PSU Mutual Funds: देश में नरेन्द्र मोदी की अगुआई वाली सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद से सरकारी कंपनियों (PSU) की कायापलट होती दिख रही है. इसका असर PSU स्टॉक्स और इनसे जुड़े म्यूचुअल फ़ंड्स (PSU Funds) पर भी दिखा है.
बीते एक साल की बात करें, तो ये कैटेगरी (इक्विटी: थीमैटिक-पीएसयू) इस अवधि में 86.36 फ़ीसदी का रिटर्न दे चुकी है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अब भी आपके लिए इन फ़ंड्स में निवेश का मौक़ा है?
इसका असर म्यूचुअल फ़ंड्स से जुड़े निवेश के आंकड़ों पर भी दिख रहा है. AMFI के मुताबिक़, मई में सबसे ज़्यादा ₹22,351 करोड़ का इन-फ़्लो सेक्टोरल फ़ंड्स में रहा.
क्या होते हैं PSU Fund?
PSU म्यूचुअल फ़ंड स्कीम, मुख्य रूप से सरकारी कंपनियों (पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग) के शेयरों में निवेश करती हैं. भारत सरकार या राज्य सरकारों के स्वामित्व वाली कंपनियों को PSU कहते हैं. असल में, ये म्यूचुअल फ़ंड स्कीमें, PSU में निवेश के एक आसान तरीक़े के रूप में सामने आई हैं.
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हर कैटेगरी में सबसे बेहतर प्रदर्शन
PSU म्यूचुअल फ़ंड स्कीमों ने बीते एक साल में क़रीब 86 फ़ीसदी (6 अगस्त 2024 तक) से ज़्यादा रिटर्न दिया है. म्यूचुअल फ़ंड के परफ़ॉर्मेंस से जुड़ी लिस्ट में ये कैटेगरी रिटर्न चार्ट में सबसे ऊपर है. ये न केवल थीम बेस्ड या सेक्टोरल फ़ंड कैटेगरी में सबसे ज़्यादा है, बल्कि इसने दूसरी किसी भी इक्विटी कैटेगरी से बेहतर प्रदर्शन करने में क़ामयाबी पाई है.
टॉप 5 PSU Mutual Fund स्कीम
PSU फ़ंड कैटेगरी में क़रीब 5 स्कीमों को एक साल हो गया है.
फ़ंड | एक साल का रिटर्न (%) |
---|---|
CPSE ETF- रेगुलर | 110.89 |
इन्वेस्को इंडिया PSU इक्विटी- डायरेक्ट | 83.58 |
SBI PSU फ़ंड-डायरेक्ट | 82.76 |
ICICI प्रू PSU इक्विटी-डायरेक्ट | 82.25 |
ABSL PSU इक्विटी-डायरेक्ट | 81.7 |
नोट- रिटर्न 6 अगस्त 2024 तक के हैं. यहां सिर्फ़ उन्हीं फ़ंड का रिटर्न दिया गया है जिनको एक साल से ज़्यादा समय हो चुका है. |
क्या अब भी है मौक़ा - हमारी राय
निवेश से पहले सबसे पहली बात आपको ये ध्यान रखनी चाहिए कि अतीत में दिया गया रिटर्न भविष्य में भी अच्छे रिटर्न की गारंटी नहीं होता. इसलिए, निवेश से पहले अपनी तरफ़ से छानबीन ज़रूर कर लें.
वैल्यू रिसर्च के सीईओ धीरेंद्र कुमार के मुताबिक़ , म्यूचुअल फ़ंड का सबसे बड़ा फ़ायदा डाइवर्सिफ़िकेशन है, लेकिन ये फ़ंड्स कुछ कम डाइवर्सिफ़ाइड होते हैं. और, PSU फ़ंड भी एक तरह के थीमैटिक फ़ंड हैं. उन्होंने कहा कि PSU फ़ंड ने पूर्व में कुछ ख़ास रिटर्न नहीं दिया है. हालांकि, पिछले 3-4 साल से ही इनमें तेज़ी दिख रही है. इस तरह के फ़ंड में आप अपना कुछ पैसा लगा सकते हैं, लेकिन ये आपके पोर्टफ़ोलिया का बड़ा हिस्सा नहीं होना चाहिए.
इसीलिए, इसके बजाय आपको दूसरे डाइवर्सिफ़ाइड फ़ंड में निवेश करना चाहिए. असल में दूसरे डाइवर्सिफ़ाइड फ़ंड भी अपना एक हिस्सा PSU कंपनियों में निवेश करते हैं, जिससे आपको PSU कंपनियों में एक्सपोज़र मिल जाता है. अगर आपने PSU फ़ंड में निवेश करना तय कर ही लिया है, तो इनमें अपने पोर्टफ़ोलियो का एक छोटा हिस्सा, यानी 10-15% ही निवेश करना सही रहेगा.
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