हाल में दिनों में IPO (इनीशियल पब्लिक ऑफ़रिंग) के क्रेज़ ने रिटेल निवेशकों और म्यूचुअल फ़ंड्स की गहरी दिलचस्पी को अपनी ओर लुभाया है. पिछले कुछ महीनों में लॉन्च हुए IPO से ₹24,926 करोड़ जुटाए गए हैं. फिर भी, हर IPO अपनी लिस्टिंग पर अच्छा प्रदर्शन नहीं करता; कुछ ज़्यादा वैल्युएशन के साथ बाज़ार में उतरते हैं. मार्च 2020 से लॉन्च हुए 157 IPO में से 32 IPO अभी भी अपने इशू प्राइस से नीचे क़ारोबार कर रहे हैं.
ऐसी अनिश्चितता को देखते हुए, कोई IPO में कैसे निवेश कर सकता है? शुरुआती निवेशक, म्यूचुअल फ़ंड के ज़रिए से IPO में निवेश कर सकते हैं. पेशेवर लोगों द्वारा मैनेज किए जाने वाले म्यूचुअल फ़ंड्स ओवर-सब्सक्राइब किए गए IPOs में डावर्सिफ़ाइड एक्सपोज़र और संभावित अनुपात वाला एलॉटमेंट पेश करते हैं. हालांकि, निवेशकों को मैनेजमेंट फ़ीस देनी होती है और IPO चुनने पर उनका नियंत्रण सीमित होता है. दूसरी तरफ, IPO में सीधा निवेश आज़ादी की इजाज़त देता है लेकिन इसके लिए गहराई से तलाश करने की ज़रूरत होती है और निवेशकों को अनिश्चितता का सामना करना पड़ता है.
ख़ास बात ये है कि म्यूचुअल फ़ंड में टैक्स का भी फ़ायदा है. जब तक फ़ंड बेचा नहीं जाता तब तक मुनाफ़े पर टैक्स नहीं लगता. दूसरी तरफ, IPO से बाहर निकलने (एक साल के अंदर) 15 फ़ीसदी कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है.
तो, क्या कोई म्यूचुअल फ़ंड है जो IPO निवेश पर ध्यान केंद्रित करता है?
एडेलवाइस रीसेंटली लिस्टिड IPO फ़ंड 2018 में लॉन्च किया गया, ये अपने पोर्टफ़ोलियो का कम-से-कम 80 फ़ीसदी हाल ही में लिस्टिड 100 IPO के शेयरों में निवेश करता है. SIP रिटर्न के आधार पर, फ़ंड ने पिछले तीन साल और पांच साल की अवधि में इक्विटी बाज़ार और IPO इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है.
चुने हुए IPO में निवेश
ये फ़ंड हर IPO में निवेश नहीं करता बल्कि अपने निवेश के लिए काफ़ी ध्यान IPOs चुनता है. इस फ़ंड ने अपनी स्थापना के बाद से अक्टूबर 2023 के बीच लॉन्च किए गए 196 IPO में से सिर्फ़ 83 में निवेश किया.
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फ़ंड का प्रदर्शन मिलाजुला रहा है. जहां इसने कई ब्लॉकबस्टर IPO में हिस्सा लिया है, वहीं कुछ बड़े मौक़ों से ये चूका भी है. (टेबल देखें '2018 के बाद से सबसे ज़्यादा मुनाफ़े वाले IPO'). ख़ास बात ये है कि इसने आपदाओं को भी टाल दिया है (टेबल देखें '2018 के बाद से सबसे नुक़सान वाले IPO').
SIP रिटर्न (% में)
3 साल | 5 साल | |
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एडेलवाइस रीसेंटली लिस्टेड IPO फ़ंड | 18 | 23 |
S&P BSE IPO इंडेक्स | 14 | 21 |
S&P BSE सेंसेक्स | 13 | 16 |
नोट: डेटा 1 दिसंबर, 2023 तक |
हमारी राय
फ़ंड ने IPO के उतार-चढ़ाव वाले बाज़ार में अच्छा प्रदर्शन किया है. हालांकि, इसने मंदी का कोई दौर नहीं देखा है. और चूंकि ख़राब IPO से बचने की फ़ंड की ताकत तारीफ़ के क़ाबिल है, इसलिए इस पर विचार किया जा सकता है. मगर इसमें तभी निवेश करें अगर आप एक अग्रेसिव निवेशक हैं जो IPO लहर पर सवारी करने के व्यावहारिक तरीक़े की तलाश कर रहा है.
2018 के बाद से सबसे ज़्यादा मुनाफ़े वाले IPO
कंपनी | लिस्टिंग दिनांक | रिटर्न (%) | निवेश किया गया? |
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रूट मोबाइल | 21/09/2020 | 343 | हां |
लक्ष्मी आर्गेनिक इंडस्ट्रीज | 25/03/2021 | 334 | नहीं |
इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्प | 14/10/2019 | 304 | नहीं |
न्यूरेका | 25/02/2021 | 303 | नहीं |
पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक | 10/01/2021 | 257 | नहीं |
इज़ी ट्रिफ प्लानर | 19/03/2021 | 248 | नहीं |
हैप्पीएस्ट माइंड्स टेक्नोलॉजीज | 17/09/2020 | 230 | हां |
लिखिता इन्फ्रास्ट्रक्चर | 15/10/2020 | 209 | नहीं |
अदानी विल्मर | 02/08/2022 | 189 | नहीं |
क्लीन साइंस एंड टेक्नोलॉजिज़ | 19/07/2021 | 182 | हां |
बर्गर किंग इंडिया | 14/12/2020 | 169 | हां |
वेरंडा लर्निंग सॉल्यूशंस | 04/11/2022 | 153 | नहीं |
साइएंट डीएलए | 07/10/2023 | 145* | हां |
1 दिसंबर, 2023 तक. लिस्टिंग के बाद पहले छह महीनों में इश्यू प्राइस की तुलना में स्टॉक का रिटर्न. 31 अक्तूबर, 2023 तक लॉन्च किए गए IPO का डेटा |
2018 के बाद से सबसे नुक़सान वाले IPO
कंपनी | लिस्टिंग दिनांक | रिटर्न (%) | निवेश किया गया? |
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वन97 कम्युनिकेशंस | 18/11/2021 | -73 | नहीं |
स्टर्लिंग और विल्सन रिन्यूएबिल एनर्जी | 20/08/2019 | -67 | नहीं |
कारट्रेड टेक | 20/08/2021 | -62 | नहीं |
फिनो पेमेंट्स बैंक | 11/12/2021 | -55 | नहीं |
अपोलो माइक्रो सिस्टम्स | 22/01/2018 | -53 | नहीं |
एजीएस ट्रांजैक्ट टेक्नोलॉजीज | 31/01/2022 | -53 | नहीं |
श्रीराम प्रॉपर्टीज़ | 20/12/2021 | -48 | नहीं |
लिस्टिंग के बाद पहले छह महीनों में इश्यू प्राइस की तुलना में स्टॉक का रिटर्न. लॉन्च हुए IPO का 31 अक्टूबर, 2023 तक का डेटा. |
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