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फ़्रांस्वां रिशान के तरीक़े से स्टॉक कैसे चुनें

Francois Rochon इन्वेस्मटेंट की दुनिया में अपने निवेश के शानदार रिकॉर्ड के लिए मशहूर हैं, यहां जानते हैं स्टॉक सलेक्शन की उनकी फ़िलॉसफ़ी

फ़्रांस्वां रिशान के तरीक़े से स्टॉक कैसे चुनें

फ़्रांस्वां रिशान की फ़र्म, गिवर्नी कैपिटल (Giverny Capital Inc.), अपने शानदार ट्रैक रिकॉर्ड के लिए जानी जाती है. जिसने, 1993 में अपनी स्थापना के बाद से 9 फ़ीसदी के मार्केट बेंचमार्क के मुक़ाबले 14.5 फीसदी से ज़्यादा रिटर्न दिया है.

हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान, रिशान ने फ़ाइनेंस की दुनिया में अपनी शुरुआत से लेकर, अपनी इनवेस्टमेंट फ़िलॉसफ़ी पर चर्चा की. यहां इसके कुछ अंश दिए गए हैं.

फ़ाइनेंस के सफ़र की शुरुआत
इंजीनियरिंग की पढ़ाई ख़त्म करने के बाद, रिशान ने फ़ाइनेंस की कभी औपचारिक ट्रेनिंग नहीं ली. लेकिन जब उनकी नज़र पीटर लिंच की क़िताब 'वन अप ऑन वॉल स्ट्रीट' पर पड़ी, तो इस विषय में उनकी दिलचस्पी बढ़ गई. इसी दौरान उन्होंने वॉरेन बफ़े और चार्ली मंगर मशहूर जोड़ी, और उनकी कंपनी बर्कशायर हैथवे के मशहूर सालाना पत्रों को पढ़ा. इसका भी उन पर गहरा असर पड़ा.

रिशान के मुताबिक़, "मेरा मानना ​​है कि मैंने जो पहली क़िताब पढ़ी वो पीटर लिंच की 'वन अप इन वॉल स्ट्रीट' थी, और यक़ीनन ये पहली बार था कि मैंने वैल्यू इन्वेस्टिंग के बारे में पढ़ा. ये ख़याल, मेरे लिए कुछ नया था कि किसी कंपनी की एक वैल्यू होती है और आप शेयर बाज़ार में इसकी इंट्रिंसिक वैल्यू (आंतरिक मूल्य) से बहुत कम क़ीमत पर इसे ख़रीद सकते हैं, और फिर वॉरेन बफ़े के पत्रों ने असल में निवेश की दुनिया पर मेरे विचार बदल दिए. लेकिन, इससे भी ज़रूरी बात ये है कि इसने मुझे एक जुनून दिया कि मैं बाज़ार में निवेश करूं."

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निवेश में क़ामयाबी का सीक्रेट
रिशान की निवेश रणनीति में दो सिद्धांत सबसे अहम हैं, पहला, सेफ़्टी का मार्जिन और दूसरा ये भरोसा कि लंबे समय में शेयर बाज़ार कंपनियों की सही वैल्यू बता देगा. रिशान के मताबिक़, सेफ़्टी का मार्जिन किसी स्टॉक का मूल्यांकन करने से कहीं ज़्यादा बड़ी बात है. इसमें किसी कंपनी और उसके मेनेजमेंट का मूल्यांकन भी शामिल होता है और ये पता लगाना भी इसी का हिस्सा होता है कि क्या कंपनी बाज़ार की चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना कर सकती है और बढ़ सकती है.

