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मैं ओवरसीज़ इंडियन हूं, जिसके पास ₹1 करोड़ का म्यूचुअल फ़ंड पोर्टफ़ोलियो है. मैं 2 साल से ग्रोथ कैटेगरी वाले म्यूचुअल फ़ंड में निवेश कर रहा हूं. अब मैं 8 साल के लिए और निवेश करने का प्लान कर रहा हूं, मेरा गोल 45 की उम्र में रिटायरमेंट लेना है. क्या मुझे अभी एसेट एलोकेशन के बारे में सोचना चाहिए और क्या NRE फ़िक्स्ड डिपॉज़िट को मेरे डेट एलोकेशन के हिस्से के तौर पर गिना जाना चाहिए? - एक पाठक
धीरेंद्र कुमार का कहना है कि पांच साल की बचत जैसी बड़ी रक़म जमा करने के बाद आपको एसेट एलोकेशन पर विचार करना चाहिए. शुरुआत में, आपके पास खोने के लिए ज़्यादा कुछ नहीं है, इसलिए अपना पैसा बढ़ाने पर फ़ोकस करें. एक बार जब आप अच्छा ख़ासा पैसा इकट्ठा कर लेते हैं, तो अपने इसकी सुरक्षा के लिए एसेट एलोकेशन ज़रूरी हो जाता है.
एसेट एलोकेशन का एक फ़ायदा ये भी है कि ये आपको अपने निवेश को सही दिशा में रखने और कंट्रोल करने में मदद करता है. इसके ज़रिए गिरावट के दौर में आप बेहतर रहते हैं क्योंकि आपके पास निवेश का एक प्लान होता है. बिना किसी स्ट्रैटेजी के इक्विटी निवेश करने और बाद में पछताने के बजाए, एसेट एलोकेशन अपके निवेश का एक मज़बूत ढ़ांचा बना देता है.
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अगर आपके पास निवेश के लिए समय ज़्यादा है (और आप उतार-चढ़ाव को लेकर सहज भी हैं), तो आप 100 फ़ीसदी इक्विटी पोर्टफ़ोलियो भी रख सकते हैं. जैसे-जैसे आपका रिटायरमेंट क़रीब आए, अपने निवेश का एक हिस्सा डेट इंस्ट्रूमेंट्स (debt instruments) में डालकर रिस्क को धीरे-धीरे कम करना अच्छा रहता है. जहां तक आपकी FD की बात है, तो उसे निश्चित ही डेट एलोकेशन के तौर पर गिनना चाहिए.
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