क्या है सुकन्या समृद्धि योजना?
2015 में शुरू की गई, सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) एक विशेष पहल है जिसका उद्देश्य बालिकाओं के कल्याण के लिए बचत को प्रोत्साहित करना है. ये स्कीम नियमित रूप से छोटी राशि जुटाकर बड़ी धनराशि जमा करने में मदद करती है. ये स्कीम निवेश की गई राशि और अर्जित ब्याज दोनों पर गारंटीशुदा रिटर्न और टैक्स में फ़ायदा देती है.
चूंकि ये एक फ़िक्स्ड इनकम निवेश है और भारत सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए SSY में किया गया निवेश बिल्कुल सुरक्षित और रिस्क फ़्री है.
SSY में कौन निवेश कर सकता है?
- बालिका जिसकी उम्र 10 साल ये कम हो, उसके माता-पिता या अभिभावक
- ज़्यादा से ज़्यादा दो बालिकाओं के लिए अकाउंट खोला जा सकता है. दो से ज़्यादा अकाउंट उसी केस में खोले जा सकते हैं अगर जुड़वां या एक साथ तीन बच्चियां हुई हों.
SSY में आप कितना निवेश कर सकते हैं?
न्यूनतम: ₹250 सालाना
अधिकतम: ₹1.5 लाख सालाना
इसमें कितना रिटर्न मिलेगा?
जनवरी से मार्च 2024 के बीच किए गए डिपॉज़िट पर, 8.2 प्रतिशत सालाना. ब्याज दर को हर तिमाही रिवाइज़ किया जाता है.
इसकी अवधि क्या है?
21 साल या लड़की की शादी तक
बाहर निकलने का विकल्प: पांच साल के बाद अनुकंपा के आधार पर बंद किया जा सकता है
क्या 80C के तहत टैक्स में लाभ मिलता है? हां
रिटर्न/ ब्याज: टैक्स-फ़्री
SSY में रिटर्न कितना होता है?
ब्याज दर हर तिमाही - जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्तूबर की शुरुआत में रिवाइज़ की जाती है और मौजूदा के साथ ही नए डिपॉज़िट पर लागू होती है.
सबसे सुरक्षित फ़िक्स्ड इनकम (निश्चित आय) के तरीक़ों में से एक, ये स्कीम सरकारी गारंटी के साथ आती है और सुनिश्चित टैक्स-फ़्री रिटर्न देती है. हालांकि, एक फ़िक्स्ड इनकम वाला निवेश होने के नाते, SSY महंगाई दर को शामिल करने के बाद मध्यम दर्जे (मॉडरेट) का रिटर्न ही देती है.
SSY टैक्स का क्या फ़ायदा देती है?
इस स्कीम में एग्ज़म्ट-एग्ज़म्ट-एग्ज़म्ट (EEE) मॉडल है, जहां डिपॉज़िट, मिले हुए ब्याज और मेच्योरिटी की रक़म टैक्स फ़्री है. SSY स्कीम में निवेश की गई राशि धारा 80C के तहत अधिकतम ₹1.5 लाख तक टैक्स कटौती के लिए पात्र है. मैच्योरटी पर, ब्याज सहित पूरी रक़म टैक्स-फ़्री होती है.
SSY की लॉक-इन अवधि क्या है?
ये लंबे समय की स्कीम है और ये खाता खोलने की तारीख़ से 21 साल के बाद या 18 साल की उम्र के बाद लड़की की शादी के समय ही मैच्योर होती है. इसे संचालित करने वाले अभिभावक की मृत्यु पर केवल पांच साल पूरा करने के बाद समय से पहले बंद किया जा सकता है. या अगर बच्ची की जानलेवा बीमारी के इलाज के लिए धन की आवश्यकता हो, तो ऐसा कर सकते हैं.
हालांकि, 18 साल की उम्र तक पहुंचने या 10वीं कक्षा पास करने, जो भी पहले हो, लड़की की शिक्षा के लिए पूर्ववर्ती मार्च के अंत में खाते से बची हुई 50 प्रतिशत तक की आंशिक रक़म निकाली जा सकती है.
अगर अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाए तो क्या होगा?
खाता बंद कर दिया जाता है और पैसे का भुगतान माता-पिता या क़ानूनी अभिभावक को किया जाता है.
