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क्या ये सही समय है एनर्जी सेक्टर म्यूचुअल फ़ंड में निवेश का?

आइए ऊर्जा क्षेत्र के बारे में गहराई से जानें और समझें कि इस क्षेत्र में निवेश का फ़ंड निवेशकों के लिए क्या मायने है

क्या ये सही समय है एनर्जी सेक्टर म्यूचुअल फ़ंड में निवेश का?

भारत एक तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. जहां ऊर्जा की ज़रूरतें तेज़ी से बढ़ रही हैं. 1985 से, प्रति व्यक्ति बिजली की खपत सालाना 15.23 प्रतिशत बढ़ी है, जो 2022 में 1,255 किलोवाट तक पहुंच गई. इसी तरह हमारी ऊर्जा क्षमता, दिसंबर 2019 में 367.28 गीगावॉट से बढ़कर फ़रवरी 2024 तक 427.58 गीगावॉट हो गई. ये विश्व स्तर पर भारत को बिजली का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोग्ता बना देता है.

इस बढ़ती मांग को देखते हुए, इस साल का बजट अक्षय ऊर्जा या रिन्यूएबल एनर्जी की ओर सरकार के ज़ोर को उजागर करता है. इस साल सरकार ने नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के लिए 600 करोड़ रुपये और सोलर प्रोजेक्ट के लिए 10,000 करोड़ रुपये एलोकेट किए हैं.

दिलचस्प बात ये है कि बजट घोषणा के कुछ ही दिनों बाद, SBI म्यूचुअल फ़ंड ने अपना SBI एनर्जी अपॉर्चुनिटीज फ़ंड लॉन्च किया. इस थीमैटिक फ़ंड ने अपने NFO पीरियड के दौरान 6,547 करोड़ रुपये का भारी संग्रह किया. सक्रिय रूप से मैनेज्ड डायवर्सिफ़ाइड इक्विटी फ़ंड स्पेस में, ये ICICI फ़्लेक्सी कैप और SBI मल्टीकैप के बाद इस सदी का तीसरा सबसे बड़ा फ़ंड लॉन्च बन गया.

तो, क्या एनर्जी या ऊर्जा पर फ़ोकस्ड थीमैटिक फ़ंड में निवेश करना सही है? आइए, इस फ़ैसले से पहले देखें कि एनर्जी इंडेक्स और एनर्जी सेक्टर के म्यूचुअल फ़ंड्स ने कैसा प्रदर्शन किया है.

निफ़्टी एनर्जी इंडेक्स का प्रदर्शन

पिछले पांच साल में, निफ़्टी एनर्जी इंडेक्स ने व्यापक S&P BSE 500 TRI को लगातार हराया है. फ़रवरी 2022 में शुरू हुए रूस-यूक्रेन संघर्ष ने डोमेस्टिक रिन्यूएबल और नॉन फ़ॉसिल फ्यूल की मांग को बढ़ाते हुए एनर्जी सिक्योरिटी की आवश्यकता पर और ज़ोर दिया.

एनर्जी सेक्टर फ़ंड का प्रदर्शन

कुछ ही थीमैटिक फ़ंड एनर्जी पर फोकस्ड हैं. SBI के एनर्जी अपॉर्चुनिटीज फ़ंड के अलावा, DSP नेचुरल रिसोर्सेज एंड न्यू एनर्जी , निप्पॉन इंडिया पावर एंड इंफ्रा और टाटा रिसोर्सेज एंड एनर्जी फ़ंड भी हैं. उनमें से, टाटा रिसोर्सेज एंड एनर्जी ने तीन साल के दौरान अपने साथियों के मुक़ाबले, प्रभावशाली प्रदर्शन किया है. इसने 59 प्रतिशत समय ऊर्जा क्षेत्र और व्यापक बाज़ार से बेहतर प्रदर्शन किया.

एनर्जी सेक्टर के म्यूचुअल फ़ंड का प्रदर्शन

संदर्भ के लिए: टॉप फ्लेक्सी-कैप फ़ंड्स ने 71 प्रतिशत समय एनर्जी सेक्टर और व्यापक मार्केट इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया.

