इंटरव्यू

'अपने ज़्यादातर फ़ंड्स के लिए हम क्वालिटी और ग्रोथ के पक्ष में रहे हैं'

एक्सिस AMC के श्रेयश देवलकर ने अपनी निवेश रणनीति और निवेशों के बारे में विस्तार से बताया जो उन्हें अपील करते हैं

'We have been on the side of quality and relative growth for most of our funds'

श्रेयश देवलकर ने अगस्त 2023 में एक्सिस म्यूचुअल फ़ंड में इक्विटी के प्रमुख के तौर पर ज़िम्मेदारी संभाली. इस वक़्त, वो AMC की लगभग 17 योजनाएं मैनेज करते हैं, जिनकी कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट ₹1.56 लाख करोड़ है.

हाल ही में एक इंटरव्यू में, देवलकर ने फ़ाइनांस की अपनी यात्रा, निवेश के उनके मंत्र और फ़ंड मैनेजमेंट की लिए रणनीतियों पर चर्चा की. उन्होंने AMC के कुछ प्रमुख फ़ंड्स के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के बारे में भी अपने विचार साझा किए.

यहां इंटरव्यू के कुछ संपादित अंश दिए गए हैं.

इंजीनियरिंग करने के बाद आप फ़ाइनांस की दुनिया में कैसे आये?

अपनी इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद और विशेष रूप से इंडस्ट्री में दो साल तक काम करने के दौरान, 2000 में अर्थव्यवस्थाएं और बाज़ार तेज़ी से मंदी की ओर जा रहे थे. उसके बारे में, और टेक बबल/बस्ट पर बहुत सारा अनालेसिस पढ़ना दिलचस्प था. अर्थव्यवस्था और बाज़ार की गतिविधियों ने निवेश के क्षेत्र में मेरी रुचि पैदा की.

इसके अलावा, इंजीनियरिंग के बाद मेरी दो साल के काम के दौरान स्कीम वैल्युएशन के कई फ़ाइनेंशियल और कमर्शियल पहलू शामिल थे. इसलिए, मैंने फ़ाइनेंस के सेक्टर के विभिन्न पहलुओं में अपने कौशल को और निखारने के लिए प्रबंधन अध्ययन में स्नातकोत्तर (MMS) किया. MMS के बाद, मैंने बैंकों में क्रेडिट रिसर्च अनालेसिस सहित कई भूमिकाएं निभाते हुए फ़ाइनेंस की दुनिया में प्रवेश किया.

जब फ़ाइनांस की बात आती है, और इससे भी ज़्यादा इक्विटी में, तो निवेश हमेशा एक रोमांचक पेशा रहा है. निवेश में न केवल नंबर फ़ाइनेंशियल मॉडलिंग शामिल है, बल्कि इससे भी महत्वपूर्ण बात ये है कि इसमें कंपनी को समझना और उद्योगों का विश्लेषण करना शामिल है. ये किसी व्यवसाय का उसके मूल स्तर पर मूल्यांकन करने के बारे में है. बाद में, मैं उन फ़ैक्टर्स की ओर आगे बढ़ा जो विभिन्न कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइज़ेशन और वैल्युएशन को प्रभावित करने लगे. तो, ये पूरी यात्रा तब भी रोमांचक रही है और अब भी है.

आपने IDFC सिक्योरिटीज़ और बाद में IDFC AMC के साथ काम करते हुए एक रिसर्च एनेलिस्ट के तौर पर शुरुआत की. बेचने वाले पक्ष से ख़रीदने वाले पक्ष की ओर जाना कैसे हुआ? और उस दौरान आपने कौन से बड़े सबक़ सीखे?

एक अच्छा इक्विटी विश्लेषक होना निवेश के काम का मूल है, चाहे वो भूमिका ख़रीदने वाले साइड के एनालिस्ट की हो या बेचने वाली साइड के एनालिस्ट की, या यहां तक कि फ़ंड मैनेजर की हो. यहां तक कि एक्सिस म्यूचुअल फ़ंड में इक्विटी प्रमुख के रूप में मेरी वर्तमान भूमिका में भी, कोशिश हमेशा एक बेहतर विश्लेषक बनने की रही है क्योंकि यही रिटर्न पाने की चाभी है.

आम तौर पर बेचने वाले पक्ष को लेकर, एक विश्लेषक कम सेक्टर कवर करता है और इसलिए किसी ख़ास सेक्टर में गहराई तक जाता है. लेकिन फिर आप अपने ज्ञान को आत्मसात करने में कुछ सेक्टर्स तक ही सीमित रह जाते हैं. जबकि ख़रीदने वाला पक्ष (फ़ंड मैनेजर) का कई सेक्टर्स से ज़्यादा लेना-देना होता है. चाहे कोई विश्लेषक हो या फ़ंड मैनेजर, यह सब कंपनी पर निर्णय लेने के बारे में है, और प्रक्रिया दोनों व्यक्तियों के लिए समान रहती है.