फ़्रांस्वां रिशान कहते हैं, "एक इंजीनियर के तौर पर, सेफ़्टी के मार्जिन की बात असल मेरी सोच के साथ मेल खाई. और मैं कहूंगा कि इस सिद्धांत को, सिर्फ़ इवैलुएशन (मूल्यांकन) से कहीं ज़्यादा बढ़ाया जा सकता है, लेकिन बिज़नस की क्वालिटी, उसके मैनेजर, और बैलेंस शीट की क्वालिटी, जिसके उदाहरण के तौर पर, इस साल जिन कंपनियों के पास कुछ ज़्यादा लेवरेज (leverage) है, उन्हें ब्याज दरों के बढ़ने से काफ़ी नुक़सान हो सकता है. इसलिए आप न केवल वैलुएशन पर, बल्कि हर चीज़ पर सेफ़्टी का मार्जिन चाहते हैं जो कॉर्पोरेशन चलाने के ज़रूरी हिस्सा है."

किसी कंपनी के मैनेजमेंट का इवैलुएशन करने के अलावा, रिशान उन कंपनियों में इनवेस्ट करने की भी सिफ़ारिश करते हैं जो सही मूल्य (fair value) वाली हों और जिनमें लॉन्ग-टर्म ग्रोथ की क्षमता हो. इससे समय के साथ लगातार रिटर्न पैदा करने में मदद मिल सकती है.

लेकिन, वो क्या है जो रिशान के निवेश को शानदार बनाता है?
रिशान के लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट की एक कॉमन थीम है, बेहतरीन मैनेजमेंट और एक यूनीक बिज़नस मॉडल.

उनके मुताबिक़, अगर कोई कंपनी लंबे समय तक मुनाफ़े को बनाए रखते हुए अपनी अनूठी पेशकश के ज़रिए अपने शेयरधारकों के लिए वैल्यू पैदा करती है तो वो कंपनी निवेश के लायक़ है. वो बर्कशायर हैथवे, गूगल और वीज़ा जिनके पास अलग-अलग बिज़नस मॉडल हैं और मुनाफ़े में हैं, उनके बारे में कहते हैं: "मुझे लगता है कि सभी कंपनियों में अच्छे मैनेजरों का कॉम्बिनेशन है, लेकिन न सिर्फ़ शानदार बिज़नस बल्कि कुछ अनोखे बिज़नस भी हैं जो उन्हें प्रतिस्पर्धात्मक मुनाफ़ा देते हैं... इसके अलावा, मुझे लगता है कि उन कंपनियों के पास समझदारी भरे कैपिटल एलोकेशन का एक मज़बूत इतिहास है. और, अगर आप दस साल के लिए एक कंपनी के मालिक होने जा रहे हैं, तो कुछ सालों में आपके पास बहुत सारा रिटर्न होगा जो समझदारी भरे कैपिटल एलोकेशन का नतीजा कहा जाएगा."

ग़लतियों से सीख
इसका मतलब ये नहीं कि रिशान के इनवेस्टमेंट में ग़लतियां ही नहीं हुई. असल में, वो अपनी निवेश संबंधी गड़बड़ियों पर हमेशा ख़ुल कर बात करने वाले रहे हैं, यहां तक कि अपने सालाना पत्रों में भी अपनी ग़लतियों को उजागर करते रहे हैं. उनका मानना है कि ग़तियां सीखने का अच्छा मौक़ा देती हैं और उन्हें ज़मीन से जोड़े रखती हैं.

"ग़लतियां वाला हिस्सा मुझे सुझाव देता है... ये हिस्सा आम तौर पर मुझे इस बात पर सोचने के लिए मजबूर करता है कि साल की तीन सबसे अच्छी ग़लतियां क्या रहीं. ये आपको उन निवेशों के बारे में भी फ़ैसले लेने के लिए मजबूर करता है जो निवेश, आपने किए और उनके बारे में भी, जो निवेश आपने नहीं किए... मुझे लगता है कि ये आपके फ़ैसलों से हमेशा सीखने की कोशिश करना, एक प्रोसेस बना देता है... जिसके ज़रिए आप ये तय करते हैं कि भविष्य में, आप ये ग़लतियां दोबारा न करें ''

ये फ़्रांस्वां रिशान (Francois Rochon ) के कुछ नायाब निवेश सबक़ हैं. उनके निवेश की फ़िलॉसफ़ी को गहराई से जानने के लिए, हम आपको उनका पूरा इंटरव्यू देखने की सलाह दे रहे हैं.

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