स्टॉक वायर

ज्वैलरी बेचने वाली ये कंपनी क्या अपनी क़िस्मत बदल सकती है?

हाल के वर्षों में ढीलेढाले प्रदर्शन के बावजूद, ज्वैलरी बेचने वाली ये कंपनी आशावादी है

vaibhav global share price: क्या इस ज्वैलरी स्टॉक में है कमाई का मौक़ा?AI-generated image

back back back
5:26

पिछले 12 महीनों में सोने की क़ीमत में 20 फ़ीसदी की अच्छी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसके चलते, कई पारंपरिक ज्वैलरी कंपनियों के शेयरों में उछाल आया है. हालांकि, सभी की क़िस्मत ऐसी नहीं रही है.

उदाहरण के लिए वैभव ग्लोबल को ही लें. विजय केडिया और आशीष कचोलिया जैसे दिग्गज निवेशकों के निवेश के बावजूद, पिछले 10 साल में इस कंपनी का रिटर्न बाक़ी मार्केट से पीछे रहा है.

नहीं दिख रही वैभव ग्लोबल में चमक

बड़ी ज्वैलरी कंपनियों के छह महीने के रिटर्न की तुलना

नाम 6 महीने का रिटर्न (%)
कल्याण ज्वैलर्स इंडिया 22
टाइटन 1
PC ज्वैलर्स 66
वैभव ग्लोबल -12
SBI गोल्ड ETF 21
*10 मई 2024 तक रिटर्न की गणना की गई है

इसी बात ने हमारा ध्यान खींचा और हमें इसके प्रदर्शन इतिहास में गहराई से उतरने के लिए प्रेरित किया. लेकिन पहले, समझते हैं कि वैभव ग्लोबल क्या करती है?

पहले, वैभव जेम्स के नाम से जानी जाने वाली, वैभव ग्लोबल एक बहुराष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक रिटेलर, फ़ैशन ज्वैलरी और लाइफ़स्टाइल एक्सेसरीज़ की मैन्युफैक्चरर है. ये अपने उत्पादों को अमेरिका में अपने होम शॉपिंग चैनल्स, शॉप LC और यूनाइटेड किंगडम में TJC के ज़रिए बेचती है.

शुरुआती सुस्ती और रिकवरी

एक समय पारंपरिक ज्वेलरी रिटेलर रही वैभव ग्लोबल ने 2008 के फ़ाइनेंशियल क्राइसिस के दौरान अपने क़ारोबार में भारी गिरावट देखी. वर्ष 2008 से लेकर अब तक सिर्फ़ दो सालों में इसका रेवेन्यू सालाना 33 फ़ीसदी कम हुआ.

इस गिरावट को देखते हुए कंपनी ने अपना ध्यान आर्टिफ़िशियल ज्वैलरी की ओर केंद्रित किया. इसने अमेरिका और ब्रिटेन के प्रीमियम बाज़ारों में 20 से 30 डॉलर की क़ीमत पर डिस्काउंटेड आर्टिफ़िशियल ज्वैलरी (भारत और चीन में निर्मित) बेचना शुरू किया. ये रणनीतिक बदलाव सफल साबित हुआ और कंपनी ने 2010 से 2014 तक अपने रेवेन्यू में सालाना 40 फ़ीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की.

वैभव ग्लोबल ने टीवी चैनलों की ताक़त का इस्तेमाल करके अपनी बिक्री की रणनीति को भी बेहतर बनाया, कंपनी ने लोकप्रिय होस्ट और आकर्षक कंटेंट पेश करके अपने दर्शकों का ध्यान खींचा, जिससे दिसंबर 2023 में ख़त्म होने वाले नौ महीनों के दौरान रेवेन्यू में टीवी की बिक्री की 61 फ़ीसदी हिस्सेदारी के साथ ये सबसे बड़ा रेवेन्यू सेगमेंट बन गई.

ये भी पढ़िए - मोतीलाल ओसवाल फ़ाइनेंशियल सर्विसेज़ के को-फ़ाउंडर की तरह निवेश कैसे करें

स्थिर प्रदर्शन का दौर

हालांकि, 2010-14 के बीच शुरुआती सफलता एक ठहराव की स्थिति में आ गई. वित्त वर्ष 2014 से कंपनी ने रेवेन्यू में केवल 8 फ़ीसदी की बढ़ोतरी और पिछले नौ साल में प्रॉफ़िट आफ़्टर टैक्स (PAT) में 4 फ़ीसदी की वार्षिक गिरावट दर्ज की.

