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शेयर मार्केट में बड़ी गिरावट. अब क्या हो आपकी निवेश की स्ट्रैटजी?

General Election: हमारा डेटा बाज़ार के हाहाकार से उबरने आपको मदद कर सकता है

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आम चुनाव के नतीजे (4 जून 2024) जारी होने के साथ शेयर मार्केट में भारी गिरावट देखने को मिली. ये स्टोरी लिखे जाते समय, निवेशकों ने एक ही दिन में ₹20 लाख करोड़ से ज़्यादा गंवा दिए हैं. असल में, चुनाव के नतीजों के साथ निवेशक ख़ासे डरे हुए हैं. ऐसे समय में, हम निवेशकों के लिए घबरा जाना और अपने इक्विटी निवेश को बेचना स्वाभाविक है.

हालांकि, इस तरह की घबराहट भरी प्रतिक्रियाएं आपकी वेल्थ के लिए भी नुक़सानदेह हैं.

ऐसा क्यों हुआ : अगर आप यहां दी गई टेबल को देखें, तो पाएंगे कि हम 2008 से अब तक छह ऐसे दिन देख चुके हैं, जब सेंसेक्स 6 फ़ीसदी या उससे ज़्यादा गिरा है. लेकिन ग़ौर कीजिए कि बाज़ार अंततः संभल ही जाता है. कुछ मामलों में, बाज़ारों ने मात्र तीन क़ारोबारी दिनों में 13 फ़ीसदी के नुक़सान की भरपाई कर ली थी, जैसा मार्च 2020 में हुआ था.

भले ही सेंसेक्स को 11 नवंबर 2008 को हुए 7 फ़ीसदी के नुक़सान से उबरने में 148 दिन लगे, लेकिन इसने तीन और पांच साल के दौरान क्रमशः 20 और 16 फ़ीसदी का रिटर्न देते हुए शानदार वापसी की थी.

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इसके अलावा, अन्य दो मौक़ों पर जब सेंसेक्स 6 फ़ीसदी से ज़्यादा गिरा, तो अगले पांच साल में इसने कम से कम 17 फ़ीसदी का रिटर्न दिया. दूसरे शब्दों में, अगर आप बाज़ार से बाहर नहीं निकलते, तो आपका पैसा पांच साल में दोगुना से ज़्यादा हो जाता.

सेंसेक्स में एक दिन की भारी गिरावट का लंबे समय के रिटर्न पर नहीं होता ख़ास असर

तारीख़ सेंसेक्स का रिटर्न रिकवरी में लगे दिन 3 साल का रिटर्न 5 साल का रिटर्न
24 अक्तूबर 08 -11% 7 दिन 25% 19%
11 नवंबर 08 -7% 148 दिन 20% 16%
07 जनवरी 09 -7% 85 दिन 18% 17%
12 मार्च 20 -8% 112 दिन 22% -
16 मार्च 20 -8% 79 दिन 22% -
23 मार्च 20 -13% 3 दिन 31% -

मार्केट की इस गिरावट में आपको क्या करना चाहिए

डेटा से पता चलता है कि आपको बाज़ार में दिन भर के उतार-चढ़ाव से घबराना नहीं चाहिए. फिलहाल, इक्विटी बाज़ारों से जुड़ी कम समय की अस्थिरता को भूल जाइए; लंबे समय में, वे आम तौर पर आपके पैसे को बढ़ने में मदद करते हैं.

तो, बस शांत रहें और निवेश को जारी रखिए.

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