Hyundai IPO: हुंडई का IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफ़रिंग) 15 अक्तूबर 2024 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा. इसकी आख़िरी तारीख़ 17 अक्तूबर 2024 है.
निवेश का फ़ैसला लेने में निवेशकों की मदद के लिए, यहां हम इस ऑटोमोबाइल कंपनी की ताक़त, कमज़ोरियों और ग्रोथ की संभावनाओं के बारे में बता रहे हैं.
Hyundai IPO: संक्षेप मे
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क्वालिटी:
FY2022 और 2024 के बीच,कंपनी ने क्रमशः 27 और 29 फ़ीसदी के लगभग एवरेज
रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) और रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE)
दर्ज़ किया.
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ग्रोथ:
FY22-24 के दौरान, कंपनी का रेवेन्यू और नेट प्रॉफ़िट क्रमशः 21 और 45 फ़ीसदी सालाना बढ़ा.
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वैल्यूएशन:
IPO के बाद, कंपनी का स्टॉक क्रमशः 26 और 13 गुना के
P/E (प्राइस -टू-अर्निंग रेशियो)
और
P/B (प्राइस-टू-बुक रेशियो)
पर कारोबार करेगा.
- मार्केट में कंपनी की स्थिति: मारुति सुजुकी के बाद, हुंडई मोटर पैसेंजर व्हीकल या PV सेगमेंट में भारत की दूसरी सबसे बड़ी कार बनाने वाली कंपनी है. कंपनी को भारत में PV की बढ़ती डिमांड से फ़ायदा होने की उम्मीद है, ख़ासकर प्रीमियम स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल या SUV सेगमेंट में. हाई-एंड मॉडलों के प्रति कंज्यूमर की पसंद में बदलाव के साथ (विशेष रूप से युवा ख़रीदारों के बीच), हुंडई इस ट्रेंड को भुनाने की भरपूर कोशिश कर रही है. इलेक्ट्रिक व्हीकल या EV सेगमेंट की ग्रोथ से भी पर्याप्त मौक़े मिलेंगे. हालांकि, कंपनी को तगड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, जिससे मार्केट में इसकी पकड़ ढीली होने का जोख़िम बना हुआ है.
Hyundai के बारे में
"हुंडई मोटर इंडिया (Hyundai Motor India)" दक्षिण कोरियाई दिग्गज़ हुंडई मोटर कंपनी (HMC) की एक प्रमुख सब्सिडरी है. हुंडई इंडिया, पैरेंट कंपनी HMC की वैश्विक बिक्री में लगभग 18 फ़ीसदी का योगदान देती है. स्थापना के बाद से ₹30,103 करोड़ के निवेश के साथ, ये दक्षिण कोरिया के बाहर पैरेंट कंपनी की सबसे बड़ी सप्लाई चेन भी है. हुंडई मोटर इंडिया अपनी पैरेंट कंपनी को बाक़ी वैश्विक सब्सिडरी कंपनियों की तरह सालाना बिक्री पर 3.5 फ़ीसदी रॉयल्टी पेमेंट करती है.
ताक़त
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कैपेसिटी में बढ़ोतरी:
हुंडई इंडिया की प्रोडक्शन कैपेसिटी, महाराष्ट्र के तालेगांव वाला प्लांट पूरा होने के बाद 8.2 लाख यूनिट से बढ़कर 10.7 लाख यूनिट हो जाएगी.
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ऑपरेशनल एफिशिएंसी:
हुंडई अपने 93 फ़ीसदी पार्ट्स लोकल लेवल पर अपने चेन्नई प्लांट के पास से सोर्स करती है. सप्लायर से नज़दीकी कंपनी को अपनी मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस को सुव्यवस्थित करने, इन्वेंट्री ख़र्च को कम करने और ऑपरेशनल एफिशिएंसी में सुधार करने में मदद करती है. इसके चेन्नई वाले प्लांट के कॉमन प्लेटफार्म आर्किटेक्चर की मदद से कई मॉडलों का एक साथ प्रोडक्शन होता है; यही कारण है कि FY22-24 के दौरान कंपनी का एवरेज EBIT मार्जिन लगभग 9 फ़ीसदी (इंडस्ट्री में सबसे ज़्यादा) रहा.
- 'प्रीमियम' रणनीति: हुंडई, हाई-वैल्यू व्हीकल पर फ़ोकस करती है. इसने FY24 में ₹10 लाख से ज़्यादा क़ीमत वाली कारों से 49 फ़ीसदी और ₹15 लाख से ज़्यादा क़ीमत वाली कारों से लगभग 20 फ़ीसदी रेवेन्यू कमाया. ये SUV की बढ़ती डिमांड को भुनाने का नतीजा था. कंपनी के रेवेन्यू में SUV की हिस्सेदारी मार्च 2022 में 52 फ़ीसदी से बढ़कर 2024 में अब तक 67 फ़ीसदी हो गई है.
