मोतीलाल ओसवाल ने चार इंडेक्स फ़ंड पेश किए. क्या आप निवेश करें?

सेक्टोरल और थीमैटिक कैटेगरी में लॉन्च होने वाले इन फ़ंड्स की हर ज़रूरी बात जानें.

Motilal Oswal AMC index funds in HindiAI-generated image

मानसून भले चली गई, पर मोतीलाल ओसवाल AMC में नए फ़ंड्स (NFOs) की मूसलाधार बारिश जारी है. अकेले इस साल, इस AMC नें 12 NFO पेश किए, जिन्होंने ₹5,731 करोड़ ( मोतीलाल ओसवाल डिजिटल इंडिया फ़ंड को छोड़कर) जुटाए. और अब, फ़ंड हाउस ने एक नहीं बल्कि चार नए 'पैसिवली मैनेज्ड सेक्टोरल और थीमैटिक फ़ंड' लॉन्च करके इस सिलसिले को आगे बढ़ा रहा है.

इन स्कीमों के लिए सब्सक्रिप्शन 29 अक्टूबर 2024 को खुला था और ये 6 नवंबर 2024 तक उपलब्ध रहेगा. ये NFO फ़ाइनेंशियल सर्विस, हेल्थकेयर, IT, टेलीकॉम और कंज़म्प्शन सेक्टरों की मिड- और स्मॉल-कैप कंपनियों को टारगेट करेंगे. ये निफ़्टी 400 के शेयरों में निवेश करेंगे, जिसमें निफ़्टी मिडकैप 150 और निफ़्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स की कंपनियां शामिल हैं. हेल्थकेयर फ़ंड को छोड़कर, बाक़ी तीन फ़ंड एक जैसे होंगे.

इंडेक्स फ़ंड होने के कारण, ये अपने-अपने इंडेक्स की तरह होंगे और उसी के मुताबिक़ कंपनियों और अनुपात में निवेश करेंगे. उदाहरण के लिए, अगर कंपनी A इंडेक्स में 5 फ़ीसदी योगदान देती है, तो फ़ंड भी इस कंपनी में 5 फ़ीसदी एलोकेशन करेगा.

नीचे इन फ़ंड के बारे में अहम जानकारियां दी गई हैं.

मोतीलाल ओसवाल निफ़्टी मिडस्मॉल फ़ाइनेंशियल सर्विस इंडेक्स फ़ंड

कैटेगरी सेक्टोरल (इंडेक्स)
बेंचमार्क निफ़्टी मिडस्मॉल फ़ाइनेंशियल सर्विसेज TRI
पोर्टफ़ोलियो कम्पोज़िशन इंडेक्स में 30 स्टॉक हैं, जबकि निफ़्टी फाइनेंशियल सर्विसेज़ इंडेक्स में 20 स्टॉक हैं. इसका लगभग 50 फ़ीसदी वेट टॉप 10 स्टॉक में है, जबकि दोनों इंडेक्स के बीच टॉप होल्डिंग्स में कोई ओवरलैप नहीं है.
इंडेक्स का पिछला परफॉरमेंस अक्तूबर 2019 से 2024 तक, ये पांच साल के डेली रोलिंग आधार पर निफ़्टी 400 TRI से पीछे रहा. इसने निफ़्टी फाइनेंशियल सर्विसेज़ TRI से केवल 11 फ़ीसदी समय में बेहतर प्रदर्शन किया. सबसे हालिया बेहतर प्रदर्शन सितंबर 2023 में आया, जिसका मुख्य कारण लार्ज-कैप प्राइवेट बैंकों का पोर्टफ़ोलियो में न होना था, जिन्होंने ख़राब प्रदर्शन किया है.

