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अगर आपको लगता है कि स्मॉल-कैप फ़ंड्स ने धमाल मचा रखा है, तो आइए हम आपको मोमेंटम और अल्फ़ा फ़ंड्स से रूबरू कराते हैं.
पिछले 12 महीनों में, छह मोमेंटम और अल्फ़ा फंड्स ने औसतन 59 फ़ीसदी की ग्रोथ दर्ज की है, जो स्मॉल-कैप इंडेक्स के प्रभावशाली 53 फ़ीसदी रिटर्न से भी ज़्यादा है. ये छह फ़ंड्स हैं -
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निफ़्टी 200 अल्फ़ा 30
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निफ़्टी अल्फ़ा 50
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निफ़्टी अल्फ़ा लो वोलैटिलिटी 30
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निफ़्टी 200 मोमेंटम 30
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निफ़्टी मिड-स्मॉल कैप 400 मोमेंटम क्वालिटी 100
- निफ़्टी स्मॉल-कैप 250 मोमेंटम क्वालिटी 100)
स्मॉल कैप (और यहां तक कि मिड-कैप) के साथ टॉप फ़ंड्स की टेबल में नज़र आना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है. बुल रन में उन्हें हराना और भी बड़ी बात है. कोई आश्चर्य नहीं कि स्मार्ट मनी मोमेंटम और अल्फ़ा स्ट्रैटजी को गहरी दिलचस्पी से देखा जा रहा है.
लेकिन इससे पहले कि आप हम पर शॉर्ट टर्म पर ज़्यादा ध्यान देने का आरोप लगाएं, आइए उनके सिम्युलेटेड (simulated) लॉन्ग-टर्म परफ़ॉर्मेंस को देखें. सिम्युलेटेड इसलिए, क्योंकि हमें डेटा का बैक-टेस्ट करना था. दरअसल इन स्ट्रैटजीस को ट्रैक करने वाले फ़ंड काफ़ी नए हैं.
इस मोर्चे पर भी वे काफ़ी मज़बूत नज़र आते हैं. जब हमने 01 अप्रैल 2010 से 13 सितंबर 2024 तक उनके पांच साल के रोलिंग डेली रिटर्न को देखा और उनकी तुलना उनके पैरेंट इंडेक्स से की तो हमें ये पता चला.
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अल्फ़ा फ़ंड्स ने सबसे ज़्यादा 5-ईयर रोलिंग रिटर्न दिया, लेकिन साथ ही इनमें ज़्यादा उतार-चढ़ाव भी देखने को मिला, जिससे ऊंची अस्थिरता (standard deviation) का पता चलता है.
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मोमेंटम फ़ंड ने मज़बूत मीडियन परफ़ॉर्मेंस बनाए रखा और तुलनात्मक रूप से सीमित नेगेटिव रिटर्न दिया. हालांकि, उनकी अस्थिरता चिंताजनक है.
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कुल मिलाकर, मोमेंटम और अल्फ़ा इंडेक्स अपने पैरेंट इंडेक्स (निफ़्टी 200, निफ़्टी 100 और निफ़्टी स्मॉलकैप 250) से बेहतर प्रदर्शन करते हैं, लेकिन मंदी के दौर में ज़्यादा गिरावट का सामना करते हैं.
- इन इंडेक्स के कम उतार-चढ़ाव और क्वालिटी पर केंद्रित वर्ज़न ने तुलनात्मक तौर पर कम अस्थिरता के साथ स्मॉल और मिड-कैप इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया. हालांकि, दूसरे मोमेंटम और अल्फ़ा फ़ंड में ज़्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिला, जिससे उनके पैरेंट इंडेक्स की तुलना में नेगेटिव 5-ईयर रोलिंग रिटर्न के ज़्यादा लंबे दौर का सामना करना पड़ा.
संक्षेप में देखें, तो मोमेंटम और अल्फ़ा इंडेक्स ने लंबे समय के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन बाज़ार में गिरावट के दौरान उनमें ख़ासतौर पर उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.
