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स्मॉल फ़ाइनेंस बैंक में FD और डेट फ़ंड में ज़्यादा सुरक्षित क्या है? डेट फ़ंड अतिरिक्त फ़ायदे क्या हैं? - धनक सबस्क्राइबर
दोनों ही विकल्प काफ़ी हद तक सुरक्षित हैं, लेकिन डाइवर्सिफ़िकेशन के लिहाज़ से डेट म्यूचुअल फ़ंड को ज़्यादा सुरक्षित मान सकते हैं. इसका मतलब ये नहीं है कि स्मॉल फ़ाइनेंस बैंक में डिपॉज़िट रिस्की है. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) इन बैंकों की अपनी कड़ी नज़र रखता है. इसके अलावा, उन्हें लाइसेंस तभी दिया जाता है जब ये सुरक्षा मायनों पर ख़रे उतरते हैं.
इसी के साथ, स्मॉल फ़ाइनेंस बैंक में जमा रक़म को आमतौर पर डिपॉज़िट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) द्वारा ₹5 लाख तक का बीमा किया जाता है, जिससे इनके साथ एक अतिरिक्त सुरक्षा जुड़ जाती है.
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डेट फ़ंड्स के फ़ायदे
- डाइवर्सिफ़िकेशन: मान लीजिए, आप डेट फ़ंड में ₹5 लाख निवेश करते हैं तो आपका निवेश क़रीब 50 अलग-अलग डेट इंस्ट्रूमेंट में फैल जाता है. अगर इनमें से किसी एक इंस्ट्रूमेंट में भी डिफॉल्ट हो जाता है, तो इसका असर कुल पोर्टफ़ोलियो के एक छोटे से हिस्से में यानी करीब 3-4 फ़ीसदी पर ही पड़ेगा.
- टैक्स के फ़ायदे: डेट म्यूचुअल फ़ंड टैक्स देनदारी को टालने में मदद कर सकते हैं. म्यूचुअल फ़ंड में निवेश बेचेने पर टैक्स दिया जाता है. जबकि, फ़िक्स्ड डिपॉज़िट (FD) में हर साल अर्जित ब्याज़ पर टैक्स लगता है.
- लिक्विडिटी: FD के मुक़ाबले डेट म्यूचुअल फ़ंड में ज़्यादा लिक्विडिटी की सुविधा मिलती है. इसमें निश्चित समय पैसा जमा करने की ज़रूरत नहीं होती. इसमें आप जब चाहे तब निवेश की रक़म निकाल सकते हैं. इसके लिए आपको कोई पेनल्टी नहीं देनी होती है.
हालांकि, डेट म्यूचुअल फ़ंड गारंटीड रिटर्न नहीं देते हैं. लेकिन FD में गारंटीड रिटर्न मिलता है.
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