मोतीलाल ओसवाल निफ़्टी मिडस्मॉल हेल्थकेयर इंडेक्स फ़ंड

कैटेगरी सेक्टोरल (इंडेक्स)
बेंचमार्क निफ़्टी मिडस्मॉल हेल्थकेयर TRI
पोर्टफ़ोलियो कम्पोज़िशन इंडेक्स के टॉप 10 स्टॉक पोर्टफ़ोलियो का लगभग 60 फ़ीसदी हिस्सा बनाते हैं. इसके उलट, निफ़्टी हेल्थकेयर इंडेक्स बहुत ज़्यादा कॉन्सेंट्रेटेड है, जिसमें टॉप 10 स्टॉक पोर्टफ़ोलियो का 82 फ़ीसदी हिस्सा बनाते हैं.
इंडेक्स का पिछला परफॉरमेंस अक्तूबर 2019 से 2024 तक, इंडेक्स ने मज़बूत प्रदर्शन किया है -- लगातार पांच साल के डेली रोलिंग आधार पर निफ़्टी हेल्थकेयर TRI से बेहतर प्रदर्शन किया है और 75 फ़ीसदी समय में निफ़्टी 400 TRI को पीछे छोड़ा है. इस प्रदर्शन की वज़ह फ़ार्मा, हॉस्पिटल और API मैन्युफैक्चरिंग सहित 46 हेल्थकेयर कंपनियों में ज़्यादा डाइवर्सिफाइड मिक्स रही. उल्लेखनीय रूप से, इनमें से 38 मिड- और स्मॉल-कैप कंपनियां हैं. हालांकि, पिछले साल से इंडेक्स ने निफ़्टी 400 TRI से कमज़ोर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है.

मोतीलाल ओसवाल निफ़्टी मिडस्मॉल IT एंड टेलीकॉम इंडेक्स फ़ंड

कैटेगरी सेक्टोरल (इंडेक्स)
बेंचमार्क निफ़्टी मिडस्मॉल IT एंड टेलीकॉम TRI
पोर्टफ़ोलियो कम्पोज़िशन इंडेक्स में 20 स्टॉक हैं, जिनमें से टॉप 10 स्टॉक इसके वेट का 76 फ़ीसदी हिस्सा बनाते हैं. इसकी तुलना में निफ़्टी IT इंडेक्स ज़्यादा कॉन्सेंट्रेटेड है, जिसमें कुल मिलाकर केवल 10 स्टॉक हैं. 14 फ़ीसदी ओवरलैप के साथ, दोनों इंडेक्स में तीन कंपनियां एक-जैसी हैं.
इंडेक्स का पिछला परफॉरमेंस 2022 में मज़बूत प्रदर्शन के बाद (निफ़्टी 400 को क़रीब 15 फ़ीसदी से पीछे छोड़ते हुए), इंडेक्स ने करीब 9 फ़ीसदी की स्थिर बढ़त बनाए रखी है. ये गिरावट अन्य सेक्टरों में तेजी के कारण आई. ये निफ़्टी IT इंडेक्स की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है, जिसमें मुख्य रूप से लार्ज-कैप IT कंपनियां हैं. 2024 में, इसने निफ़्टी IT से औसतन 16 फ़ीसदी बेहतर प्रदर्शन किया, जबकि 2023 में ये सिर्फ 6 फ़ीसदी और 2022 में 2 फ़ीसदी रहा. ये सुधार ऐसे समय में हुआ है जब वैश्विक आर्थिक दबावों और मिड- और स्मॉल-कैप स्पेस में स्टॉक के ज़्यादा डाइवर्स मिक्स की मौज़ूदगी के कारण लार्ज-कैप IT कंपनियों को मंदी का सामना करना पड़ रहा है.

