फ़र्स्ट पेज

एक दिन बनाम कई साल

जल्दबाज़ी की प्रतिक्रिया से धैर्य हमेशा बेहतर होता है

narendra modi का बयान और लोगों का बढ़-चढ़कर निवेश करनाAI-generated image

back back back
4:55

कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि 4 जून को जब चुनावी नतीजे आएंगे तो शेयर बाजार नए रिकॉर्ड बनाएगा. अब, ट्रेडरों की एक ख़ास नस्ल जो जगत-प्रसिद्ध 'टिप' पर ज़िंदा रहती है उसने इस टिप को ख़ुशी-ख़ुशी लपक लिया है. इतना ही नहीं, बहुत से लोग जो स्टॉक निवेश में दिलचस्पी रखते हैं मगर अभी तक निवेश शुरू नहीं किया है, उनके लिए कहा जा सकता है कि वो अचानक जाग गए हैं. मेरा एक मित्र निवेश शुरू करने की गाइडेंस तलाश रहा है और ठान कर बैठा है कि जितना भी हो सके उतना निवेश उसे किसी भी तरह 3 जून से पहले करना है!

ये हास्यास्पद है कि कैसे एक अकेला बयान इतना उन्माद पैदा कर सकता है. अचानक, हर किसी के भीतर का वॉरेन बफ़े भीतर से फूट-फूट कर बाहर आ रहा है, यहां तक ​​कि एक शख़्स जिसने कभी शेयर बाज़ार की दिशा में भी नहीं देखा होगा, आज एक उत्साही प्रशंसक बना हुआ है. दरअसल, उत्साह एक ऐसा भाव है जिसकी तुलना छूत के रोग से करना ग़लत नहीं होगा. मेरे दोस्त—और मेरे अपने लिए—ये याद रखना अच्छा रहेगा कि निवेश कोई फ़र्राटा दौड़ नहीं. ये एक मैराथन जैसा है जहां धीमा और स्थिर मन वाला व्यक्ति अक्सर खेल जीत जाता है. तो, हमें एक गहरी सांस लेनी चाहिए, कुछ रिसर्च करनी चाहिए, और मात्र एक गर्मागर्म टिप के चलते गोता नहीं मार लेना चाहिए, फिर चाहे टिप की धारा कितनी ही ऊंची चोटी से फूटी हो!

असल में, ये रवैया मुझे 1997 में शेयरधारकों को लिखे बफ़े के पत्र की बात याद दिलाता है. “एक छोटा क्विज़: अगर आप जीवन भर हैमबर्गर खाने का प्लान बनाते हैं और पशु पालक नहीं हैं, तो क्या आपको मीट के लिए ज़्यादा क़ीमत की इच्छा करनी चाहिए या कम की? इसी तरह, अगर आप अक्सर कार ख़रीदते हैं लेकिन ऑटो निर्माता नहीं हैं, तो क्या आपको कार की ऊंची क़ीमतें पसंद आनी चाहिए या कम? बिना शक़, ये सवाल अपना जवाब ख़ुद दे देते हैं. लेकिन अब आख़िरी परीक्षा: अगर आप अगले पांच साल के दौरान सिर्फ़ बचत करने वाले हैं, तो क्या आपको इस अवधि में शेयर बाज़ार के ऊंचे स्तर की उम्मीद करनी चाहिए या निचले? कई निवेशक इसे ग़लत तरीक़े से समझते हैं. भले ही वे आने वाले कई साल तक शेयरों को सिर्फ़ ख़रीदेंगे, पर जब स्टॉक की क़ीमतें बढ़ती हैं तो वे ख़ुश होते हैं और जब स्टॉक गिरते हैं तो मायूस हो जाते हैं. असल में, वे ख़ुश हैं क्योंकि 'हैमबर्गर' की क़ीमतें बढ़ गई हैं जिन्हें वे जल्द ही ख़रीदेंगे. ऐसी प्रतिक्रिया का कोई मतलब नहीं है.”