इक्विटी में आप जोख़िम लेते हैं, तो ज़ाहिर है, पूंजी खोने का भी जोख़िम होता है. उस नपेतुले जोख़िम को लेना, और बहुत अधिक गंवाने की कोशिश न करना, बिक्री पक्ष से ख़रीद पक्ष तक विकसित होने के बीच शायद एक अच्छा अंतर है. अगर कोई व्यक्ति एक अच्छा विश्लेषक है, तो उसमें एक अच्छा फ़ंड मैनेजर बनने की क्षमता है. विश्लेषकों के रूप में, कोई तीन-चार क्षेत्रों पर ज़्यादा गहराई से नज़र डालता है, जबकि फ़ंड प्रबंधकों को सात-आठ क्षेत्रों पर नज़र डालनी होती है.

फ़ंड प्रबंधकों को कई क्षेत्रों से अपेक्षाकृत तेज़ी से बढ़ती कंपनियों को चुनने की ज़रूरत है. तो फिर, एक विश्लेषक के रूप में, आपको 30-40 कंपनियों को देखना होगा, और फिर एक फ़ंड मैनेजर के रूप में, आपको 100-200-300 कंपनियों को देखना होगा और फिर उसके आधार पर निर्णय करने का प्रयास करना होगा. तो, फिर से, ये किसी और चीज़ के बजाय विश्लेषक की भूमिका का विस्तार है.

फ़ंड का प्रबंधन करना एक बहुत ही गहरा और आकर्षक काम है. इक्विटी के प्रमुख होने के नाते, आप 17 फ़ंड्स का प्रबंधन कैसे करते हैं? क्या आपके पास ओवरसाइट की चेकलिस्ट है?

इसलिए, AMC स्तर पर, ये एक व्यक्ति की बात नहीं है. हमारे पास विश्लेषकों और फ़ंड मैनेजरों की एक टीम है. और यहीं हर किसी की भूमिका सामने आती है. इसलिए, व्यक्तिगत क्षेत्र के विश्लेषक अपने क्षेत्रों का आकलन करते हैं, और फिर वे उसमें से सबसे अच्छे विचार को सामने लाने की कोशिश करते हैं एक्सिस म्यूचुअल फ़ंड में, हम पोर्टफ़ोलियो में स्टॉक ख़रीदते समय एक प्रक्रिया का पालन करते हैं. जहां तक इक्विटी रिसर्च की प्रक्रिया का सवाल है, हम एक क्वालिटी और ग्रोथ की रणनीति का पालन करते हैं जिसमें हम इन दो मापदंडों पर कंपनियों का आकलन करने की कोशिश करते हैं.

विश्लेषकों को शेयरों की दुनिया से गुज़रना होगा और विचारों के साथ आना होगा. जहां तक फ़ंड प्रबंधन का सवाल है, कई फ़ंड मैनेजर व्यक्तिगत रूप से या सह-फ़ंड मैनेजर के रूप में योजनाओं का प्रबंधन करते हैं. कुछ साल पहले स्कीम कैटेगराइज़ेशन ने फ़ंड प्रबंधन के लिए भी चीज़ों को स्टैंडर्डाइज़ कर दिया है. अब एक परिभाषित यूनिवर्स है जहां से ज़्यादातर निवेश को चुना जाता है.

उदाहरण के लिए, अगर ये एक लार्ज-कैप फ़ंड है, तो हमें टॉप 100 कंपनियों में से वेट (कुल पोर्टफ़ोलियो में हर निवेश का अनुपात) के आधार पर कम से कम 80 प्रतिशत का चयन करना होगा. टीम के साथ बातचीत हर रोज़ होती है और वर्तमान में टीम में आठ फ़ंड मैनेजर हैं. उनमें से कुछ कंपनी के भीतर ही प्रमोट हो कर इस पद पर पहुंचे हैं जबकि कुछ को बाहर से इस इस स्तर पर लाया गया है. हम कुछ कमियों को पाटने के लिए कुछ और फ़ंड मैनेजरों को भी नियुक्त कर रहे हैं.

ऐसी कई स्कीम हैं जिनमें सह-फ़ंड मैनेजर होते हैं. व्यक्तिगत योजना का प्रबंधन करते समय ये कैसे काम करता है?

