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लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आ जाएंगे. इसके बाद बाज़ार में कितना उतार-चढ़ाव आ सकता है? ऐसे में निवेशकों के लिए सही स्ट्रैटजी क्या हो सकती है - धनक सब्सक्राइबर
बाज़ार का माहौल काफ़ी हद तक इस बात पर निर्भर करेगा कि चुनावी नतीजे ( General Elections 2024 result) ज़्यादातर निवेशकों की उम्मीद के हिसाब से आते हैं या नहीं.
माना जाता है कि शॉर्ट-टर्म में बाज़ार बेहद उतार-चढ़ाव भरा होता है और इसका अनुमान लगाना मुश्किल है. हालांकि, ये उतार-चढ़ाव आम तौर पर लॉन्ग-टर्म में कम हो जाता है. उदाहरण के तौर पर, सेंसेक्स में सिर्फ़ एक दिन के लिए निवेश करने पर पिछले 10 साल में 46 फ़ीसदी समय नकारात्मक रिटर्न देखने को मिला. वहीं, जब निवेश का समय पांच साल तक बढ़ाने पर वही रेशियो नकारात्मक रिटर्न की स्थिति घटकर 0.5 फ़ीसदी से कम रह जाती है.
चुनावी नतीजों के साथ भी ऐसा ही पैटर्न उभर कर सामने आता है. उदाहरण के लिए, 2004 के चुनावी नतीजों के तुरंत बाद बाज़ार में गिरावट रही. लेकिन जैसे-जैसे समय बीता (छह महीने से पांच साल तक), इसमें तेज़ी देखने को मिली.
इस बात के मायने
इस तरह के तमाम अनुमान और अटकलों के साथ हर पांच साल में General elections होंगे. आपको इस तरह के शोर को नज़रअंदाज करना चाहिए और भारत की बढ़ती ग्रोथ पर भरोसा करना चाहिए. यहां हम उस स्ट्रैटजी के बारे में बता रहे हैं, जिसे आप फ़ॉलो कर सकते हैं:
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इक्विटी में केवल (पांच साल से ज़्यादा समय) यानी लॉन्ग-टर्म के लिए निवेश करें.
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अपने निवेश प्लान पर कायम रहें और चुनाव या किसी अन्य घटना जैसे शॉर्ट-टर्म मार्केट में उतार-चढ़ाव के कारण इसमें बदलाव न करें.
- बाज़ार का टाइम करने (अनुमान लगाने) या ऑपर्च्यूनिटीज़ पर दांव लगाने की कोशिश न करें.
पिछले कुछ साल के चुनावी नतीजों के बाद सेंसेक्स का प्रदर्शन?
सेंसेक्स का रिटर्न (% में)
चुनावी नतीजे की तारीख़ | 1 दिन में | 1 महीने में | 3 महीने में | 6 महीने में | 1 साल में | 5 साल में |
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06/10/1999 | 6% | -2% | 15% | 4% | -13% | 4% |
13/05/2004 | -6% | -10% | -5% | 10% | 19% | 17% |
15/05/2009 | 17% | 22% | 27% | 38% | 40% | 14% |
16/05/2014 | 1% | 4% | 8% | 16% | 13% | 9% |
23/05/2019 | 2% | 1% | -5% | 4% | -21% | 14% |
सालाना रिटर्न के आधार पर. |
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