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NPS Tier 2 vs Hybrid funds: क्या बेहतर है आपके लिए?

इनके बारे में हमारे सुझाव और लॉन्ग-टर्म परफ़ॉरमेंस अनालेसिस पढ़ें

क्या NPS टियर 2, हाइब्रिड फ़ंड से बेहतर है?AI-generated image

हम जानते हैं कि नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) टियर 1 रिटायरमेंट सेविंग के लिए एक लोकप्रिय विकल्प है. हमने अपने 'म्यूचुअल फंड इनसाइट' के अक्टूबर एडिशन में, इस स्कीम की तुलना म्यूचुअल फ़ंड से भी की थी.

हालांकि, एक तरह से कम लोगों को ही पता है कि NPS का एक और रूप भी है: NPS टियर-2. ये एक म्यूचुअल फ़ंड की तरह काम करता है, जो NPS टियर 1 की तुलना में ज़्यादा विड्राल फ़्लेक्सिबिलिटी देता है.

इसलिए, जब हाल ही में एक यूज़र ने हमसे पूछा कि इनमें से कौन सा बेहतर है - हाइब्रिड फ़ंड या NPS टियर 2 - तो हमने सही ज़वाब खोजने के लिए गहराई से अनालेसिस करने का फ़ैसला किया.

लेकिन इससे पहले कि हम इनके परफ़ॉरमेंस और क्वालिटी का मूल्यांकन करें, आइए इन दोनों की संक्षेप में तुलना करें.

NPS टियर 2 और हाइब्रिड फ़ंड के बीच अंतर

पैरामीटर NPS हाइब्रिड
एक्सपेंस रेशियो एक्सपेंस रेशियो कम है. 0.09 फ़ीसदी की लिमिट/कैप है. ज़्यादा एक्सपेंस रेशियो- एग्रेसिव हाइब्रिड डायरेक्ट फ़ंड: एवरेज 0.79%- कंज़र्वेटिव हाइब्रिड डायरेक्ट फ़ंड: एवरेज 0.89%
एग्ज़िट लोड विड्राल पर कोई एग्ज़िट लोड नहीं है. अगर एक साल के अंदर कुल निवेश का 10-12% से ज़्यादा हिस्सा विड्रॉ किया जाता है, तो आमतौर पर 1% का एग्ज़िट लोड लगाया जाता है.
इंवेस्टमेंट यूनिवर्स सिर्फ़ टॉप 200 स्टॉक. ऐसी कोई रोक-टोक नहीं है.
टैक्सेशन "टैक्स के लिहाज से बहुत किफायती नहीं है.
- टियर 2 से विड्राल पर लागू स्लैब दरों पर टैक्स लगाया जाता है, इसलिए ये 30% तक हो सकता है.
- हालांकि, टियर 1 में एकतरफा स्विच का इस्तेमाल कॉर्पस को टैक्स-फ़्री बनाने के लिए किया जा सकता है."
कैपिटल गेन टैक्स लागू है.

परफॉरमेंस की तुलना

इक्विटी पोर्टफ़ोलियो

हमने दो काल्पनिक NPS टियर 2 पोर्टफ़ोलियो बनाए: एग्रेसिव और कंज़र्वेटिव.

एक एग्रेसिव NPS पोर्टफ़ोलियो 'एक्टिव' विकल्प के ज़रिए बनाया गया ताकि हम सीधे इसकी तुलना एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड से कर सकें.

इसी तरह, कंज़र्वेटिव हाइब्रिड फ़ंड के मुक़ाबले एक कंज़र्वेटिव पोर्टफ़ोलियो बनाया गया.

हमने ये नतीजे पाए:

i) NPS टियर 2 के एग्रेसिव पोर्टफ़ोलियो का 'टैक्स से पहले का परफॉरमेंस' लगभग एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड्स के परफॉरमेंस जैसा ही था (1 जनवरी 2018 से 28 अगस्त 2024 तक के डेली 5Y रोलिंग रिटर्न पर आधारित है).