फ़ंड का नाम लॉन्च डेट आउटपरफॉर्मेंस (टाइम का परसेंट)
टाटा रिसोर्सेज एंड एनर्जी 28-दिसंबर-15 58.9
निप्पॉन इंडिया पावर एंड इंफ्रा* 08-मई-04 30.1
DSP नेचुरल रिसोर्सेज एंड न्यू एनर्जी 25-अप्रैल-08 33.8
नोट: मार्च 2024 में समाप्त होने वाले पिछले पांच वर्षों में तीन साल के रोलिंग रिटर्न के आधार पर बेहतर प्रदर्शन देखा गया है
*तत्कालीन रिलायंस डायवर्सिफ़ाइड पावर सेक्टर फ़ंड

हालांकि, जब डाउनसाइड प्रोटेक्शन की बात आती है, तो टाटा रिसोर्सेज एंड एनर्जी फ़ंड ने कम लचीलापन दिखाया. इसने 22 में से नौ मामलों में S&P BSE 500 TRI से कम प्रदर्शन किया, जब बाज़ार ने मार्च 2019 और मार्च 2024 के बीच निगेटिव मंथली रिटर्न दिया था. इसके विपरीत, लगातार प्रदर्शन करने वाले फ्लेक्सी-कैप फ़ंड ने समान परिस्थितियों में केवल चार बार ख़राब प्रदर्शन किया.

एक ही जगह ज़्यादा निवेश का रिस्क

थीमैटिक फ़ंड ख़ास सेक्टर या थीम पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिससे ज़्यादा डायवर्सिफ़ाइड फ़ंड्स की तुलना में उतार-चढ़ाव और रिस्क बढ़ जाता है. अगर चुने गए सेक्टर को मंदी का सामना करना पड़ता है तो डायवर्सिफ़िकेशन की कमी के कारण प्रदर्शन ख़राब हो सकता है.

नीचे दी गई टेबल 2019 और 2023 के दौरान (छह महीने के अंतराल में) एनर्जी फ़ंड्स में सबसे अच्छा प्रदर्श करने वाले ऊर्जा क्षेत्र के शेयरों का औसत निवेश का एलोकेशन, और फ़ोकस्ड और फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड्स तुलना दिखाई गई है.

सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले पावर एंड एनर्जी स्टॉक्स का एलोकेशन

फ़ोकस्ड और फ़्लेक्सी कैप फ़ंड्स का भी ऐसे सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले स्टॉक्स में अच्छा ख़ासा एक्सपोज़र है

पीरियड फ़ोकस्ड और फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड्स में एवरेज एलोकेशन (%) एनर्जी फ़ंड्स में एवरेज एलोकेशन (%)
जनवरी '19 से जून '19 17.2 41.7
जुलाई '19 से दिसंबर '19 15.7 28.6
जनवरी '20 से जून '20 19 25.4
जुलाई '20 से दिसंबर '20 11.1 13.2
जनवरी '21 से जून '21 13.3 22.5
जुलाई '21 से दिसंबर '21 3.9 7.8
जनवरी '22 से जून '22 17.2 26.5
जुलाई 22 से दिसंबर 22 2 5.5
जनवरी '23 से जून '23 19.5 37.3
जुलाई '23 से दिसंबर '23 15.2 28.2

आप क्या क्या करें

डायवर्सिफ़िकेशन की कमी के कारण थीमैटिक या सेक्टर आधारित फ़ंड्स से बचें. ये फ़ंड किसी ख़ास सेक्टर पर बहुत ज़्यादा फ़ोकस्ड हैं, जिससे वो उतार-चढ़ाव भरे हो जाते हैं.

एक बेहतर विकल्प होगा, फ़ोकस्ड और फ्लेक्सी-कैप फ़ंड जैसे डायवर्सिफाइड इक्विटी फ़ंड. जैसा कि ऊपर दी गई टेबल में दिखाया गया है, इन फ़ंड्स का टॉप परफ़ॉर्मेंस करने वाले एनर्जी शेयरों में भी निवेश है.

अगर ज़रूरी हो, तो थीमैटिक इन्वेस्टमेंट का आपके इक्विटी पोर्टफ़ोलियो में पुट हो सकता है, पर ये पोर्टफ़ोलियो पर हावी नहीं होना चाहिए. ऐसे फ़ंड्स को आपकी दिलचस्पी के सेक्टर में अतिरिक्त निवेश का रोल अदा करना चाहिए लेकिन इसे आपकी निवेश रणनीति की आधारशिला नहीं होना चाहिए.

यह भी पढ़ें: Tata AMC ने छह सेक्टरल और थीमैटिक फ़ंड लॉन्च किए. क्या आपको निवेश करना चाहिए?


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