हमने पिछले साल ज़्यादातर स्कीमों में सह-फ़ंड मैनेजर पेश किए हैं. बढ़ते स्टॉक जगत और अर्थव्यवस्था की व्यापकता के साथ, फ़ंड मैनेजर को कंपनियों के व्यापक समूह का आकलन करने में मदद मिलती है. एक प्रक्रिया के तौर पर ये फ़ंड प्रबंधन और प्राकृतिक बैकअप में निरंतरता लाता है.

आप ख़ुद को एक निवेशक के रूप में कैसे परिभाषित करेंगे - वैल्यू/ग्रोथ या GARP?

इक्विटी मार्केट्स में, हम ग्रोथ, वैल्यू या उचित मूल्य पर वृद्धि (GARP) रणनीति के बारे में कई चर्चाओं में जाते हैं. हमारी नज़र में, सापेक्ष वृद्धि (स्टॉक का औसत से बेहतर बढ़ना) मायने रखती है, और सापेक्ष वृद्धि वो है जो बेहतर प्रदर्शन करती है. अगर सापेक्ष वृद्धि महंगे शेयरों में है, तो वे स्टॉक अच्छा प्रदर्शन करते हैं (उदाहरण के लिए रिटेल इंडस्ट्री में कुछ स्टॉक). अगर सापेक्ष वृद्धि उन शेयरों में है जो वैल्यू/सस्ते हैं, तो वे शेयर अच्छा प्रदर्शन करते रहेंगे.

मार्च 2020 से पहले (कोविड 19 से पहले), ग्रोथ स्टॉक हाई रिटर्न दे रहे थे. हालांकि, कोविड-19 के बाद, सप्लाई चेन की बाधाओं, कमोडिटी में उछाल और सरकारी ख़र्च बढ़ने के कारण, उपभोग क्षेत्र (consumption sector) ने उम्मीद के मुताबिक़ प्रदर्शन नहीं किया. अर्थव्यवस्था के निर्यात वाले हिस्से, कंस्ट्रक्शन वाले हिस्से और निवेश वाले हिस्से में सापेक्ष वृद्धि बेहतर थी.

मार्च 2020 से पहले, अर्थव्यवस्था के उपभोग हिस्से की सापेक्ष वृद्धि लगभग एक दशक तक अधिक थी. इसके साथ ही, खपत और ऊपर बताए दूसरे क्षेत्रों के बीच अंतर लंबी अवधि में अधिक नहीं हो सकता है, भले ही उन्होंने एक से तीन साल की अवधि में हाई रिटर्न कमाया हो. तो फिर, सापेक्ष वृद्धि में बदलाव, हमारी राय में, विभिन्न शैलियों पर बहस के बजाय रिटर्न पैदा करता है.

अधिकतर सायकल मैक्रो और माइक्रो-इकोनॉमिक्स से जुड़ी होती हैं लेकिन पिछले तीन साल में जिओ-पॉलिटिक्स ने भी एक अतिरिक्त भूमिका निभाई है और संभवत: कुछ क्षेत्रों में गतिशीलता बदल दी है. इसलिए, इन बदलावों ने निश्चित रूप से बाज़ार के लिए अंतर्निहित सापेक्ष ग्रोथ के मापदंडों और ग्रोथ के परिदृश्य को बदल दिया है.

किस प्रकार के स्टॉक, बाज़ार की स्थितियां या निवेश के अवसर विशेष रूप से आपके अनुरूप हैं?

हम पोर्टर के फ़ाइव फ़ोर्स मॉडल जैसे पारंपरिक मेट्रिक्स को देखते हैं. शुरुआत करने के लिए, हमें उद्योग की संरचना को देखना चाहिए, कि क्या क्षेत्र को कंसॉलिडेट किया जा रहा है या इसके ग्रोथ में सुधार हो रहा है या क्या प्रतिस्पर्धी गतिशीलता उन कंपनियों के पक्ष में बदल रही है जो आपके पास हैं. ये शुरुआती प्वाइंट है, इसलिए अगला भाग प्रतिस्पर्धी गतिशीलता और व्यवधान के जोख़िम को देखना है. इसलिए, हम उद्योग जगत के नेताओं, उद्योग को चुनौती देने वालों और उन उद्योगों पर नज़र डालते हैं जो मज़बूत हो रहे हैं.

मेरा मानना है कि जब आप महंगी कंपनियां ख़रीदते हैं तो व्यवधान (desruption) का जोख़िम रहता है. जब हम क्वालिटी और ग्रोथ के बारे में बात करते हैं, तो ये पैरामीटर संख्याओं में दिखने चाहिए. हम आम तौर पर इसे शामिल करने का प्रयास करते हैं क्योंकि क्वालिटी, इक्विटी पर रिटर्न (ROE), फ़्री कैश फ़्लो और कैपिटल पर रिटर्न (ROC) के बारे में है. ऐसे कुछ उद्योग या क्षेत्र हो सकते हैं जहां फ़्री कैश फ़्लो दो से तीन साल के लिए नेगेटिव हो सकता है, लेकिन लॉन्ग-टर्म में, उनके पास उचित फ़्री कैश फ़्लो होता है, और ये कइयों में झलकता होता है, और यही बुनियादी पैरामीटर है जब हम स्टॉक की क्वालिटी को देखें.