हालांकि, 'टैक्स के बाद के रिटर्न' के मामले में एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड्स साफ़ तौर से आगे हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड्स पर ₹1.25 लाख की छूट से परे 12.5 फ़ीसदी टैक्स लगाया जाता है, जबकि NPS एग्रेसिव स्कीम पर लागू स्लैब रेट के आधार पर टैक्स लगाया जाता है. इसलिए, अगर आपकी कुल इनकम सबसे ज़्यादा टैक्स स्लैब में आती है, तो आपको NPS टियर 2 के मुनाफ़े पर 30 फ़ीसदी का भारी टैक्स देना होगा.

ii) वहीं, NPS कंज़र्वेटिव पोर्टफ़ोलियो ने उसी अवधि में कंज़र्वेटिव हाइब्रिड फ़ंड्स से लगातार बेहतर प्रदर्शन किया. चूंकि दोनों पर एक जैसा टैक्स लगाया जाता है, इसलिए उनके 'टैक्स के बाद के रिटर्न' में कोई अंतर नहीं दिखा.

ये भी पढ़िए - क्या अपने म्यूचुअल फ़ंड इन्वेस्टमेंट को होल्ड करने का कोई बेहतर तरीक़ा भी है?

डेट पोर्टफ़ोलियो

हाइब्रिड और कंज़र्वेटिव स्कीम के डेट पार्ट (debt part) ने निम्नलिखित पहलुओं को उजागर किया:

  • यील्ड टू मैच्योरिटी: NPS और हाइब्रिड स्कीम दोनों का YTM (ब्याज़ पढ़ें) एक ही जैसा है, इसलिए, इसे लेकर हम किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे.
  • अवधि: अवधि, ब्याज़ दर में बदलावों के प्रति बॉन्ड की संवेदनशीलता को मापती है. ज़्यादा अवधि का मतलब है ब्याज़ दरमें बदलावों के प्रति ज़्यादा संवेदनशीलता (अस्थिरता पढ़ें).
    NPS स्कीम C (कॉर्पोरेट बॉन्ड) और G (गवर्नमेंट बॉन्ड) की अवधि (क्रमशः 4.95 और 9.09), एग्रेसिव और कंज़र्वेटिव हाइब्रिड स्कीम (क्रमशः 3.65 और 3.96) की तुलना में ज़्यादा लंबी है. दूसरे शब्दों में, NPS टियर 2 का डेट पार्ट ज़्यादा अस्थिर हो सकता है.
  • क्रेडिट क्वालिटी: ये लगभग एक-जैसी है. इनके डेट पोर्टफ़ोलियो का 90 फ़ीसदी से ज़्यादा हिस्सा, AA+ या इससे ज़्यादा की रेटिंग वाली सिक्योरिटीज़ में है.

हमारी राय

NPS टियर 2 और हाइब्रिड फ़ंड के बीच निर्णय लेते समय आपके निवेश लक्ष्य और जोखिम उठाने की क्षमता महत्वपूर्ण होती है. आइए इसे इक्विटी या डेट फ़ोकस के आधार पर अलग-अलग करें:

इक्विटी-फ़ोकस्ड

  • एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड चुनें, क्योंकि उनके टैक्स के बाद का रिटर्न, NPS एग्रेसिव पोर्टफ़ोलियो के रिटर्न से काफ़ी बेहतर होता है.
  • एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड के मामले में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 12.5 फ़ीसदी टैक्स लगता है, जबकि NPS टियर 2 विड्रॉल पर स्लैब रेट लागू होते हैं, जो संभावित रूप से 30 फ़ीसदी तक हो सकते हैं.

डेट-फ़ोकस्ड

  • NPS कंज़र्वेटिव पोर्टफ़ोलियो चुनें क्योंकि ये कंज़र्वेटिव हाइब्रिड फ़ंड से बेहतर प्रदर्शन करता है.
  • हालांकि, ध्यान रखें कि ज़्यादा अवधि के कारण NPS कंज़र्वेटिव पोर्टफ़ोलियो ज़्यादा अस्थिर रहेगा. इसलिए, आपके निवेश को ज़्यादा अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है.

ज़्यादा ग्रोथ का लक्ष्य लेकर लॉन्ग-टर्म के लिए निवेश करने वाले निवेशकों के लिए, हम फ़्लेक्सी कैप फ़ंड में निवेश करने की सलाह देते हैं. इन फ़ंड में मिड और स्मॉल-कैप स्टॉक सहित सभी मार्केट कैपिटलाइज़ेशन में निवेश करने की सुविधा होती है जो अक्सर लॉन्ग-टर्म में ज़्यादा ग्रोथ क्षमता प्रदान करते हैं.

ये भी पढ़िए - Hybrid Funds: कैसे करें रिबैलेंस?


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