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नए निवेशक इस साल अपना बोनस कहां निवेश करें? सबसे बेहतर विकल्प

समझदारी से निवेश करके अपना पैसा बढ़ाएं

नए निवेशक इस साल अपना बोनस कहां निवेश करें? सबसे बेहतर विकल्प

हाइब्रिड ही भविष्य है -- अगर आपने ये बात कहने वाले लोगों को संजीदगी से लिया होता, तो आप करोड़पति हो गए होते. पर हम यहां हाइब्रिड EVs की बात नहीं कर रहे हैं. हम हाइब्रिड फ़ंड्स की बात कर रहे हैं.

हाइब्रिड म्यूचुअल फ़ंड्स अलग-अलग एसेट क्लास (इक्विटी, डेट, रियल एस्टेट, गोल्ड, आदि) में निवेश करते हैं, जिससे वे नए निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन जाते हैं.

हाइब्रिड फ़ंड्स अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश के ज़रिए (डाइवर्सिटी लाकर) स्थिरता प्रदान करते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि हरेक एसेट क्लास आमतौर पर मार्केट में अलग-अलग स्थितियों के दौरान अलग-अलग प्रदर्शन करता है. उदाहरण के लिए, आर्थिक उछाल के दौरान इक्विटी निवेश फलता-फूलता है, जबकि मंदी के दौरान डेट निवेश अच्छा रिटर्न देता है और इक्विटी पीछे रह जाती है.

इसके अलावा, हाइब्रिड फ़ंड्स नए निवेशकों के लिए एक बेहतरीन स्प्रिंगबोर्ड साबित हो सकते हैं. चूंकि वे जोख़िम और रिटर्न के बीच संतुलन बनाए रखते हैं, इसलिए इससे निवेश जगत में नए निवेशकों का भरोसा क़ायम करने में मदद मिलती है.आख़िर में, ये हमें इक्विटी में निवेश को लेकर प्रशिक्षित करता है, जो कि लॉन्ग-टर्म में वेल्थ बनाने के लिए सबसे अच्छा एसेट क्लास है.

हाइब्रिड फ़ंड्स के फ़ायदों को देखते हुए, आइए इस बार हम अपना सालाना बोनस बर्बाद न करें. लक्ज़री लाइफ जीने में या अपने दोस्तों जैसी लाइफस्टाइल के चक्कर में क्षमता से ज़्यादा ख़र्च करने में मज़ा तो आता है, पर कई बार महीने के आख़िर में हमें बहुत ज़्यादा दिक़्क़त होती है या अपने माता-पिता से मदद तक मांगनी पड़ती है.

तो, आइए इस शर्मिंदगी से बचें और समझदारी से पैसा कमाएं.

हाइब्रिड फ़ंड्स को समझें

हाइब्रिड फ़ंड्स कई तरह के होते हैं, जैसे बैलेंस्ड फ़ंड्स, बैलेंस्ड एडवांटेज़ फ़ंड्स, मल्टी-एसेट एलोकेशन फ़ंड्स और एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड्स.

इस लेख को जटिल बनाए बिना हम आख़िरी के दो फ़ंड्स -- मल्टी-एसेट एलोकेशन और एग्रेसिव हाइब्रिड -- के बारे में बात करेंगे.

मल्टी-एसेट एलोकेशन फ़ंड्स तीन या उससे ज़्यादा एसेट क्लास में निवेश करते हैं, जिनमें से हरेक में कम से कम 10 फ़ीसदी पैसा निवेश किया जाता है. आमतौर पर, इन एसेट क्लास में इक्विटी और डेट से लेकर गोल्ड और रियल एस्टेट शामिल होते हैं.

दूसरी ओर, एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड्स इक्विटी में 65-80 फ़ीसदी और डेट में 20-35 फ़ीसदी तक निवेश करते हैं.

परफ़ॉर्मेंस

परफ़ॉर्मेंस के लिहाज से एग्रेसिव हाइब्रिड ज़्यादा बेहतर साबित हुए हैं. भले ही थोड़ा ज़्यादा जोखिम लिया हो, पर उन्होंने पिछले तीन साल में लगातार औसत मल्टी-एसेट फ़ंड्स से बेहतर प्रदर्शन किया है.

इस बेहतर परफ़ॉरमेंस की वजह पिछले पांच साल (FY) के दौरान इक्विटी (हाई रिस्क-रिवार्ड एसेट क्लास) में ज़्यादा निवेश करना है: मल्टी-एसेट फ़ंड्स के 50 फ़ीसदी की तुलना में लगभग 70 फ़ीसदी.

अपने डेट एलोकेशन के कारण, एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड्स मार्केट में मंदी के दौरान भी डटे रहते हैं.

एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड्स की स्थिरता संख्यात्मक रूप से भी साफ़ झलकती है. मार्च 2019 के बाद से जब भी ब्रॉड मार्केट में गिरावट आई है, 45 एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड्स में से 25 ने ब्रॉड मार्केट इंडेक्स (BSE 500 TRI) से 75 फ़ीसदी से ज़्यादा बार बेहतर प्रदर्शन किया है.

ये फ़ंड्स मल्टी-एसेट फ़ंड्स से भी बेहतर प्रदर्शन करते हैं, जो डाइवर्स एसेट एलोकेशन के कारण ज़्यादा सुरक्षित दिखाई देते हैं.

एक बेहतरीन आंकड़ा ये भी है कि मार्च 2020 में आई तगड़ी गिरावट के दौरान, एक को छोड़कर सभी एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड्स मार्केट से कम गिरे.

टैक्स ट्रीटमेंट

एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड्स यहां भी बाज़ी मार लेते हैं. इन्हें इक्विटी-ओरिएंटेड फ़ंड्स माना जाता है, जिनमें लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स सिर्फ़ 10 फ़ीसदी लगता है.

ये भी पढ़िए- क्या मुझे इक्विटी फ़ंड के मुनाफ़े पर टैक्स देना होगा?

मल्टी-एसेट फ़ंड्स का मामला अलग होता है. मल्टी-एसेट एलोकेशन फ़ंड्स के लिए टैक्स ट्रीटमेंट उनके पिछले 12 महीने के औसत इक्विटी एलोकेशन के आधार पर अलग-अलग होता है. अगर उनके पास 65 फ़ीसदी से ज़्यादा इक्विटी एलोकेशन है, तो उन पर भी एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड्स जैसा ही टैक्स ट्रीटमेंट लागू होता है.

हालांकि, कम इक्विटी आवंटन इन फ़ंड्स के निवेशकों को ज़्यादा टैक्स देने के लिए मज़बूर करता है.

हमारा मानना

ये तो साफ़ है कि एग्रेसिव हाइब्रिड म्यूचुअल फ़ंड्स नए निवेशक के लिए ज़्यादा आकर्षक विकल्प हैं.

इनका पिछला परफ़ॉरमेंस बेहतर रहा है और एसेट एलोकेशन स्ट्रक्चर भी ज़्यादा साफ़ नज़र आता है, जो मल्टी-एसेट फ़ंड्स की तुलना में ज़्यादा अच्छा रिस्क-रिवार्ड ट्रेडऑफ देता है.

आख़िरी पर ज़रूरी बात ये है कि कुछ मल्टी-एसेट फ़ंड्स गोल्ड में निवेश करते हैं, जो, हमारी राय में, महंगाई से बचा तो सकता है लेकिन लॉन्ग-टर्म में वेल्थ बनाने के लिए सही विकल्प नहीं है -- नए निवेशकों के लिए तो बिल्कुल नहीं.


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