ये भी पढ़िए- निवेशक का असली काम क्या है?

बफ़े की अक्लमंदी एक छोटा सा रिमाइंडर है कि लंबे समय का नज़रिया ही मायने रखता है. अगर आप अभी ख़रीदने और 5 तारीख़ को बेचने का प्लान कर रहे हैं, तो हां, ये रवैया समझ में आता है. इसलिए, जबकि 4 जून के आसपास की चर्चा रोमांचक हो सकती है, महत्वपूर्ण तो ये है कि हम अपने निवेश के लक्ष्यों को वास्तविकता के धरातल पर टिकाएं रखें और मार्केट के छोटी अवधि के आकलन से प्रभावित न हों. निवेश, सावधानी से प्लान करने के बारे में ज़्यादा और नए-नए ट्रेंड्स के पीछे भागने के बारे में कम होना चाहिए. इसके अलावा, ये समझना भी अहम है कि शेयर बाज़ार पर अनगिनत फ़ैक्टर असर कर सकते हैं, जिसमें सिर्फ़ राजनीतिक घटनाएं ही नहीं बल्कि आर्थिक कारण, वैश्विक बाज़ार के रुझानों के साथ-साथ और भी बहुत कुछ शामिल हो सकता है.

हालांकि, उत्साह होने की बात मैं समझता हूं. असल में, पिछले कुछ साल भारतीय इक्विटी निवेशक के लिए अद्भुत रहे हैं और अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहे, तो भविष्य को लेकर हर निवेशक का ये अति-उत्साह पूरी तरह से जायज़ है. हालांकि, 'भविष्य' कोई ख़ास दिन, या कोई एक हफ़्ता या कोई एक महीना नहीं है. भविष्य ही वास्तविक भविष्य है, जो कई साल और कई दशक में फैला हुआ है. असल में टिकाऊ और फ़ायेदमंद निवेश की यात्रा में, कड़ी मेहनत से नहीं बचना ही सही रहता है: एक अच्छी तरह से सोची-समझी रणनीति बनाएं, निवेश को सावधानी से चुनें, अपने पोर्टफ़ोलियो में डाइवर्सिटी (विविधता) लाएं और बाज़ार के उतार-चढ़ावों (जो होंगे ही) के बीच धैर्य को अपना साथी बनाएं. ये नज़रिया न केवल रिस्क कम करता है बल्कि लंबे समय में हमें कंपाउंडिंग का फ़ायदा भी देता है.

ऐसा कुछ भी नहीं जो एक ही दिन में मिले और उस असली वैल्थ की पैमाइश कर सके जो आप कई बरस में पैदा करते हैं. आइए दिनों का नहीं, बल्कि बरसों का लक्ष्य बनाएं.

ये भी पढ़िए- उफनती लहरें और Equity Market के लिए सबक


टॉप पिक

SIP में 'लॉन्ग-टर्म' क्या होना चाहिए?

पढ़ने का समय 3 मिनटManuj Jain

एक नए तरीक़े का म्यूचुअल फ़ंड

पढ़ने का समय 3 मिनटधीरेंद्र कुमार

प्रॉपर्टी बेचने पर मिले ₹1.5 करोड़ कहां निवेश करूं?

पढ़ने का समय 2 मिनटवैल्यू रिसर्च

Stock Rating Update: 20 स्टॉक जो अब बेहद सस्ते हैं

पढ़ने का समय 2 मिनटवैल्यू रिसर्च

Waaree Energies IPO: क्या आपके लिए निवेश का मौक़ा है?

पढ़ने का समय 6 मिनटSatyajit Sen

स्टॉक पॉडकास्ट

updateनए एपिसोड हर शुक्रवार

Invest in NPS

एक मैनिफ़ैस्टो इक्विटी निवेशकों के लिए

भविष्य की आशा और सतर्कता के मेल के साथ-साथ लंबे समय का नज़रिया कैसे सच्चे इक्विटी निवेशकों को दूसरों से अलग बनाता है.

दूसरी कैटेगरी