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रिकवरी की राह पर: चार ऐसे स्टॉक जिन्होंने वापसी की

हम ऐसे चार टॉप स्टॉक्स के बारे में जानेंगे जिनकी ग्रोथ में लगातार सुधार दिख रहा है

रिकवरी की राह पर: चार ऐसे स्टॉक जिन्होंने वापसी की

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याद है जब आपने पहली बार साइकिल चलाई थी? आप लड़खड़ाते हैं और गिरते हैं, लेकिन आख़िर में आप बैलेंस बनाना और आसानी से पैडल चलाना सीख जाते हैं.

किसी बिज़नस का सफ़र भी ऐसा ही होता है. कभी-कभी सबसे बेहतर खिलाड़ी भी खेल के दौरान लड़खड़ाकर गिर जाता है. लेकिन असली वैल्थ क्रिएटर्स आख़िरकार वापस ऊपर आने में क़ामयाब होते हैं और आगे बढ़ने का रास्ता तलाश ही लेते हैं.

हमने वैल्यू रिसर्च स्टॉक रेटिंग (Value Research Stock Ratings) का इस्तेमाल करके ऐसे बिज़नस का पता लगाया, जो अतीत में सपाट थे लेकिन अब उनमें सुधार के संकेत दिखा रहे हैं.

हमने उन कंपनियों का पता लगाया, जिन्होंने पिछले पांच साल में अपने ग्रोथ स्कोर में लगातार सुधार किया है. नोट: हमने सिर्फ़ उन कंपनियों का अनालेसिस किया जिनका मार्केट कैप ₹500 करोड़ से ज़्यादा है.

इस अनालिसिस से हमें आठ कंपनियां मिलीं. सबसे बेहतर स्टॉक्स पर फ़ोकस करने के लिए, हमने इनमें से सिर्फ़ उन टॉप चार कंपनियों को चुना, जिन्होंने अपनी ग्रोथ रेटिंग में सबसे बेहतर तरीक़े से सुधार किया है.

ये लिस्ट इस तरह है:

वापसी की राह पर

जिंदल ड्रिलिंग एंड इंडस्ट्रीज़ ने पिछले 5 सालों में 47 फ़ीसदी का शानदार रिटर्न दिया है

कंपनी मार्केट कैप सेक्टर FY19 में ग्रोथ रेटिंग FY23 में ग्रोथ रेटिंग रेटिंग में अंतर 5Y CAGR रिटर्न (% प्रति वर्ष)
इंडियन ओवरसीज़ बैंक 81242.57 बैंक 0.6 4.7 4.1 22.33
जिंदल ड्रिलिंग एंड इंडस्ट्रीज़ 2202.85 क्रूड ऑयल 3.5 7.6 4.1 47.05
बैंक ऑफ इंडिया 49828.95 बैंक 1 4.7 3.7 4.12
MPS 2907.48 मीडिया एंड एंटरटेनमेंट 3.6 6.8 3.2 28.63

तो अब सवाल ये उठता है कि इन कंपनियों के प्रदर्शन में आए इस बड़े बदलाव का क्या कारण रहा. हमने इनके फ़ाइनेंशियल पैरामीटर्स की गहराई से जांच-पड़ताल की और हमें नीचे दिया डेटा प्राप्त हुआ.

