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MTAR टेक्नोलॉजीज़ की गिरावट के 5 कारण

MTAR Technologies की बदली क़िस्मत से सीखने लायक़ सबक़

MTAR Technologies के शेयर में गिरावट की 5 बड़ी वजहAI-generated image

एक समय दलाल स्ट्रीट की पसंदीदा कंपनी MTAR टेक्नोलॉजीज़ को नज़रों से उतरने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगा. मार्च 2021 में अपनी लिस्टिंग से लेकर सितंबर 2023 तक इसने हर साल 53 प्रतिशत की भारी बढ़त हासिल की थी. ​​तब से लेकर अब तक का एक साल गिरावट का साल रहा है, और इसकी मार्केट वैल्यू 36 प्रतिशत गिर गई है.

इसकी शुरुआती बढ़त निराधार नहीं थी. रक्षा, एयरोस्पेस, परमाणु ऊर्जा और स्वच्छ ऊर्जा जैसी ख़ास इंडस्ट्री में MTAR की पकड़ ने इसे एक अच्छा दांव बना दिया (ये इन सेक्टर्स के लिए हाई प्रिसिशन कंपोनेंट्स और इक्वुपमेंट बनाती है). और FY19-23 के दौरान इसके रेवेन्यू और प्रॉफ़िट में 27 और 33 प्रतिशत की सालाना बढ़ोतरी ने निवेशकों की दिलचस्पी को सही ठहराया. तो बाद में गिरावट किस वजह से आई? रक्षा क्षेत्र की हालिया गिरावट को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. साथ ही, स्वच्छ ऊर्जा के बिज़नस में दूसरी कंपनियां भी शानदार प्रदर्शन कर रही हैं, जो इस बात को साबित करता है कि MTAR की ज़्यादातर समस्याएं इसकी अपनी हैं.

नीचे हम कुछ कारण बता रहे हैं जो बताते हैं कि इस कंपनी को लेकर दलाल स्ट्रीट ने क्यों अपना मन बदल लिया है, और कंपनी की गिरावट से निवेशकों को कुछ सबक़ मिलते हैं:

1. कई बार संशोधन करना

कंपनी ने FY24 के लिए बहुत ऊंचा लक्ष्य तय किया. इसने 45-50 प्रतिशत रेवेन्यू बढ़ने का अनुमान लगाया, लेकिन पूरे साल में कई बार इस लक्ष्य को कम किया. 830-860 करोड़ रुपये के रेवेन्यू टार्गेट को भी बार-बार घटाया गया. ये अपने सबसे बड़े क्लाइंट ब्लूम एनर्जी से ऑर्डर में देरी के कारण FY24 के लिए सिर्फ़ ₹580 करोड़ का रेवेन्यू हासिल करने में कामयाब रही और मुनाफ़ा क़रीब आधा हो गया. तय की गई ग्रोथ से अचानक पीछे हटने का मतलब था कि शेयर को निवेशकों की नाराज़गी का सामना करना पड़ा. ये प्रबंधन की विश्वसनीयता पर भी संदेह पैदा करता है, जिनकी अपनी स्थिति को लेकर साफ़ नज़रिए में कमी दिखती है.

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2. प्रमोटरों का अपने शेयर बेचना

MTAR के प्रमोटरों ने FY21 में अपनी हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से घटाकर वर्तमान में 36.4 प्रतिशत से नीचे कर दिया है. प्रबंधन इसका श्रेय परिवार के नॉन-कोर मेंबर्स (अप्रधान सदस्यों) द्वारा अपने शेयर बेचने को देता है. लेकिन इतनी बड़ी गिरावट कंपनी के अंदरूनी लोगों में आत्मविश्वास की कमी का इशारा देती है, ख़ासकर तब, जब ये ऑपरेशन को लेकर कंपनी की चुनौतियों से मेल खाता है. ये एक बड़ा ख़तरे का निशान बना हुआ है.

3. कॉन्सनट्रेशन का रिस्क

पिछले साल MTAR का निराशाजनक प्रदर्शन इस बात पर प्रकाश डालता है कि रेवेन्यू का कॉन्सनट्रेशन किसी बिज़नस पर किस तरह कहर बरपा सकता है. MTAR अपने बिज़नस के लिए एक ही क्लाइंट-अमेरिका स्थित स्वच्छ ऊर्जा कंपनी ब्लूम एनर्जी पर बहुत ज़्यादा निर्भर है. FY23 में, 70 प्रतिशत से ज़्यादा रेवेन्यू अकेले ब्लूम एनर्जी से आया. तकनीकी बदलावों और अमेरिका में बढ़ती ब्याज दरों के कारण ब्लूम से ऑर्डर में देरी के कारण MTAR के रेवेन्यू और प्रॉफ़िटेबिलिटी या लाभप्रदता में भारी गिरावट आई.

