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सेक्टोरल और थीमैटिक फ़ंड्स हर किसी के लिए पैसा बना रहे हैं. क्या यही मौक़ा है हाथ आज़माने का?

इन म्यूचुअल फ़ंड्स ने कुछ सालों में निवेशकों का ध्यान खींचा है

सेक्टोरल और थीमैटिक फ़ंड्स हर किसी के लिए पैसा बना रहे हैं.  क्या यही मौक़ा है हाथ आज़माने का?

Thematic Mutual Funds: 2023 से अब तक लॉन्च हुए, कुल 167 में से 92 यानी आधे से ज़्यादा नए फ़ंड सेक्टोरल और थीमैटिक फ़ंड रहे हैं; निवेशकों ने इन नए लॉन्च में ₹55,000 करोड़ से ज़्यादा का निवेश किया है. आप समझ ही गए होंगे कि ये फ़ंड काफ़ी लोकप्रिय हैं.

ऐसा क्यों है? ये फ़ंड इसलिए नहीं पैसा बरसा रहे हैं क्योंकि ये मौसम मानसून का है, बल्कि इसलिए क्योंकि फ़ंड हाउस को नियमों के मुताबिक़ काम करना पड़ता है. साल 2017 में, मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने निर्देश दिया था कि फ़ंड हाउस हर कैटेगरी केवल एक ही फ़ंड लॉन्च कर सकते हैं (कैटेगरी यानी लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप, फ़्लेक्सी कैप).

हालांकि, थीमैटिक और सेक्टोरल फ़ंड लॉन्च करने के लिए ऐसे कोई सख़्त नियम नहीं थे, जिसका मतलब है कि फ़ंड हाउस एक टूरिज़्म फ़ंड, एक डिफ़ेंस फ़ंड, एक कंज़म्शन फ़ंड वगैरह लॉन्च कर सकते हैं.

नतीजा, सेक्टोरल और थीमैटिक फ़ंड कुकुरमुत्ते की तरह उग रहे हैं. मिसाल के तौर पर: 2018 से अब तक 190 नए सेक्टोरल और थीमैटिक फ़ंड लॉन्च हुए, जिनकी कुल लॉन्च हुए फ़ंड में 40 फ़ीसदी से ज़्यादा हिस्सेदारी है.

सेक्टोरल और थीमैटिक फ़ंड का दमदार प्रदर्शन

ये फ़ंड प्रदर्शन के मोर्चे पर भी अपनी बात पर खरे उतर रहे हैं. उदाहरण के लिए, PSU (सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियां), इंफ़्रास्ट्रक्चर और डिफ़ेंस ने पिछले 12 महीनों में 55 फ़ीसदी से ज़्यादा रिटर्न दिया है, जिससे निवेशक इस सफलता की कहानी में भागीदार बनने के लिए प्रेरित हुए हैं.

साथ ही, इस मार्केट में चौतरफा तेज़ी देखी जा रही है. दूसरे शब्दों में कहें तो देश में हर सेक्टर और थीम ने कोविड के बाद के दौर में अच्छा प्रदर्शन किया है. लेकिन क्या यही ट्रेंड आगे भी जारी रहेगा?

सेक्टोरल और थीमैटिक फ़ंड पटरी से उतर सकते हैं

यही उनकी सबसे बुरी बात है. इन फ़ंड में बहुत ज़्यादा उतार-चढ़ाव हो सकते हैं. नीचे दी गई टेबल आपको यही दिखाएगी.

  • बैंकिंग 2014 में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला सेक्टर था, जिसने 63 फ़ीसदी का मुनाफ़ा कमाया, लेकिन अगले साल ये 7 फ़ीसदी के नुक़सान के साथ सबसे निचले स्तर पर आ गया.
  • इंफ़्रास्ट्रक्चर ने 2017 में सबसे ज़्यादा रिटर्न दिया, लेकिन अगले साल ये नीचे गिर गया.
  • 2021 और 2022 में टेक्नोलॉजी का भी यही हाल हुआ.

आप समझ ही गए होंगे: एक दिन राजा, अगले दिन रंक.

कोई कह सकता है कि PSU 2022 से ही एक दमदार सेक्टर रहा है. लेकिन हम आपको इसके पिछले प्रदर्शन को देखने का सुझाव देंगे. ये कई साल तक औसत के निचले हिस्से में रहा. दूसरे शब्दों में, कुछ साल तक नेगेटिव या घटिया रिटर्न सहने के लिए किसी को ऊंचे रिस्क को लेने की क्षमता और धैर्य की ज़रूरत होती है.

फ़्लेक्सी-कैप: एक बेहतर विकल्प

आप देखेंगे कि फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, अक्सर हीटमैप की एवरेज के ऊपर वाले लेवल पर रहते हैं.

इसके अलावा, फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड निवेशकों के पैसे को विभिन्न क्षेत्रों में फैलाते हैं, जिसमें बैंकिंग (वर्तमान में 27 फ़ीसदी निवेश), टेक्नोलॉजी (13 फ़ीसदी), कंज़्यूमर डिस्क्रेशनली (13 फ़ीसदी), आदि शामिल हैं. इसका मतलब है कि ये फ़ंड किसी ख़ास सेक्टर या थीम के प्रदर्शन पर निर्भर नहीं हैं. नतीजा, वे ग्रोथ के साथ-साथ स्थिरता भी देते हैं.

हमारी राय

फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड जैसे अच्छी तरह से डाइवर्सिफ़ाइड फ़ंड बेहतर विकल्प हैं, क्योंकि सेक्टोरल और थीमैटिक फ़ंड ऐतिहासिक रूप से उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं क्योंकि वे एक सेक्टर या थीम के प्रदर्शन पर निर्भर करते हैं. मल्टी-कैप और लार्ज-कैप फ़ंड डाइवर्सिफ़ाइड म्यूचुअल फ़ंड के दो अन्य उदाहरण हैं. आप अपने रिस्क प्रोफ़ाइल के आधार पर उनमें निवेश का विकल्प चुन सकते हैं.

ये भी पढ़िए - क्या ये सही समय है एनर्जी सेक्टर म्यूचुअल फ़ंड में निवेश का?


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