कई कारणों ने इसकी ग्रोथ में रुकावट का काम किया है:

  • प्रतिस्पर्धा को कम आंकना: वैभव ग्लोबल का लक्ष्य कम क़ीमतों और वर्टिकल इंटीग्रेशन के साथ QVC और HSN जैसे उद्योग के प्रमुख खिलाड़ियों को पीछे छोड़ना था. हालांकि, इन प्रतिस्पर्धियों ने अप्रत्याशित छूट और आकर्षक पेमेंट प्लान के साथ वापसी की. QVC द्वारा HSN को 4.2 अरब डॉलर में ख़रीदने से वीडियो कॉमर्स में उसकी स्थिति मज़बूत हुई है.
  • इंडस्ट्री के स्वरूप में बदलाव: लिक्टमेन रिसर्च (Liechtmen Research) द्वारा किए गए एक अध्ययन में पे-टीवी मीडिया के लिए सब्सक्रिप्शन में गिरावट के ट्रेंड की ओर इशारा किया गया है. पारंपरिक टीवी सब्सक्रिप्शन में ये गिरावट और अमेज़न जैसे ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफ़ॉर्म के लिए बढ़ते रुझान परेशान करने वाले हैं क्योंकि कंपनी अभी भी अपने रेवेन्यू के मुख्य स्रोत के रूप में टीवी पर निर्भर है.

ग्रोथ की रणनीतियां

सपाट प्रदर्शन से निपटने और बदलते बाज़ार के अनुकूल ढलने के लिए, वैभव ग्लोबल ने कई रणनीतियां अपनाई हैं:

  • भौगोलिक विस्तार: इसने जर्मनी सहित नए बाज़ारों में विस्तार किया है और जापान के बाज़ार मे उतने की योजना बना रही है. इस रणनीति के चलते वित्त-वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में इसके टॉपलाइन में 23 फ़ीसदी की वृद्धि हुई है.
  • प्रोडक्ट डाइवर्सिफ़िकेशन: वैभव ग्लोबल ने लाइफ़स्टाइल प्रोडक्ट पेश किए हैं और थर्ड पार्टी कंपनियों के साथ भागीदारी क़ायम की है. हालांकि, कंपनी पूरी तरह से थर्ड पार्टी की पेशकशों पर निर्भर नहीं रहना चाहती है, इसलिए उसने ऐसी कंपनियों से रेवेन्यू में योगदान को 20-30 फ़ीसदी तक सीमित कर दिया है.

निष्कर्ष

ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए कंपनी की पहल आशाजनक है. फ़ाइनेंशियल ईयर 24 के लिए 13-15 फ़ीसदी और फ़ाइनेंशियल ईयर 25 के लिए रेवेन्यू में इससे भी ज़्यादा ग्रोथ के अनुमान के साथ प्रबंधन आशावादी लगता है. हालांकि, इसका पिछला सपाट प्रदर्शन इस आशावादी अनुमान के अनुरूप नहीं है. इसके अलावा, ग्रोथ के सामने आने वाली चुनौतियों को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा, वैल्यूएशन भी चिंता का विषय है. ये वर्तमान में 48.5 के ऊंचे P/E पर क़ारोबार कर रही है.

निवेशकों को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. बाज़ार में मजबूत फ़ंडामेंटल और ज़्यादा अच्छी ग्रोथ की संभावनाओं वाले तमाम अवसर मौजूद हैं.

ये भी पढ़िए - Stock Update: ऊंचे वैल्यूएशन के बावजूद आप इस केमिकल कंपनी से फ़ायदा उठा सकते हैं


टॉप पिक

उतार-चढ़ाव वाले मार्केट के लिए बेहतरीन म्यूचुअल फ़ंड

पढ़ने का समय 3 मिनटPranit Mathur

म्यूचुअल फ़ंड पोर्टफ़ोलियो को कैसे गिरावट से सुरक्षित करें?

पढ़ने का समय 2 मिनटवैल्यू रिसर्च

वैल्यू रिसर्च एक्सक्लूसिव: मल्टी-कैप फ़ंड्स पर हमारी पहली रेटिंग जारी!

पढ़ने का समय 4 मिनटआशीष मेनन

चार्ली मंगर की असली पूंजी

पढ़ने का समय 5 मिनटधीरेंद्र कुमार

लंबे समय के निवेश के लिए म्यूचुअल फ़ंड कैसे चुनें?

पढ़ने का समय 2 मिनटरिसर्च डेस्क

दूसरी कैटेगरी