4. हाई मार्जिन का दूसरा पहलू

MTAR के बिज़नस पार्ट ज़्यादातर हाई मार्जिन वाले थे, जिसने ख़ासतौर से कंपनी में निवेशकों की दिलचस्पी पैदा की. हालांकि, निवेशक इस बात को नज़रअंदाज़ कर देते हैं कि हाई मार्जिन वाले बिज़नस में अक्सर वॉल्यूम कम होता है. इसका मतलब ये है कि इन सेगमेंट में थोड़ा उतार-चढ़ाव भी कुल लाभप्रदता या प्रॉफ़िटेबिलिटी को कम कर सकता है, जैसा कि MTAR के मामले में देखा गया है. इसने FY19 से FY23 तक 25-29 प्रतिशत के EBIT मार्जिन के साथ काम किया, लेकिन बढ़ती लागत और स्थगित ऑर्डर की वजह से हाल की तिमाहियों में ये 8 प्रतिशत तक गिर गया.

इस तरह से ये ध्यान रखना ज़रूरी है कि हाई-मार्जिन वाले बिज़नस भी प्रॉफ़िटेबिलिटी में अचानक गिरावट को लेकर संवेदनशील होते हैं, ख़ासकर जब उन्हें MTAR के मामले में ऑपरेशन या सप्लाई चेन से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

5. वर्किंग कैपिटल की समस्या और ख़राब कैश कन्वर्ज़न

MTAR का वर्किंग कैपिटील मैनेजमेंट या वर्किंग कैपिटल मैनेजमेंट यक़ीनन इसके ऑपरेशन की सबसे मुश्किल चुनौती है. हाल के सालों में मज़बूत रेवेन्यू बढ़ोतरी के बावजूद, कंपनी ने मुनाफ़े को नक़दी में बदलने के लिए संघर्ष किया है FY23 में, MTAR ने ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट में ₹155 करोड़ कमाए, लेकिन सिर्फ़ ₹5 करोड़ को ही कैश में बदल पाया, जिससे इन्वेंट्री मैनेजमेंट की कमी और ख़राब पेमेंट कलेक्शन उजागर हुआ. Q1 FY25 तक इसके वर्किंग कैपिटल दिवस 250 से ज़्यादा हो गए हैं. जबकि प्रबंधन ने इन मुद्दों को स्वीकार किया है, इसने कोई सुधारात्मक उपाय नहीं किए हैं.

हमारी सलाह

MTAR Tech की चुनौतियों से कुछ बड़े सबक़ सीखे जा सकते हैं. बार-बार गाइडेंस में कटौती और कंपनी के अनुमानों को अचानक बदलने का मतलब है कि प्रबंधन में शायद दूरदर्शिता की कमी है, या ये ग्रोथ का ग़लत अंदाज़ा लगा रहा है. इसके अलावा प्रमोटरों की अपने शेयर बेचना भी विश्वसनीयता को नुक़सान पहुंचाती है. अगर कंपनी का बिज़नस मॉडल मुट्ठी भर ग्राहकों पर बहुत ज़्यादा निर्भर है, तो कंपनी की स्थिरता पर भी सवाल उठता है.

चुनौतियों का सामना करने और समाधान खोजने की साफ़ योजना न होने के बावजूद, MTAR Tech ने ऊंचे अनुमान पेश करना जारी रखा है. प्रबंधन आने वाले कुछ साल में 30-35 सालाना बढ़ोतरी दर्ज करने को लेकर आशावादी है. लेकिन ये देखते हुए कि इसकी परेशानियों का कोई अंत नहीं है, और Q1 FY25 ने भी साल की निराशाजनक शुरुआत की है, उनका इस तरह की बढ़ोतरी हासिल करना संदिग्ध बना हुआ है.

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डिसक्लेमर: ये कोई स्टॉक की सिफ़ारिश नहीं है. निवेशकों को निवेश का फ़ैसला लेने से पहले ख़ुद रिसर्च करनी चाहिए.


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