कंपनी टर्नअराउंड के कारण भविष्य का आउटलुक और जोख़िम
MPS
  • स्मार्ट ऐक्विज़िशन: पिछले आठ सालों में इस कंपनी ने सात कंपनियों का ऐक्विज़िशन किया. उनमें से हरेक अपनी फ़ील्ड में लीडर थी.
  • बढ़ता डिजिटल कंज़म्पशन और AI/ML में हालिया प्रगति
  • डिजिटल समाधानों की बढ़ती मांग से मोमेंटम बरक़रार रखने में मदद मिलेगी.
  • हालांकि, इसका 90% से ज़्यादा रेवेन्यू भारत के बाहर (अमेरिका से 50%) से आता है, जिससे व्यापक स्तर पर जोख़िमों की संभावना बनी रहती है.
बैंक ऑफ इंडिया
  • एसेट क्वालिटी में सुधार: इसका ग्रॉस NPA वित्त वर्ष 2018 में 15.8% से घटकर सितंबर 2023 में 5.8% हो गया क्योंकि इसने अपने बैड लोन्स एसेट रिस्ट्रक्चरिंग कंपनियों को बेच दिए.
  • डायवर्सिफ़िकेशन: इसने MSME, रिटेल और कृषि क्षेत्र के लोन्स में अपनी हिस्सेदारी को वित्त वर्ष 2019 में 50% से बढ़ाकर वित्त वर्ष 2023 में 55% कर दिया.
  • अपनी लोन बुक को डायवर्सिफ़ाई करने और अंडरराइटिंग में सुधार करने की कोशिशों से इसे मोमेंटम बनाए रखने में मदद मिल सकती है.
  • एसेट क्वालिटी पर नज़र बनी रहेगी.
इंडियन ओवरसीज़ बैंक
  • फ़ंड्स की कॉस्ट में कमी: इसने अपने CASA (करेंट एकाउंट और सेविंग एकाउंट) रेशियो को वित्त वर्ष 2019 में 38.3 फ़ीसदी से बढ़ाकर वित्त वर्ष 2023 में 44.0 प्रतिशत कर दिया, जिससे फ़ंड्स की कॉस्ट में कमी आई और मुनाफ़ा बढ़ गया.
  • बेहतर अंडरराइटिंग: अपने अंडरराइटिंग के तरीक़ों में सुधार की कोशिशों से ग्रॉस NPA को वित्त वर्ष 2019 में 22 फ़ीसदी से कम करके वित्त वर्ष 2023 में लगभग 7.4 फ़ीसदी करने में मदद मिली.
  • कंपनी सक्रिय रूप से अपनी लोन बुक को डायवर्सिफ़ाई करने और MSME, कृषि और रिटेल लोन में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश कर रही है, जिससे मुनाफ़ा बढ़ सकता है.
  • अंडरराइटिंग के ख़राब तरीक़ों से एसेट क्वालिटी और नेट इनकम में गिरावट आ सकती है.
जिंदल ड्रिलिंग एंड इंडस्ट्रीज़
  • क्रूड ऑयल की कम क़ीमतें: कंपनी कई ऑफशोर ड्रिलिंग प्लेटफॉर्म्स का संचालन करती है. इन प्लेटफॉर्म्स के संचालन की कॉस्ट, क्रूड ऑयल की क़ीमतों के प्रति बहुत ज़्यादा सेंसेटिव होती है. हाल के सालों में क्रूड ऑयल की क़ीमतों में गिरावट से कंपनी को मार्जिन सुधारने में मदद मिली है.
  • विस्तार: कंपनी अपने ऑपरेशन्स को स्मार्ट तरीक़े से बढ़ा रही है, जिससे ज़्यादा कमाई हो रही है.
  • क्रूड ऑयल की क़ीमतें अभी स्थिर हैं. इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि आने वाले वक़्त में भी ये क़ीमतें स्थिर रहेंगी. हालांकि, कुछ वैश्विक घटनाओं के कारण क्रूड ऑयल की क़ीमतों में उतार-चढ़ाव से कंपनी के मार्जिन पर काफ़ी असर पड़ सकता है.

चेतावनी
निवेशक ध्यान दें कि ऊपर दी गई शेयरों की लिस्ट को निवेश के सुझाव के तौर पर न देखा जाए. हमने ये लिस्ट पूरी तरह से क्वांटिटेटिव फ़ैक्टर्स के आधार पर तैयार की है. इन कंपनियों और संबंधित इंडस्ट्री का गहराई से विश्लेषण करना ज़रूरी है. कृपया निवेश करने से पहले ज़रूरी जांच-पड़ताल कर लें.

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