AI-generated image
टाटा म्यूचुअल फ़ंड ने 8 जुलाई को टाटा निफ़्टी इंडिया टूरिज्म इंडेक्स फ़ंड (Tata Nifty India Tourism Index Fund) लॉन्च किया, जो पूरी तरह से ट्रैवल एंड टूरिज्म कंपनियों पर फ़ोकस करने वाला पहला फ़ंड है. भारत में टूरिज्म की ग्रोथ को भुनाने के उद्देश्य से बनाया गया ये फ़ंड 19 जुलाई 2024 तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रहेगा.
NFO के बारे में
फ़ंड का नाम | टाटा निफ़्टी इंडिया टूरिज्म इंडेक्स फ़ंड |
SEBI कैटेगरी | इंडेक्स फ़ंड |
NFO पीरियड | 8 जुलाई से 19 जुलाई, 2024 |
निवेश का उद्देश्य | निफ़्टी इंडिया टूरिज्म (TRI) के अनुरूप रिटर्न प्राप्त करना (ट्रैकिंग एरर के अधीन) |
फ़ंड कहां निवेश करेगा? | निफ़्टी इंडिया टूरिज्म में कम से कम 95 फ़ीसदी निवेश |
बेंचमार्क | निफ़्टी इंडिया टूरिज्म |
फ़ंड मैनेजर | कपिल मेनन |
एग्ज़िट लोड | ज़ीरो |
टैक्स | अगर यूनिट्स एक साल के अंदर बेची जाती हैं तो ₹1 लाख से ज़्यादा के मुनाफ़े पर 15% टैक्स लगेगा. अगर यूनिट्स एक साल बाद बेची जाती हैं तो ₹1 लाख से ज़्यादा के मुनाफ़े पर 10% टैक्स लगेगा. |
फ़ंड और ट्रैकिंग इंडेक्स के बारे में जानकारी
-
टाटा निफ़्टी इंडिया टूरिज्म इंडेक्स फ़ंड
एक इंडेक्स फ़ंड है, जिसका मतलब है कि ये निफ़्टी इंडिया टूरिज्म इंडेक्स की लिस्टेड कंपनियों में उसी वेट के हिसाब से निवेश करेगा. यानी, अगर कंपनी A का टूरिज्म इंडेक्स में 5 फ़ीसदी एलोकेशन है, तो टाटा फ़ंड भी निवेशकों के पैसे को इसी एलोकेशन के साथ कंपनी A में निवेश करने की कोशिश करेगा.
-
टूरिज्म इंडेक्स में निफ़्टी 500 में लिस्टेड 30 ट्रैवल एंड टूरिज्म कंपनियां शामिल हैं.
-
निफ़्टी इंडिया टूरिज्म के कॉन्स्टीटूएंट्स का अधिकतम वेट 20 फ़ीसदी है. साफ़ शब्दों में कहें तो इंडेक्स में लिस्टेड किसी भी कंपनी का 20 फ़ीसदी से ज़्यादा वेट या हिस्सा नहीं हो सकता.
- आख़िरी लेकिन ज़रूरी बात, इंडेक्स साल में दो बार कंपनियों को री-एवैल्युएट करेगा. इंडेक्स को हर छह महीने में हरेक कंपनी के मौजूदा फ़्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइज़ेशन के आधार पर फिर से री-शेप किया जाता है.
टाटा ने टूरिज्म फ़ंड क्यों लॉन्च किया?
ये इस साल लॉन्च किया गया 55वां सेक्टोरल/थीमैटिक फ़ंड है. इतने ज़्यादा फ़ंड लॉन्च होने की बड़ी वजह ये है कि फ़ंड हाउस अब अनलिमिटेड सेक्टोरल/थीमैटिक फ़ंड लॉन्च कर सकते हैं, जबकि एक्टिव फ़ंड के मामले में वे एक कैटेगरी में सिर्फ़ एक ही फ़ंड लॉन्च कर सकते हैं.
दूसरा, भारत की ट्रैवल एंड टूरिज्म इंडस्ट्री तेज़ी से आगे बढ़ रही है. वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म काउंसिल (World Travel and Tourism Council) के अनुसार, FY2023 में इस सेक्टर ने अर्थव्यवस्था में $199.3 बिलियन का योगदान दिया और इसमें 2030 तक सालाना 7 से 9 फ़ीसदी की दर से ग्रोथ होने की उम्मीद है.
निम्नलिखित कारणों से इस इंडस्ट्री में रेवेन्यू ग्रोथ की संभावना ज़्यादा है:
-
बढ़ती डिस्पोजेबल इनकम
-
लोगों द्वारा ज़्यादा ट्रैवल करना
-
छुट्टियों में ट्रैवल पर ज़्यादा ख़र्च
-
रोड और रेल इंफ़्रास्ट्रक्चर में सुधार
-
युवा आबादी (ज़्यादातर 20 से 45 साल की उम्र)
- बेहतर इंटरनेट सुविधा
ये भी पढ़िए- टेंशन फ़्री होकर बड़ी पूंजी बनाना चाहते हैं, तो इस म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करें
जोख़िम की संभावना
टूरिज्म इंडेक्स बहुत ज़्यादा कॉन्सेंट्रेटेड है. वैसे तो टूरिज्म इंडेक्स का लक्ष्य ब्रॉड मार्केट का प्रतिनिधित्व करना है, पर इस समय इसमें सिर्फ़ 17 कंपनियां शामिल हैं, जिनमें से टॉप 5 कंपनियां इंडेक्स का 73 फ़ीसदी हिस्सा बनाती हैं.
इसमें जोख़िम क्यों है? एक बहुत ज़्यादा कॉन्सेंट्रेटेड इंडेक्स (जैसे टूरिज्म इंडेक्स) किसी डाइवर्स फ़ंड की तुलना में ज़्यादा अस्थिर और जोख़िम भरा होता है क्योंकि ये सिर्फ़ कुछ ही कंपनियों के प्रदर्शन पर निर्भर रहता है.
इंडेक्स के लॉन्ग-टर्म प्रदर्शन के बारे में लिखने के लिए अभी हमारे पास ज़्यादा कुछ नहीं है. अगर पिछले 18 महीनों को हटा दें, तो ये सेक्टर आम तौर पर 5 साल के रोलिंग रिटर्न के आधार पर भारत के ब्रॉड इक्विटी मार्केट (निफ़्टी 500) से पीछे रहा है (नोट: टूरिज्म इंडेक्स का डेटा बैक-टेस्ट किया गया है, क्योंकि ये एक नया इंडेक्स है).
क्या आपको निवेश करना चाहिए?
जैसा कि हमने पहले बताया, ये इंडेक्स बहुत ज़्यादा कॉन्सेंट्रेटेड यानि जोख़िम भरा है और आमतौर पर प्रदर्शन के मोर्चे पर कमज़ोर रहा है.
इसके बजाय, आपको मल्टी-कैप और फ़्लेक्सी-कैप जैसे डाइवर्स इक्विटी फ़ंड्स में निवेश के बारे में सोचना चाहिए (हमारी चुनी हुई लिस्ट यहां देखें) क्योंकि वे ट्रैवल एंड टूरिज्म कंपनियों में भी निवेश करते हैं.
लेकिन अगर आप भारत के इस पहले ट्रैवल एंड टूरिज्म फ़ंड में निवेश करना ही चाहते हैं, तो हमारा सुझाव है कि आप अपने पैसे का केवल एक छोटा सा हिस्सा ही इसमें निवेश करें.
ये भी पढ़िए- NFO में निवेश से पहले खुद से पूछें ये 3 सवाल