फंड वायर

Market Crash: विदेश में कैसे निवेश करें?

मार्केट की गिरावट के कारणों और विदेश में निवेश करने के विकल्पों पर चर्चा

Market Crash:  विदेश में कैसे निवेश करें?

जापानी येन ने 5 अगस्त 2024 को ग्लोबल फ़ाइनेंशियल मार्केट को हिलाकर रख दिया. जापान के प्रमुख शेयर इंडेक्स में से एक निक्की 225 में 12.4 प्रतिशत की गिरावट आई, जो 1987 के बाद से इसकी सबसे बड़ी गिरावट है. इसका कारण 'येन कैरी ट्रेड' क्राइसिस है.

कई साल से निवेशक 'येन कैरी ट्रेड' रणनीति का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसमें वे जापानी बैंकों से बेहद कम या शून्य ब्याज दर पर पैसे उधार लेते हैं और इसे दूसरे देशों में हाई-यील्ड वाले एसेट में निवेश करते हैं.

निवेश की ये रणनीति तब तक ही क़ारगर रही जब तक येन सस्ती रहा.

लेकिन बैंक ऑफ़ जापान ने ब्याज दरों में 15 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी करने के फ़ैसले ने येन को 5 अगस्त 2024 तक अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले क़रीब 7.5 मज़बूत कर दिया. जापानी करंसी की अचानक मज़बूती ने निवेशकों को अपने ट्रेड बंद करने के लिए मजबूर कर दिया.

दूसरे नुक़सान क्या हुए?

अमेरिकी शेयर मार्केट भी हिल गया है. बेरोज़गारी के बढ़ते आंकड़ों ने मंदी की आशंकाओं को बढ़ा दिया है. इस तरह, 5 अगस्त को नैस्डैक 3 प्रतिशत गिर गया.

हमास नेता की मौत के बाद, ईरान ने इज़रायल से बदला लेने की धमकी के साथ, दुनिया भर के बाज़ारों में अचानक आने वाली लिक्विडिटी में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़िए - Index Fund क्‍या है और ये कैसे काम करता है?

क्या करना चाहिए

अस्थिरता के बावजूद मौजूदा निवेशकों को स्थिर रहना चाहिए और अपने निवेश को बनाए रखना चाहिए.

अपने पोर्टफ़ोलियो का 15-30 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय मार्केट में रखना - नैस्डैक-100 पसंदीदा है - एक आदर्श रणनीति बनी हुई है. ये आपको दुनिया की कुछ सबसे बड़ी कंपनियों से जुड़ने का मौक़ा देता है, जिसमें अल्फ़ाबेट (गूगल), एप्पल, टेस्ला, मेटा (फेसबुक), एनवीडिया, अमेजन और माइक्रोसॉफ़्ट शामिल हैं.

नए निवेशकों के लिए पोर्टफ़ोलियो में डाइवर्सिटी लाने का विकल्प काफ़ी सीमित है. विदेशी ETF में निवेश करने वाले ज़्यादातर भारत-आधारित म्यूचुअल फ़ंड्स के लिए ये विकल्प नहीं है, क्योंकि वे रेग्युलेटर द्वारा $1 बिलियन की निर्धारित सीमा तक पहुंच चुके हैं. हालांकि, मोतीलाल ओसवाल NASDAQ 100 ETF में अवसर का एक मौक़ा है. ये अभी भी नए निवेश स्वीकार कर रहा है और अपने NAV के क़रीब क़ारोबार कर रहा है.

इसके अलावा विदेशों में निवेश के विकल्प

विदेश में निवेश करने वाले घरेलू म्यूचुअल फ़ंड में निवेश: यहां अवसर का एक छोटा सा मौक़ा है, क्योंकि ये फ़ंड $7 बिलियन की इंडस्ट्री लिमिट से नीचे चले गए हैं. नए निवेश स्वीकार करने वाले कुछ फ़ंड्स में मोतीलाल ओसवाल नैस्डैक 100 FOF, ICICI प्रू नैस्डैक 100 इंडेक्स और मोतीलाल ओसवाल S&P 500 इंडेक्स शामिल हैं.

LRS (लिबरलाइज़्ड रेमिटेंस स्कीम) के ज़रिए ETF में निवेश: ये विकल्प किसी भी विदेशी संपत्ति में $250,000 (लगभग ₹2.10 करोड़) तक के वार्षिक निवेश की अनुमति देता है. यहां, आप इंटरएक्टिव ब्रोकर्स या इंडिया INX जैसे प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए सीधे विदेशी ETF में निवेश कर सकते हैं. कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू ब्रोकरों ने मीडिएटर (मध्यस्थ) के तौर पर काम करने और ट्रेड करने के लिए अमेरिकी स्टॉक ब्रोकरों के साथ गठजोड़ किया है.

आप उनके साथ एक विदेशी ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकते हैं. LRS रूट के खिलाफ़ एक बड़ी बात ये है कि ये म्यूचुअल फ़ंड की तुलना में ज़्यादा मुश्किल है. ब्रोकर इस तरीक़े पर कुछ रोक लगाते हैं, जिसमें निवेश के तरीक़ों और ट्रेड की संख्या की सीमा शामिल हैं. इसलिए, LRS का इस्तेमाल केवल तभी करें जब आप इन बाधाओं को दूर कर सकें.

ये भी पढ़िए - शांत रहें और निवेश करें


टॉप पिक

उतार-चढ़ाव वाले मार्केट के लिए बेहतरीन म्यूचुअल फ़ंड

पढ़ने का समय 3 मिनटPranit Mathur

म्यूचुअल फ़ंड पोर्टफ़ोलियो को कैसे गिरावट से सुरक्षित करें?

पढ़ने का समय 2 मिनटवैल्यू रिसर्च

वैल्यू रिसर्च एक्सक्लूसिव: मल्टी-कैप फ़ंड्स पर हमारी पहली रेटिंग जारी!

पढ़ने का समय 4 मिनटआशीष मेनन

चार्ली मंगर की असली पूंजी

पढ़ने का समय 5 मिनटधीरेंद्र कुमार

लंबे समय के निवेश के लिए म्यूचुअल फ़ंड कैसे चुनें?

पढ़ने का समय 2 मिनटरिसर्च डेस्क

म्यूचुअल फंड पॉडकास्ट

updateनए एपिसोड हर शुक्रवार

Invest in NPS

AI तो है, पर AI नहीं

ऑटोमेटेड, मशीन से मिलने वाली फ़ाइनेंस पर सलाह कैसी होनी चाहिए.

दूसरी कैटेगरी