SSY में निवेश कैसे शुरू करना चाहिए?
SSY खाता डाकघर या बैंक की किसी भी शाखा में खोला जा सकता है. इसके लिए खाता खोलने का फ़ॉर्म भरना, बालिका के जन्म प्रमाण पत्र की एक प्रति और उसकी फ़ोटो की ज़रूरत होती है. अभिभावक को अपनी पहचान और पते के प्रमाण की एक प्रति जमा करनी होगी. इसके लिए पैन और आधार की एक प्रति काफ़ी होनी चाहिए.
सुकन्या समृद्धि योजना का खाता ऑनलाइन नहीं खोला जा सकता और इसके लिए व्यक्तिगत रूप से डाकघर या बैंक में जाना होता है. हालांकि, एक बार खाता खुलने के बाद, डिपॉज़िट ऑनलाइन किए जा सकते हैं.
सुकन्या समृद्धि योजना में कैलकुलेशन कैसे किया जाता है?
इसमें निवेश की गई रक़म और ब्याज दर के आधार पर, मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम कैलकुलेट की जा सकती है. इसके लिए, इस फ़ॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है:
A = P(1+r/n)^n
- A = चक्रवृद्धि ब्याज
- P = मूल निवेश राशि
- R = ब्याज दर
- N = एक साल में ब्याज में चक्रवृद्धि होती है
- T = वर्षों की संख्या (अवधि)
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सुकन्या समृद्धि में ₹1000 हर महीने जमा करने पर कितना पैसा मिलेगा?
स्कीम के अंतर्गत अगर आप साल 2024 के जनवरी महीने से हर महीने ₹1000 निवेश करते हैं, तो एक साल में कुल ₹12000 का निवेश होगा. स्कीम में निवेश की अवधि 15 साल की है, तो (साल 2039 तक) ₹1.80 लाख का निवेश होगा.
इस पर 8.2% का ब्याज लगाया जाए तो 21 साल में (ब्याज की रक़म ₹3,94,569) योजना के परिपक्व होने पर (साल 2045 में) ₹5,74,569 की राशि बालिका को मिलेगी.
सुकन्या समृद्धि योजना के फ़ायदे
- कम रक़म की ज़रूरत - हर परिवार के लिए बनाई गई, ₹250 प्रति वर्ष की मामूली रक़म से बिना किसी परेशानी के इस योजना को जारी रखा जा सकता है.
- ऊंची ब्याज दर - 2024-2025 तक 8.2% सालाना की दर से चक्रवृद्धि ब्याज मिलेगा और हर साल अकाउंट में जमा किया जाएगा.
- टैक्स के फ़ायदे - इस खाते में जमा किए गए धन पर सेक्शन 80C में टैक्स छूट मिलती है, योजना के मैच्योर होने पर मिलने वाली आमदनी भी टैक्स फ़्री होती है. ये अभिभावक और बालिका दोनों के लिए अच्छा रहता है.
- अतिरिक्त ब्याज - अगर 21 साल की परिपक्वता अवधि के बाद, खाते में जमा रक़म नहीं निकाली जाती है, तो ये स्कीम की दरों पर चक्रवृद्धि ब्याज अर्जित करती रहेगी.
- पोर्टेबिलिटी - अगर रहने का पता या जगह बदल जाती है, तो खाते को किसी भी अधिकृत बैंक या डाकघर में ट्रांसफ़र किया जा सकता है और खाते से जुड़े काम नई जगह से किए जा सकते हैं.
ये उन माता-पिता के लिए अच्छी योजना है जो नियमित रूप से निवेश करके लंबी अवधि में अपनी बेटी के लिए धन इकट्ठा करना चाहते हैं. पर उन माता-पिता के लिए सही नहीं है जो इक्विटी निवेश का कुछ रिस्क उठा सकते हैं, जिससे लंबे समय के निवेश के ज़रिए काफ़ी रिटर्न पाया जा सकता है.
सुकन्या समृद्धि योजना के विकल्प के तौर पर इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड या सीधे स्टॉक में निवेश किया जा सकता है. मगर ये विकल्प उन्हीं लोगों के लिए है जो रिस्क उठाने की क्षमता रखते हैं.
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