अगर इमरजेंसी की स्थिति हो, तो क्या NSC को तुड़वाया जा सकता है यानी इसमें प्री-मेच्योर विड्रॉल संभव है?
- एक पाठक
NSC Premature Withdrawal: जब कोई संकट आता है और पैसों की ज़रूरत पड़ती है, तब अपने निवेश किए पैसों पर नज़र जाती ही है. लेकिन निवेश के कुछ ऐसे विकल्प हैं, जिनसे तय समय-सीमा से पहले पैसे नहीं निकाले जा सकते. यहां हम National Saving Certificate से प्री-मेच्योर विड्रॉल की स्थितियों के बारे में बता रहे हैं. आइए पहले जानते हैं कि NSC क्या है.
NSC क्या है? (What is NSC)
NSC को निवेश के पारंपरिक विकल्पों में सबसे पसंदीदा विकल्पों में से एक माना जाता है. इसकी एक वजह ये भी है कि ज़्यादातर लोग अपने पैसों यानी निवेश को लेकर कोई भी जोख़िम नहीं लेना चाहते. और, NSC में निवेश किया गया पैसा पूरी तरह सुरक्षित होता है, क्योंकि इसे भारत सरकार की गारंटी मिली होती है.
गारंटीड ब्याज़
नेशनल सेविंग सर्टिफ़िकेट (NSC) पर ब्याज की गारंटी होती है. यानी, एक बार आपने जिस तय ब्याज़ दर पर NSC करवा ली, तो आपको तय समय तक उसी दर से ब्याज़ मिलेगा.
हालांकि, इसकी ब्याज़ दर सरकार समय-समय पर या आम तौर पर हर तिमाही के लिए बदल सकती है. इस समय NSC की ब्याज़ दर (Interest Rate on NSC) 5 साल के निवेश पर 7.7 फ़ीसदी हैं, और NSC के 10 साल वाला विकल्प बंद कर दिया गया है.
प्री-मेच्योर विड्रॉल कैसे होगा?
NSC में किया गया निवेश अपने पूरे समय के लिए लॉक रहता है. हालांकि, आगे बताई गई स्थितियों में प्री-मेच्योर विड्रॉल संभव है -
1. सिंगल अकाउंट में अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाए, या एक ज्वाइंट अकाउंट में सभी या किसी एक अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाए.
2. राजपत्रित सरकारी अधिकारी होने के नाते गिरवीदार द्वारा ज़ब्त करने पर, जब प्रतिज्ञा इन नियमों के अनुरूप हो.
3. अगर किसी न्यायालय का आदेश हो.
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