आपके पास पोर्टफ़ोलियो में टॉप होल्डिंग्स के रूप में एवेन्यू सुपरमार्ट, टाइटन, ट्रेंट और पिडिलाइट जैसे स्टॉक हैं. वे कथित तौर पर महंगे हैं. अगले तीन और पांच साल में इन शेयरों से आपकी रिटर्न की क्या उम्मीदें हैं?

मैं व्यक्तिगत कंपनियों में नहीं जाना चाहूंगा, लेकिन जैसा कि आपने बताया, ज़्यादातर नाम कुल मिला कर रिटेल सेक्टर में हैं. जब हम भारत की उपभोग कहानी को देखते हैं, तो हम FMCG फ़र्म्स, रिटेल कंपनियों और दूसरे सब-सेक्टर और सब-कैटेगरी जैसे कंज़्यूमर ड्यूरेबल और ऑटो सेक्टर को देखते हैं. एक नज़रिया ये है जो मार्केट सायकल दिखाता है. FMCG क़ारोबार को लेकर काफ़ी चिंताएं हैं क्योंकि कई साल बीत चुके हैं और वॉल्यूम ग्रोथ कम बनी हुई है. अगर आप किसी भी इंडस्ट्री में हाई एट्री रेट के साथ काम करना चाहते हैं, और जब हम एंट्री कहते हैं, तो स्पष्ट रूप से, 140 करोड़ लोगों पर एंट्री को कैलकुलेट करना हमेशा अच्छा लगेगा.

इसलिए, जब आप इस तरह के आकलन की कोशिश करते हैं, और फिर जब हम उपभोग सेक्टर (consumer sector) बनाम खुदरा सेक्टर (retail sector) को एक सेक्टर के रूप में देखते हैं, तो हमें एहसास होता है कि ये ग्रोथ का एडिशनल एलिमेंट या अतिरिक्त तत्व है, जो एक सेक्टर के तौर पर रिटेल, गैर-संगठित क्षेत्र से संगठित क्षेत्र में बदलाव देता है; ये पैठ, भौगोलिक पैठ की ग्रोथ का अतिरिक्त अवसर भी देता है.

कुछ मामलों में, हमें हमेशा बाज़ार के विभिन्न क्षेत्रों और अर्थव्यवस्था के ख़ास सेगमेंट को इस मानदंड पर देखना चाहिए ताकि ये निर्धारित किया जा सके कि सापेक्ष ग्रोथ कहां से आएगी. निश्चित तौर से ये ध्यान में रखने की ज़रूरत है कि खुदरा क्षेत्र की कंपनियों ने विफलताएं भी देखी हैं.

ब्लूचिप, मिडकैप, and फ़्लेक्सी कैप जैसी स्कीमों के ख़राब प्रदर्शन का क्या कारण है? प्रदर्शन सुधारने के लिए आप क्या उपाय कर रहे हैं?

हम अपने अधिकांश फ़ंड्स के लिए क्वालिटी और सापेक्ष ग्रोथ के पक्ष में रहे हैं. बाज़ार का वो पक्ष लगभग एक दशक तक उपभोग-उन्मुख क्षेत्रों (consumption-oriented sectors) की ओर केंद्रित था. जबकि उपभोग क्षेत्र में मिड-कैप क्षेत्र में कुछ स्टॉक थे जो महंगे होने के बावजूद हमें अच्छा रिटर्न देते थे, ऐसे सेक्टर भी थे जहां सापेक्ष ग्रोथ हुई थी; हमारा एक्सपोज़र कम था, लेकिन हमने पोर्टफ़ोलियो में कुछ बदलाव किए हैं.

पिछले तीन से चार साल में, हमने अपने पोर्टफ़ोलियो में स्टॉक होल्डिंग्स की संख्या में वृद्धि की है. इसलिए, अगर हमारे मिडकैप फ़ंड में पहले 40-60 स्टॉक थे, तो हमने इसे 70-90 स्टॉक तक नहीं बढ़ाया है. तो, वो प्रक्रिया जारी है, और जहां भी हमें लगता है कि सापेक्ष ग्रोथ हो रही है, वहां हमने अपने पोर्टफ़ोलियो बदल दिए हैं.

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