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ये फ़ार्मा स्टॉक 1 साल में 2 गुना हुआ! अब भी निवेश का मौक़ा है?

आइए एक आकर्षक स्मॉल-कैप फ़ार्मास्युटिकल कंपनी के शेयर में तेज़ी के कारण पता करते हैं

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भारत की फ़ार्मास्युटिकल इंडस्ट्री ने पिछले कुछ साल में बाज़ार को कई बड़े वेल्थ क्रिएटर दिए हैं. एक छोटी-सी फ़ार्मा कंपनी गुजरात थेमिस बायोसिन (Gujarat Themis Biosyn) इस शानदार लिस्ट में एक नया नाम बनने के रास्त पर है.

पिछले पांच साल में, इस शेयर ने एक दमदार फ़ाइनेंशियल ग्रोथ देखी है, जिसके रेवेन्यू और प्रॉफ़िट आफ़्टर टैक्स में क्रमशः 31 और 62 फ़ीसदी की सालाना ग्रोथ दर्ज की गई है. इसके अलावा, साल 2020 (FY) में इसका ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट मार्जिन 21 फ़ीसदी से ज़्यादा रहा और स्थिर रहा. ये बेहतरीन प्रदर्शन किसी की नज़र से बचा नहीं. पिछले 12 महीनों में (18 मई, 2024 तक) इसके शेयर की क़ीमत में 159 फ़ीसदी की तेज़ी रही.

इस तरह की बड़ी तेज़ी आगे की जांच की मांग करती है. तो, आइए गुजरात थेमिस की ग्रोथ मशीन को रफ़्तार देने वाले कारणों पर ग़ौर करते हैं.

एक शानदार सफर

फ़ाइनेंशियल ईयर 19 के बाद कंपनी के रेवेन्यू में लगभग चार गुनी बढ़ोतरी देखने को मिली है

TTM FY23 FY22 FY21 FY20 FY19
रेवेन्यू (करोड़ ₹) 156 149 115 91 85 41
ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट (करोड़ ₹) 70 72 56 39 30 6
CFO (करोड़ ₹) 57 40 40 11 1 1
प्रॉफ़िट आफ्टर टैक्स (करोड़ ₹) 55 58 44 30 24 6
EBIT मार्जिन (%) 44.6 48.1 48.6 42.6 35.8 15
ROE (%) 33.6 45.9 50.4 53.8 78 41.8
D/E 0 0 0 0 0.2 0.3
नोट: दिसंबर 2023 तक का TTM

गुजरात थेमिस की सफलता के पीछे की कहानी

गुजरात थेमिस बायोसिन फर्मेंटेशन टेक्नोलॉजी (fermentation technology) में माहिर है. इसके प्रमुख प्रोडक्ट्स में रिफ़ामाइसिन एस (Rifamycin S) और रिफामाइसिन ओ (Rifamycin O) शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल टीबी और डायरिया के इलाज में किया जाता है. शुरुआत में, ये तयशुदा प्रॉफ़िट मार्जिन के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफ़ैक्चरर के रूप में काम करती थी. हालांकि, जब कंपनी के मैनेजमेंट ने घरेलू बाज़ार में मौजूद संभावनाओं को देखा और बड़े फ़ार्मा ग्राहकों को सीधे बेचना शुरू किया, तो इसकी वित्तीय स्थिति बेहतर हो गई. इस रणनीति का उसे फ़ायदा मिला, जिससे रेवेन्यू और प्रॉफ़िट मार्जिन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जो फ़ाइनेंशियल ईयर 20 से लगातार ऊंची बनी हुई है.

मुनाफ़े में इस वृद्धि ने निश्चित रूप से बाज़ार को आकर्षित किया है. लेकिन, दलाल स्ट्रीट इस पर उसके पिछले प्रदर्शन से कहीं ज़्यादा दांव लगा रहा है.

आगे की योजना

अपनी मज़बूत वित्तीय स्थिति को बनाए रखने के लिए, गुजरात थेमिस ने अपने मौजूदा प्रोडक्ट्स और API के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ₹200 करोड़ के कैपिटल एक्सपेंडिचर की योजना बनाई है. नई API फ़ैसिलिटी से लगभग ₹160 करोड़ का रेवेन्यू होने की उम्मीद के साथ, इसका लक्ष्य साल (FY) 2025 के अंत तक अपनी उत्पादन क्षमता को दोगुना करना है. ₹160 करोड़ का ये रेवेन्यू दिसंबर 2023 तक के TTM (पिछले बारह महीने) रेवेन्यू से थोड़ा ज़्यादा है.

लेकिन निवेश करने की जल्दी करने से पहले, जान लें कि कुछ ऐसी चिंताएं हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है.

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आगे की चुनौतियां

वर्तमान में, गुजरात थेमिस पूरी क्षमता से काम कर रही है और इसके विस्तार में समय लगेगा. उदाहरण के लिए, दिसंबर 2023 में लॉन्च की गई इसकी नई API इकाई, कई ऑडिट और अनुमोदन के बाद FY25 की दूसरी छमाही में ही कमर्शियल ऑपरेशन शुरू करेगी. इसके अलावा, R&D लैब स्थापित करना और नए उत्पाद लॉन्च करना एक लंबी प्रक्रिया है जिसमें दो से तीन साल तक का समय लग सकता है.

एक और चुनौती कंपनी की सिर्फ़ दो प्रोडक्ट्स और दो प्रमुख क्लाइंट्स पर निर्भरता है, जिनकी FY23 में इसके रेवेन्यू में 56 फ़ीसदी हिस्सेदारी थी. अगर इन क्लाइंट्स को कोई समस्या आती है या वे अपने कॉन्ट्रैक्ट बदलते हैं, तो इससे गुजरात थेमिस के खातों पर काफ़ी असर पड़ सकता है.

इसके अलावा, API मैन्युफ़ैक्चरिंग मार्केट में प्रवेश करने से कंपनी के लिए अपने क्लाइंट्स के साथ हितों का टकराव पैदा हो सकता है, जो API व्यवसाय में भी हैं.

निवेशक की बात

गुजरात थेमिस की शानदार ग्रोथ निवेश की एक अच्छी वजह नज़र आती है. इसकी क्षमता विस्तार पहल भी इसमें इजाफ़ा करती है. हालांकि, उपरोक्त जोख़िमों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.

इसके अलावा, शेयर का मूल्यांकन भी चिंताजनक है. ये लगभग 54 गुना के P/E (प्राइस-टू-अर्निंग) रेशियो पर ट्रेड करता है. अगर P/E 33 गुना (BSE हेल्थकेयर इंडेक्स में फ़ार्मा कंपनियों के लिए औसत P/E) तक कम हो जाता है और इसका EPS (प्रति शेयर आय) सालाना 20 फ़ीसदी बढ़ता है, तो अगले पांच साल में इसका शेयर मूल्य सालाना केवल 8.9 फ़ीसदी बढ़ेगा. ये सरकारी बॉन्ड यील्ड रेट 7 फ़ीसदी (रिस्क-फ़्री रेट) से थोड़ा ही ज़्यादा है.

साथ ही, ध्यान दें कि ये स्टॉक रिकमंडेशन नहीं है. हमने केवल उन फ़ैक्टर्स का पता लगाया है जिनके कारण हाल ही में उछाल आया है. निवेश का कोई भी फैसला लेने से पहले आपको किसी बिज़नस और उसके उद्योग का अच्छी तरह से पता लगाना चाहिए.

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