न्यूज़वायर

Intraday Trading: 10 में से 7 को घाटा, SEBI का ख़ुलासा

हम आपको फ़ाइनेंशियल ईयर 19 और 23 के बीच इंट्राडे ट्रेडर्स के प्रदर्शन से जुड़ी मुख्य बातें बता रहे हैं

Intraday Trading से जुड़ी SEBI की रिपोर्ट में हुए कई बड़े खुलासे

Intraday Trading: क्या आप अपना पैसा गंवाने का सबसे तेज़ तरीक़ा जानना चाहते हैं? इंट्राडे ट्रेडिंग आज़माइए. हाल ही में आई SEBI की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि फ़ाइनेंशियल ईयर 19-23 के बीच 10 में से सात इंट्राडे ट्रेडर्स को घाटा हुआ है. इतना ही नहीं, रिपोर्ट में इंट्राडे ट्रेडिंग से जुड़े कुछ चौंकाने वाले आंकड़े भी बताए गए हैं. यहां इस रिपोर्ट से जुड़ी अहम बातें बताई जा रही हैं.

SEBI की इंट्राडे ट्रेडिंग रिपोर्ट (intraday trading report) की मुख्य बातें

  • इंट्राडे ट्रेडिंग बढ़ रही है: फ़ाइनेंशियल ईयर 19 और फ़ाइनेंशियल ईयर 23 के बीच, इंट्राडे ट्रेडर्स की संख्या में 4.6 गुनी बढ़ोतरी हुई है.
  • ग्रोथ को रफ्तार दे रहे हैं छोटे ट्रेडर: छोटे ट्रेडर्स की फ़ाइनेंशियल ईयर 23 में कुल इंट्राडे ट्रेडर्स में हिस्सेदारी बढ़कर 56 फ़ीसदी हो गई, जबकि फ़ाइनेंशियल ईयर 19 में ये आंकड़ा 27 फ़ीसदी के स्तर पर था. यहां छोटे ट्रेडर्स का मतलब उन लोगों से है जिनका सालाना टर्नओवर ₹50,000 से कम है. हालांकि, ग़ौर करने की बात ये है कि बॉटम के 78 फ़ीसदी ट्रेडर्स, जिनमें सभी छोटे ट्रेडर शामिल हैं, कुल इंट्राडे टर्नओवर में केवल एक फ़ीसदी का योगदान करते हैं.
  • रैली से भी नहीं मिली मदद: बाज़ार में मौजूदा तेजी के बावजूद, इंट्राडे ट्रेडर्स को नुक़सान जारी है. फ़ाइनेंशियल ईयर 23 में केवल 29 फ़ीसदी इंट्राडे ट्रेडर्स ने मुनाफ़ा कमाया, जो फ़ाइनेंशियल ईयर 19 में 35 फ़ीसदी से कम था.

बाज़ार में, हर नुक़सान के साथ, किसी एक को फ़ायदा भी होता है. तो, ट्रेडर्स की इस आमद से किसे फ़ायदा हो रहा है? किसी और को नहीं, सरकार और एक्सचेंजों को. इंट्राडे ट्रेडर्स को हुए नुक़सान में ट्रेडिंग कॉस्ट की हिस्सेदारी 57 फ़ीसदी रही.

वास्तव में, ट्रेडिंग कॉस्ट के चलते इंट्राडे में प्रॉफ़िट बनाने वालों की कमाई भी कम हो गई. कुल मिलाकर, फ़ाइनेंशियल ईयर 19-23 के बीच इंट्राडे ट्रेडर्स को हुए कुल फ़ायदे में ट्रेडिंग कॉस्ट की हिस्सेदारी लगभग 19 फ़ीसदी थी. ट्रेडर्स को 15 फ़ीसदी शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (जो अब 20 फ़ीसदी) भी देना पड़ता था. अब यदि उनके टैक्स के बाद के मुनाफ़े पर ग़ौर करें तो ये उनके ट्रेडिंग में भाग लेने को उचित ठहराने के लिहाज से बहुत कम हैं.

ये भी पढ़िए- एक दमदार एग्रेसिव ग्रोथ फ़ंड कैसे चुनें?

