AI-generated image
क्या आपके बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर ने कभी आपसे न्यू फ़ंड ऑफ़र (NFO) में निवेश करने के लिए कहा है, या फिर इसे आपके पोर्टफ़ोलियो के लिए 'ज़रूरी' बताया है? इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि बैंक से लिंक फ़ंड हाउस NFO कलेक्शन में सबसे आगे चल रहे हैं. ICICI प्रूडेंशियल AMC , 53 फ़ंड की लिस्ट में (FY2019 से लगभग ₹39,000 करोड़ जुटाकर) सबसे टॉप पर है. इनमें उनका फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड विशेष रूप से लोकप्रिय रहा है.
FY2018 में म्यूचुअल फ़ंड इंडस्ट्री को फिर से कैटेगराइज़ करने के बाद से, सेक्टोरल, थीमैटिक और पैसिव फ़ंड की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है. ऐसा इसलिए, क्योंकि फिर से कैटेगराइज़ के बाद से, फ़ंड हाउसों को हर एक इक्विटी कैटेगरी में सिर्फ़ एक एक्टिव फ़ंड लॉन्च करने की अनुमति है, लेकिन 'बाक़ी स्कीम' और सेक्टोरल/ थीमेटिक कैटेगरी जितनी मर्ज़ी उतने फ़ंड लॉन्च करने की अनुमति है.
NFOs में अब तक क्या कुछ घटा है
पिछले 20 साल में, भारत की म्यूचुअल फ़ंड इंडस्ट्री ने मार्केट ट्रेंड के हिसाब से प्रदर्शन किया है. NFOs ने निवेशकों के भरोसे के लिए बैरोमीटर के रूप में काम किया है, और उनकी लोकप्रियता में नाटकीय रूप से उतार-चढ़ाव होता रहा है.
2004-06 के तेज़ी वाले वक़्त के दौरान, NFOs ने मार्केट में उम्मीद की लहर पर सवार होकर 100 फ़ीसदी से ज़्यादा इक्विटी नेट फ़्लो पर क़ब्ज़ा किया (ये दर्शाता है कि निवेशकों के एक बड़े हिस्से ने NFOs सब्सक्राइब करने के लिए अपनी होल्डिंग बेच दी). हालांकि, 2008-09 की गिरावट ने बड़े पैमाने पर निराशा पैदा की, जिससे NFO एक्टिविटी में गिरावट आई.
आज, NFOs फिर से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं. चूंकि हम एक और तेज़ी के दौर में हैं, इसलिए इक्विटी फ़ंड में नेट-फ़्लो आसमान छू गया है. असल तेज़ी FY2022 में आई थी, जब NFO कलेक्शन ₹64,758 करोड़ के सबसे ऊपरी स्तर (नेट फ़्लो का 21 फ़ीसदी) पर पहुंच गया, जिसका बड़ा कारण कोविड महामारी के बाद हुई रिकवरी भी था. अभी चल रहे वित्तीय वर्ष (FY) में तेज़ी से आगे बढ़ते हुए, 30 सितंबर 2024 तक हम पहले ही नेट फ़्लो का 28 फ़ीसदी हासिल कर चुके हैं, जो बढ़ती निवेशक भागीदारी का एक और संकेत है.
ये बात ध्यान देने वाली है कि NFOS के लिए इस समय देखा जा रहा उत्साह FY2004-06 के दौरान देखे गए उत्साह की तुलना में फीका है.
कोविड के बाद आई तेज़ी में NFOs का कलेक्शन
इस समय निवेश के फ़्लो का एनालेसिस करने से कुछ विशेष ट्रेंड का पता चलता है. फ़ोकस्ड फ़ंड सहित फ्लेक्सी-कैप फ़ंड के NFOs FY2022 में अपने टॉप पर पहुंच गए थे, जिससे निवेशकों का ₹18,000 करोड़ से ज़्यादा पैसा कलेक्ट हुआ. हालांकि, तब से इस कैटेगरी में बड़ी गिरावट देखी गई है, क्योंकि ज़्यादातर फ़ंड हाउसों ने पहले ही अपने एक्टिव वेरिएंट लॉन्च कर दिए हैं.
इस बीच, मल्टी-कैप NFOs ने 2021 में अपनी शुरुआत के बाद से अच्छा-ख़ासा फ़्लो हासिल करना जारी रखा है.
थीमेटिक फ़ंड ने भी ग़ज़ब की तेज़ी दिखाई है. उदाहरण के लिए, SBI एनर्जी ऑपर्चुनिटीज़ और HDFC मैन्युफैक्चरिंग फ़ंड ने अपने NFO पीरियड्स के दौरान कुल मिलाकर लगभग ₹16,000 करोड़ जुटाए, जो सितंबर 2024 तक के पोर्टफ़ोलियो के हिसाब से आठ म्यूचुअल फ़ंड हाउसों के कुल नेट एसेट से ज़्यादा है. इससे, मार्केट में ख़ास इंवेस्टमेंट थीम की बढ़ती लोगप्रियता का पता चलता है.