मोतीलाल ओसवाल निफ़्टी मिडस्मॉल इंडिया कंजम्पशन इंडेक्स फ़ंड

कैटेगरी थीमेटिक (इंडेक्स)
बेंचमार्क निफ़्टी मिडस्मॉल इंडिया कंजम्प्शन TRI
पोर्टफ़ोलियो कम्पोज़िशन इस इंडेक्स में हेल्थकेयर, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और FMCG का हिस्सा 60 फ़ीसदी है, जबकि निफ़्टी इंडिया कंजम्पशन इंडेक्स FMCG, ऑटोमोबाइल और कंज्यूमर सर्विसेज़ को प्राथमिकता देता है. इस इंडेक्स में ऑटोमोबाइल शामिल नहीं है, क्योंकि ये स्मॉल- और मिड-कैप शेयरों को टारगेट करता है।
पोर्टफ़ोलियो के लगभग आधे हिस्से में इसकी टॉप 10 होल्डिंग्स शामिल हैं, जो निफ़्टी कंजम्पशन इंडेक्स के साथ ओवरलैप नहीं होता है. इसका स्टॉक चयन फ़्री-फ्लोट मार्केट कैप पर आधारित है, जबकि निफ़्टी इंडिया कंजम्पशन इंडेक्स प्रत्येक स्टॉक को पोर्टफ़ोलियो के 10 फ़ीसदी तक लिमिट करता है.
इंडेक्स का पिछला परफॉरमेंस अक्टूबर 2019 से 2024 तक, इस इंडेक्स ने साइक्लिकल प्रदर्शन दिखाया है, जो पांच साल के डेली रोलिंग आधार पर निफ़्टी इंडिया कंजम्पशन TRI से 89 फ़ीसदी समय और निफ़्टी 400 TRI से 64 फ़ीसदी समय बेहतर रहा. हाल ही में, ये FMCG और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में लगभग 40 फ़ीसदी एलोकेशन के कारण निफ़्टी 400 इंडेक्स से पीछे रह गया है. FMCG और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टरों पर बढ़ते इनपुट ख़र्च और कमज़ोर कंज्यूमर स्पेंडिंग का असर पड़ा है.

एग्ज़िट लोड

सभी चार फ़ंड में एग्ज़िट लोड एक जैसा होगा. अगर आप एलॉटमेंट की तारीख़ पर या उससे 15 दिन पहले अपनी यूनिट रिडीम करते हैं, तो लागू NAV (नेट एसेट वैल्यू) का 1 फ़ीसदी एग्ज़िट फ़ीस ली जाएगी.

टैक्स कितना लगेगा?

अगर आप ख़रीद के एक साल के अंदर अपनी यूनिट बेचते हैं, तो 20 फ़ीसदी टैक्स लगेगा. और अगर यूनिट एक साल से ज़्यादा समय के बाद बेची जाती हैं, तो 12.5 फ़ीसदी का लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स रेट लागू होगा. मगर ध्यान दें, ₹1.25 लाख तक का कोई भी मुनाफ़ा टैक्स-फ़्री रहेगा.

फ़ंड मैनेजर कौन हैं?

राकेश शेट्टी और स्वप्निल मायेकर मिलकर फ़ंड मैनेज करेंगे. मायेकर जहां AMC के पैसिव तरीक़े से फ़ंड मैनेज करने पर फ़ोकस करते हैं, वहीं शेट्टी डेट (debt) पर फ़ोकस करते हैं. दोनों के पास अच्छा-ख़ासा अनुभव है, और वे मिलकर क़रीब 11 दूसरे फ़ंड भी मैनेज करते हैं.

हम क्या समझते हैं

हालांकि सेक्टोरल और थीमैटिक NFOs का इस समय ट्रेंड चल रहा है, लेकिन ये डायवर्सिफाइड फ़ंड की तुलना में ज़्यादा जोख़िम भरे होते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि इनके साथ किसी एक ख़ास इंडस्ट्री से जुड़े जोख़िम जुड़े होते हैं, जिससे पोर्टफ़ोलियो काफ़ी कॉन्सेंट्रेटेड हो जाता है और ये फ़ंड ज़्यादा उतार-चढ़ाव भरे हो जाते हैं. इसके बजाय, आप मल्टी-कैप और फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड में निवेश पर विचार कर सकते हैं, जो मार्केट कैप और सेक्टर दोनों को ध्यान में रखकर निवेश करते हैं.

ये भी पढ़िए - NFO में निवेश से पहले खुद से पूछें ये 3 सवाल


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