लंबे समय के निवेशक इससे क्या सीख सकते हैं

SEBI की रिपोर्ट इस बात पर जोर देती है कि कैसे सट्टेबाजी घाटे का रास्ता खोलती है. साथ ही, अगर आपको लगता है कि अनुभव के साथ आपको ट्रेडिंग में सफल होने में मदद मिल सकती है, तो इस बात पर फिर से विचार करें. नियमित रूप से ट्रेड करने वाले करीब 54 फ़ीसदी यानी तीन साल या उससे ज़्यादा की ट्रेडिंग हिस्ट्री वाले लोगों को फ़ाइनेंशियल ईयर 23 में घाटा हुआ. इसके अलावा, 60 साल से ज़्यादा उम्र के 53 फ़ीसदी ट्रेडर्स को घाटा हुआ.

इसलिए, इक्विटी मार्केट में सफलता पाने का सीक्रेट मंत्र वही है: लंबी अवधि के लिए आगे बढ़ें. एक बुनियादी रूप से मज़बूत कंपनी खोजें और हर मुश्किल समय में उसे बनाए रखें.

लेकिन बड़ी संख्या में मौजूद लिस्टेड कंपनियों में से सही निवेश का विकल्प तलाश करना मुश्किल हो सकता है. यहीं पर वैल्यू रिसर्च स्टॉक एडवाइजर की अहमियत सामने आती है.

हमारे विशेषज्ञ हमेशा बुनियादी रूप से मजबूत कंपनियों की तलाश में रहते हैं जो अनावश्यक जोखिम उठाए बिना आपकी वेल्थ को बढ़ाने में आपकी मदद कर सकती हैं. हमारी सर्विस समग्र एनालिसिस से लेकर मौजूदा रिकमंडेशन तक व्यापक निवेश गाइडेंस देती है, जिससे आप सोचे समझे फैसले सकते हैं और अपने पोर्टफ़ोलियो को प्रभावी ढंग से बढ़ा सकते हैं.

अगर आप हमारी सेवा की सदस्यता लेते हैं तो आपको ये मिलेगा

  • गेट स्टार्टेड: आपके निवेश पोर्टफ़ोलियो को शुरू करने के लिए सबसे आकर्षक वैल्यूएशन वाले 10 स्टॉक.
  • विशेष जानकारियां: कई नगीनों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें और समझें कि इन्हें आपके पोर्टफ़ोलियो में शामिल क्यों होना चाहिए.
  • समय पर रिकमंडेशन: हमारे एनालिस्ट लगातार नए अवसरों की तलाश करते हैं और ये सुनिश्चित करते हैं कि आपको सबसे बेहतर रिकमंडेशन मिलें.
  • डाइवर्सिफ़ाइड स्टॉक रिकमंडेशन: हमने विभिन्न सेक्टर्स और मार्केट कैप में 50 से अधिक स्टॉक खोजे हैं जिनमें वेल्थ तैयार करने की व्यापक क्षमताएं हैं.

आज ही वैल्यू रिसर्च स्टॉक एडवाइजर को सब्सक्राइब करें और सावधानी के साथ परखी गईं स्टॉक रिकमंडेशन की क्षमता को अनलॉक करें.

ये भी पढ़िए- F&O ट्रेडिंग: एक तो करेला ऊपर से नीम चढ़ा

अभी सब्सक्राइब करें

टॉप पिक

₹12 लाख 3-4 साल के लिए कहां निवेश कर सकते हैं?

पढ़ने का समय 1 मिनटवैल्यू रिसर्च

आसान सवालों के मुश्किल जवाब

पढ़ने का समय 2 मिनटधीरेंद्र कुमार

आपको कितने फ़ंड्स में निवेश करना चाहिए?

पढ़ने का समय 2 मिनटवैल्यू रिसर्च

मार्केट में गिरावट से पैसा बनाने का ग़लत तरीक़ा

पढ़ने का समय 2 मिनटधीरेंद्र कुमार

म्यूचुअल फ़ंड, ऑटो-पायलट और एयर क्रैश

पढ़ने का समय 4 मिनटधीरेंद्र कुमार

स्टॉक पॉडकास्ट

updateनए एपिसोड हर शुक्रवार

Invest in NPS

बहुत छोटे IPO में बहुत बड़ी चेतावनी के संकेत

SME vs TUTE: निवेशकों को सिर्फ़ रिस्क लेने में और SME IPO से होने वाली बर्बादी के बीच का फ़र्क़ पता होना चाहिए.

दूसरी कैटेगरी