कमज़ोरियां
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घटता मार्केट शेयर:
तगड़ी प्रतिस्पर्धा से कंपनी का मार्केट शेयर घट रहा है. FY20 और Q1 FY25 के बीच, Hyundai का PV मार्केट शेयर लगभग 18 फ़ीसदी से गिरकर 15 फ़ीसदी हो गया है. इसी अवधि में,
टाटा मोटर्स
का मार्केट शेयर लगभग 5 फ़ीसदी से बढ़कर 13 फ़ीसदी हो गया; और
महिंद्रा एंड महिंद्रा
और किआ मोटर्स (हुंडई ग्रुप की कंपनी) ने अपने मार्केट शेयर को क्रमशः 12 और 6 फ़ीसदी (लगभग दोगुना) कर दिया.
- रॉयल्टी एग्रीमेंट: हुंडई इंडिया अपनी पैरेंट कंपनी को रॉयल्टी पेमेंट करने के लिए मज़बूर है. एग्रीमेंट के तहत, शेयरहोल्डरों की मंजूरी के बिना इस पेमेंट को 5 फ़ीसदी तक बढ़ाया जा सकता है. FY24 के रेवेन्यू के आधार पर, रॉयल्टी पेमेंट में एक फ़ीसदी की बढ़ोतरी से Hyundai India को लगभग ₹700 करोड़ का नुक़सान होगा. इसलिए, रॉयल्टी में किसी भी तरह की बढ़ोतरी का कंपनी की प्रॉफ़िटेबिलिटी पर ख़राब असर पड़ सकता है.
Hyundai IPO की डिटेल
IPO का कुल साइज़ (करोड़ ₹) | 27,870 |
ऑफर फॉर सेल (करोड़ ₹) | 27,870 |
नए इशू (करोड़ ₹) | - |
प्राइस बैंड (₹) | 1,865 -1,960 |
सब्सक्रिप्शन की तारीख़ | 15-17 अक्टूबर, 2024 |
उद्देश्य | ऑफर फॉर सेल |
IPO के बाद
मार्केट कैप (करोड़ ₹) | 1,59,258 |
नेट वर्थ (करोड़ ₹) | 12,149 |
प्रमोटर होल्डिंग (%) | 82.5 |
प्राइस/अर्निंग रेशियो (P/E) | 25.6 |
प्राइस/बुक रेशियो (P/B) | 13.1 |
फ़ाइनेंशियल हिस्ट्री
फ़ाइनेंशियल्स (करोड़ ₹) | 2 साल का CAGR (%) | TTM | FY24 | FY23 | FY22 |
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रेवेन्यू | 21.4 | 70,550 | 69,829 | 60,308 | 47,378 |
EBIT | 44.5 | 7,298 | 6,925 | 5,359 | 3,317 |
PAT | 44.5 | 6,221 | 6,060 | 4,709 | 2,902 |
नेट वर्थ | -20.5 | 12,149 | 10,666 | 20,055 | 16,856 |
कुल डेट | -15.9 | 821 | 833 | 1,189 | 1,178 |
EBIT-- अर्निंग बिफ़ोर इंटरेस्ट एंड टैक्स
PAT -- प्रॉफ़िट आफ्टर टैक्स TTM जून में ख़त्म हुए 12 महीनों का है |
प्रमुख रेशियो
रेशियो | 3 साल का औसत (%) | TTM | FY24 | FY23 | FY22 |
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ROE (%) | 27.4 | 37.1 | 39.5 | 25.5 | 17.2 |
ROCE (%) | 29.3 | 40.9 | 42.3 | 27.3 | 18.4 |
EBIT मार्जिन (%) | 8.6 | 10.3 | 9.9 | 8.9 | 7.0 |
डेट-टू-इक्विटी | 0.1 | 0.1 | 0.1 | 0.1 | |
ROE -- रिटर्न ऑन इक्विटी ROCE -- रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड |
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Hyundai की रिस्क रिपोर्ट
कंपनी और बिज़नस
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क्या पिछले 12 महीनों में हुंडई की टैक्स के पहले की कमाई (profit before tax) ₹50 करोड़ से ज़्यादा है?
हां. कंपनी ने जून 2024 में ख़त्म हुए 12 महीनों में ₹8,455 करोड़ की ‘टैक्स के पहले की कमाई’ दर्ज़ की.
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क्या कंपनी अपना बिज़नस बढ़ा पाएगी?
हां. कंपनी इंडस्ट्री ट्रेंड को भुनाएगी, ख़ासकर EV सेगमेंट में, जहां मार्केट पेनेट्रेशन 2.3 फ़ीसदी से भी कम है. SUV की बढ़ती डिमांड के साथ-साथ बढ़ती डिस्पोजेबल इनकम से भी कंपनी को अपना एक्सपेंशन करने में मदद मिलेगी.
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क्या हुंडई का कस्टमर बेस काफ़ी वफ़ादार है और क्या ये कंपनी किसी जाने-माने ब्रांड से जुड़ी है?
हां. हुंडई एक जानी-मानी ब्रांड है. भारत के PV मार्केट में इसका 14 फ़ीसदी से ज़्यादा शेयर है.
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क्या कंपनी के पास कॉम्पिटेटिव एडवांटेज़ है?
