T+0 Settlement: शेयर बाज़ार में गुरुवार, 28 मार्च 2024 से T+0 सेटलमेंट लागू हो गया. असल में, ये शेयरों की ख़रीद और बिक्री से जुड़ा नया नियम है. हालांकि, ये योजना अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू हुई है. हम यहां इस बदलाव से जुड़ी हर जानकारी आपको दे रहे हैं.
फिलहाल ये व्यवस्था चुनिंदा शेयरों में कुछ घंटों के लिए शुरू की गई है. ऐसा भारत के स्टॉक मार्केट के इतिहास में पहली बार होने जा रहा है.
क्या है T+0 सेटलमेंट
What is T0 trading? T+0 सेटलमेंट के तहत शेयर बाजार में निवेश करने वालों को स्टॉक्स ख़रीदने के दिन ही उसके डीमैट में ट्रांसफर हो जाएगा. इसी तरह, शेयर बेचने पर पैसा पाने के लिए एक दिन इंतजार नहीं करना होगा. इस T+0 सेटलमेंट के तहत शेयर बेचने के साथ ही पैसा खाते में आ जाएगा.
वैकल्पिक है व्यवस्था
हालांकि, अभी सेटलमेट की नई व्यवस्था ऑप्शनल बेसिस पर उपलब्ध होगी. चूंकि अभी इसे विकल्प के रूप में शुरू किया जा रहा है, ऐसे में T+1 सेटलमेंट अभी जारी रहेगा.
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पूरी तरह लागू करने में लगेगा एक साल
इस नई व्यवस्था को पूरी तरह लागू करने में SEBI को एक साल लगेगा. फिलहाल सभी शेयरों के लिए T+1 सेंटलमेंट साइकल पर काम करता है, जिसमें ऑर्डर के पूरा होने के 24 घंटे के बाद रकम या फिर शेयर खाते में आते हैं.
T+0 सेटलमेंट से क्या फायदा होगा?
1. Benefits of T+0 Settlement: T+0 सेटलमेंट सिस्टम के जरिए इन्वेस्टर्स के अकाउंट में शेयर बेचने वाले दिन ही पैसा आ जाएगा.
2. शेयर खरीदने पर उसी दिन शेयर डीमेट अकाउंट में क्रेडिट हो जाएगा. फिलहाल अगले दिन डीमेट अकाउंट में शेयर क्रेडिट होते हैं.
3. इससे मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ेगी, जिससे वेटिंग पीरियड के किए बिना इन्वेस्टर्स अन्य शेयर ख़रीद सकेंगे.
अभी 25 शेयरों में ही नई व्यवस्था लागू होगी
फिलहाल ये व्यवस्था अंबुजा सीमेंट, अशोक लीलैंड, बजाज ऑटो, बैंक ऑफ बड़ौदा, BPCL, बिड़ला सॉफ्ट, सिप्ला, कोफोर्ज, डिवीज लैब्स, हिंडाल्को, इंडियन होटल्स, JSW स्टील, LIC हाउसिंग, LTI माइंडट्री, MRF, नेस्ले इंडिया, NMDC, ONGC, पेट्रोनेट LNG, संवर्धन मदरसन, SBI, टाटा कॉम्युनिकेशंस, ट्रेंट, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और वेदांता के शेयरों पर लागू है.
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