मनी गेम
अगर FY2019 से NFO कैटेगरी इनफ़्लो की बात करें, तो थीमैटिक फ़ंड साफ़ तौर से पसंदीदा बनकर उभरे हैं
कैटेगरी | 2018-19 | 2019-20 | 2020-21 | 2021-22 | 2022-23 | 2023-24 | 2024-25^ |
---|---|---|---|---|---|---|---|
लार्ज, मिड और स्मॉल कैप | 1,210 | 2,331 | 2,514 | 4,037 | 3,148 | 5,469 | 1,877 |
ELSS | 16 | 24 | - | - | 73 | 118 | - |
फ़्लेक्सी कैप | 2,148 | 3,752 | 1,878 | 18,047 | 4,991 | 2,689 | 2,389 |
लार्ज एंड मिडकैप | 1,303 | 719 | 521 | 53 | - | 1,990 | - |
मल्टी कैप | - | 378 | - | 23,775 | 4,002 | 4,935 | 5,890 |
वैल्यू ओरिएंटेड | 336 | - | 221 | 1,046 | 27 | 1,547 | - |
ओवरसीज़ | 21 | 103 | 3,193 | 7,899 | 115 | 11 | - |
सेक्टोरल* | 1,784 | 469 | 763 | 2,534 | 606 | 4,165 | 387 |
थीमैटिक | 4,142 | 4,085 | 12,880 | 7,368 | 18,167 | 22,706 | 56,359 |
नोट: धनक कैटेगराइज़ेसन के अनुसार. * मैन्युफैक्चरिंग, डिफेंस, बिज़नस साइकिल और फ़ैक्टर आधारित फ़ंड्स शामिल हैं.
^ 30 सितंबर 2024 तक का डेटा है. |
हाल के बड़े NFOs का प्रदर्शन कैसा रहा है?
हमने, 2019 के बाद से हरेक वित्तीय वर्ष से सबसे ज़्यादा कलेक्शन करने वाले फ़ंड की जांच की, और उनके पहले साल के प्रदर्शन की तुलना उनके कैटेगरी एवरेज से की.
नतीजे क्या कहते हैं: सात में से सिर्फ़ तीन ही पहले साल में अपने कैटेगरी एवरेज से बेहतर प्रदर्शन करने में क़ामयाब रहे, जिससे पता चलता है कि सबसे लोकप्रिय NFOs भी शायद उत्साह को बरक़रार न रख पाएं.
नाम बड़े, दर्शन छोटे: टॉप NFOs बनाम कैटेगरी एवरेज
हरेक फ़ाइनेशियल ईयर में सबसे ज़्यादा कलेक्शन करने वाले फ़ंड के पहले साल के प्रदर्शन की तुलना.
FY | फ़ंड | 1 साल का रिटर्न (%) | कैटेगरी एवरेज (%) | NFO कलेक्शन (करोड़ ₹) |
---|---|---|---|---|
2018-19 | ICICI प्रु इंडिया ऑपर्चुनिटीज़ | 5.49 | 9.78 | 1,309 |
2019-20 | एक्सिस ESG इंटीग्रेशन स्ट्रेटेजी | 44.96 | 38.45 | 1,715 |
2020-21 | ICICI प्रु बिज़नस साइकिल | 34.13 | 34.87 | 4,185 |
2021-22 | ICICI प्रु फ़्लेक्सीकैप | 12.15 | 5.23 | 9,808 |
2022-23 | SBI डिविडेंड यील्ड | 34.82 | 45.98 | 3,496 |
2023-24 | SBI एनर्जी ऑपर्चुनिटीज़* | 15.63 | 15.35 | 6,547 |
2024-25 | HDFC मैन्युफैक्चरिंग* | 12.73 | 15.52 | 9,563 |
*अभी एक साल पूरा होना बाकी है. |
हमारा मानना है
नए फ़ंड में निवेश करना अंधेरे में तीर चलाने जैसा हो सकता है.
अच्छे और साबित ट्रैक रिकॉर्ड वाले म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करना अक्सर समझदारी होती है, विशेष रूप से उन फ़ंड में जो कम से कम पांच से सात साल के एक बाजार साइकिल से गुजर चुके हों.
ऐसे कम ही मौक़े आते हैं जब NFOs में निवेश करना उचित होता है. इसलिए, अपनी मेहनत की कमाई को NFOs में डालने से पहले, अपने आप से निचे लिखे गए तीन सवाल पूछें:
-
क्या फ़ंड कोई अनोखा मौक़ा दे रहा है जो मौज़ूदा फ़ंड्स में नहीं मिलता है? अगर नहीं, तो एक जमे-जमाए फ़ंड को चुनना ज़्यादा समझदारी है.
-
क्या ये आपकी विशेष ज़रूरतों के हिसाब से है? सिर्फ़ तभी निवेश करें जब ये आपके निवेश का लक्ष्य पूरा करता हो.
- क्या साबित हो चुके अच्छे प्रदर्शन वाले दूसरे फ़ंड भी मौज़ूद हैं? अगर हां, तो उन्हें चुनना आम तौर पर ज़्यादा समझदारी भरा विकल्प होता है.