नहीं. ये, कई बड़े खिलाड़ियों की मौज़ूदगी वाली बहुत ही प्रतिस्पर्धी इंडस्ट्री में काम करती है
हुंडई का मैनेजमेंट
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क्या कंपनी के संस्थापकों में से किसी के पास अभी भी कंपनी में कम से कम 5 फ़ीसदी हिस्सेदारी है? या क्या प्रमोटरों के पास कंपनी में 25 फ़ीसदी से ज़्यादा हिस्सेदारी है?
हां. IPO के बाद, प्रमोटरों की हिस्सेदारी 83 फ़ीसदी हो जाएगी.
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क्या टॉप 3 मैनजरों के पास कंपनी में काम करते हुए कुल मिलाकर 15 साल से ज़्यादा का लीडरशिप अनुभव है?
हां. इसके मैनेजिंग डायरेक्टर, चीफ़ ऑपरेटिंग ऑफ़िसर और चीफ़ मैन्युफैक्चरिंग ऑफ़िसर के पास 15 साल से ज़्यादा का कुल लीडरशिप अनुभव है.
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क्या मैनेजमेंट पर भरोसा किया जा सकता है? क्या कंपनी SEBI दिशानिर्देशों के तहत साफ़-सुथरी रिपोर्ट जारी करती है?
हां. कोई नेगेटिव जानकारी उपलब्ध नहीं है.
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क्या गरुड़ कंस्ट्रक्शन की अकाउंटिंग पॉलिसी ठीक है?
हां. कोई नेगेटिव जानकारी उपलब्ध नहीं है.
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क्या कंपनी प्रमोटरों के शेयर गिरवी होने मुक्त है?
हां. कोई शेयर गिरवी नहीं रखे हैं.
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हुंडई के फ़ाइनेंशियल
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क्या कंपनी का वर्तमान और तीन साल का औसत रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) 15 फ़ीसदी से ज़्यादा और औसत रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) 18 फ़ीसदी से ज़्यादा है?
हां. इसका तीन साल का औसत ROE और ROCE क्रमशः 27 और 29 फ़ीसदी के लगभग है. FY2024 में, इसका ROE और ROCE क्रमशः 40 और 42 फ़ीसदी के लगभग रहा है.
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क्या पिछले तीन साल के दौरान कंपनी का ऑपरेटिंग कैश फ़्लो पॉज़िटिव रहा है?
हां. इसने पिछले तीन साल के दौरान पॉज़िटिव कैश फ़्लो दर्ज किया.
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क्या कंपनी का नेट डेट-टू-इक्विटी रेशियो 1 से कम है?
हां. FY24 में कंपनी का डेट-टू-इक्विटी रेशियो 0.1 था.
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क्या कंपनी रोज़मर्रा के कामों के लिए बड़ी वर्किंग कैपिटल पर निर्भरता से मुक्त है?
हां. वैसे तो हुंडई एक कैपिटल-इंटेंसिव बिज़नस में काम करती है, लेकिन इसने अपनी वर्किंग कैपिटल ज़रूरतों को सुविधाजनक लेवल पर रखा हुआ है. FY22-24 के दौरान, इसके एवरेज नेट वर्किंग कैपिटल डेज़ नेगेटिव थे.
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क्या कंपनी अगले तीन साल में बाहरी फ़ंडिंग पर निर्भर हुए बिना अपना बिज़नस चला सकती है?
हां. कंपनी के पास काफ़ी कैश है और ये पिछले कुछ साल से फ़्री कैश फ़्लो जनरेट कर रही है.
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क्या कंपनी बड़ी आकस्मिक देनदारी से मुक्त है?
नहीं. FY2024 तक, कुल इक्विटी के प्रतिशत के रूप में इसकी बड़ी आकस्मिक देनदारियां लगभग 32 फ़ीसदी थीं.
हुंडई का वैल्यूएशन
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क्या स्टॉक अपनी एंटरप्राइज़ वैल्यू पर 8 फ़ीसदी से ज़्यादा की ऑपरेटिंग अर्निंग यील्ड देता है?
नहीं. ये स्टॉक अपनी एंटरप्राइज़ वैल्यू पर 5 फ़ीसदी ऑपरेटिंग अर्निंग यील्ड देगा.
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क्या स्टॉक का प्राइस-टू-अर्निंग रेशियो अपनी जैसी दूसरी कंपनियों के औसत से कम है?
हां. लिस्ट होने के बाद ये स्टॉक 25.6 गुना P/E पर कारोबार करेगा, जबकि इसके साथियों का औसत स्तर 27.5 गुना है.
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क्या स्टॉक की प्राइस-टू-बुक वैल्यू अपनी जैसी दूसरी कंपनियों के औसत स्तर से कम है?
नहीं. लिस्ट होने के बाद ये स्टॉक 13 गुना P/B पर कारोबार करेगा, जबकि इसके साथियों का औसत स्तर 4.7 गुना है.
डिस्क्लेमर: ये निवेश का सुझाव नहीं है. निवेश करने से पहले ज़रूरी जांच-पड़ताल ज़रूर करें.
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