अल्फ़ा और मोमेंटम इंडेक्स ने व्यापक आधार वाले पैरेंट इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन करते हैं, लेकिन जोखिम बहुत ज़्यादा है
इंडेक्स | न्यूनतम | मीडियन | अधिकतम | निगेटिव रोलिंग रिटर्न वाले दिन | स्टैंडर्ड डेविएशन |
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निफ़्टी 200 मोमेंटम 30 | -3.04% | 17.81% | 29.65% | 1.59% | 6.35% |
निफ़्टी 200 अल्फ़ा 30 | -9.23% | 16.10% | 33.61% | 8.81% | 8.74% |
निफ़्टी 200 | -2.53% | 11.38% | 21.10% | 2.03% | 4.81% |
इंडेक्स | न्यूनतम | मीडियन | अधिकतम | निगेटिव रोलिंग रिटर्न वाले दिन | स्टैंडर्ड डेविएशन |
---|---|---|---|---|---|
निफ़्टी 100 अल्फ़ा लो वॉलेटिलिटी 30 | 2.66% | 16.66% | 26.82% | - | 5.58% |
निफ़्टी 100 | -2.30% | 11.61% | 22.64% | 1.28% | 4.54% |
इंडेक्स | न्यूनतम | मीडियन | अधिकतम | निगेटिव रोलिंग रिटर्न वाले दिन | स्टैंडर्ड डेविएशन |
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निफ़्टी स्मॉलकैप 250 मोमेंटम क्वालिटी 100 | -1.15% | 19.84% | 36.39% | 0.20% | 8.56% |
निफ़्टी स्मॉलकैप 250 | -7.79% | 11.07% | 32.78% | 12.29% | 8.21% |
इंडेक्स | न्यूनतम | मीडियन | अधिकतम | निगेटिव रोलिंग रिटर्न वाले दिन | स्टैंडर्ड डेविएशन |
---|---|---|---|---|---|
निफ़्टी अल्फ़ा 50 | -7.90% | 18.28% | 38.96% | 7.33% | 9.29% |
निफ़्टी मिड स्मॉलकैप 400 मोमेंटम क्वालिटी 100 | 0.17% | 19.75% | 33.64% | - | 7.52% |
निफ़्टी स्मॉलकैप 250 | -7.79% | 11.07% | 32.78% | 12.29% | 8.21% |
निफ़्टी मिडकैप 150 | -3.83% | 13.55% | 31.51% | 1.81% | 6.94% |
निफ़्टी 500 | -2.55% | 11.51% | 22.24% | 2.01% | 4.97% |
नोट: 5-ईयर रोलिंग डेली रिटर्न की कैलकुलेशन 1 अप्रैल, 2010 से 13 सितंबर, 2024 तक की गई है. चूंकि. निफ़्टी अल्फ़ा 50 और निफ़्टी मिड स्मॉलकैप 400 मोमेंटम क्वालिटी 100 इंडेक्स के कोई प्रत्यक्ष पैरेंट इंडेक्स नहीं हैं, इसलिए उनकी तुलना निफ़्टी स्मॉलकैप 250, निफ़्टी मिडकैप 150 और निफ़्टी 500 जैसे ब्रॉडर मार्केट इंडेक्स के साथ की गई है. |
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सोचने लायक़ कुछ अहम बातें
दोहराव का ख़तरा
शानदार रिटर्न को देखते हुए, मोमेंटम और अल्फ़ा फ़ंड में बड़ा निवेश करना सही लग सकता है. लेकिन सावधान रहें: मोमेंटम और अल्फ़ा फ़ंड के पोर्टफ़ोलियो में बड़े स्तर पर ओवरलैप हो सकते हैं, जो कई समान स्टॉक में निवेश करते हैं.
उदाहरण के लिए, सितंबर 2024 तक निफ़्टी 200 अल्फ़ा 30 और निफ़्टी 200 मोमेंटम 30 इंडेक्स द्वारा ख़रीदे गए 30 में से 22 शेयर एक जैसे हैं. इस तरह, उनका 62 फ़ीसदी पैसा एक जैसे शेयरों में निवेश किया जाता है. इसलिए, दोनों तरह की स्ट्रैटजी में निवेश करने से केवल दोहराव बढ़ेगा और डाइवर्सिफ़िकेशन का फ़ायदा कम होगा.
शेयरों में बदलाव की ऊंची दर
मोमेंटम और अल्फ़ा इंडेक्स अक्सर अपने पोर्टफ़ोलियो में बदलाव करते रहते हैं. मोमेंटम इंडेक्स पिछले 6 से 12 महीनों में सबसे मज़बूत प्राइस मूवमेंट वाले शेयरों का चुनाव करते हैं, जबकि अल्फ़ा इंडेक्स उन शेयरों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो मार्केट बेंचमार्क की तुलना में लगातार ज़्यादा रिटर्न देते हैं.
विजेता स्टॉक की इस लगातार खोज के कारण बदलाव करने की दर ज़्यादा होती है, जिससे फ़ंड के बार-बार स्टॉक ख़रीदने और बेचने के कारण बड़ी समस्या हो सकती है.
ज़्यादा कॉन्सनट्रेशन
मोमेंटम और अल्फ़ा इंडेक्स में टॉप 3 सेक्टर्स का वेटेज 50-53 फ़ीसदी है, जबकि निफ़्टी स्मॉलकैप 250 का वेटेज 40.9 फ़ीसदी और निफ़्टी मिडकैप 150 का वेटेज 38.68 फ़ीसदी है, जिससे पता चलता है कि सेक्टर संबंधी उतार-चढ़ाव के दौरान स्ट्रैटजी इंडाइसेस में अस्थिरता की ज़्यादा संभावना हो सकती है.
लो-क्वालिटी स्टॉक्स का शामिल होना
भारी तेज़ी के अंतिम दौर में, कमज़ोर फ़ंडामेंटल्स वाले लो-क्वालिटी शेयरों में तेज़ी आती है और इस तरह वे मोमेंटम और अल्फ़ा-बेस्ड इंडेक्स में शामिल हो जाते हैं. लेकिन जब गिरावट आती है तो वे आखिरकार गिर जाते हैं. शायद यही एक कारण है कि बाज़ार में मंदी के दौरान मोमेंटम और अल्फ़ा इंडेक्स में ज़्यादा सुधार देखने को मिलता है.
हमारी राय
अल्फ़ा और मोमेंटम इंडेक्स ने हाल ही में दमदार रिटर्न दिया है, लेकिन उनके साथ कई रिस्क भी जुड़े हुए हैं.
इसके अलावा, उपरोक्त लंबे समय का विश्लेषण काफ़ी हद तक बैक-टेस्टेड डेटा पर आधारित है, जो ख़ासकर मंदी के बाज़ारों के दौरान उनके असल प्रदर्शन से अलग हो सकता है.
इस तरह, मोमेंटम और अल्फ़ा फ़ंड में स्टाइल-आधारित निवेश आपके पोर्टफ़ोलियो का केवल एक छोटा सा हिस्सा होना चाहिए.
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